गार्डन की दलदली मिट्टी को कैसे ठीक करें – How To Fix Marshy Soil In Garden In Hindi

होम गार्डन की दलदली मिट्टी गार्डनर्स की एक सामान्य समस्या है। यह समस्या अधिकांशतः बरसात या ठंड के मौसम में होती है। गार्डन में कीचड़ भरी मिट्टी के साथ न केवल काम करना मुश्किल है, बल्कि यह आपके पौधों के लिए हानिकारक भी हो सकती है। गार्डन की दलदली मिट्टी के कारण पौधों को बहुत सी समस्याओं जैसे खराब जल निकासी, कम एयरेशन और ऑक्सीजन की कमी आदि का सामना करना पड़ सकता है। यदि आपके गार्डन की मिट्टी अधिक गीली या दलदली है और आप उसे ठीक करना चाहते हैं, तो हमारा यह आपकी मदद करेगा। जिसमें हम आपको दलदली मिट्टी में सुधार या उस मिट्टी को ठीक करने के उपाय (Solutions For Soggy Soil In Hindi) बताएंगे। होम गार्डन की दलदली मिट्टी को कैसे ठीक करें, गीली मिट्टी में सुधार करने के तरीके जानने के लिए आर्टिकल पूरा पढ़ें।

दलदली मिट्टी के नुकसान – Disadvantages Of Marshy Soil In Hindi 

दलदली मिट्टी के नुकसान - Disadvantages Of Marshy Soil In Hindi 

  • जब मिट्टी बहुत अधिक गीली और दलदली हो जाती है, तो यह कॉम्पैक्ट हो जाती है और इसके छिद्रों की जगह खत्म हो जाती है, जिससे पौधे की जड़ें आवश्यक पोषक तत्वों को अवशोषित नहीं कर पाती हैं। इससे उनकी ग्रोथ पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है।
  • दलदली मिट्टी में एरेशन नहीं होता है, जिससे पौधे की जड़ों को बढ़ने और विकसित होने के लिए ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है।
  • अधिकांश पौधे दलदली मिट्टी में लगे होने की वजह से रूट रॉट के लिए अतिसंवेदनशील होती हैं।
  • यदि आप बहुत अधिक गीली मिट्टी में बीज बोते हैं, तो उनके सड़ने की संभावना होती है।

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दलदली मिट्टी की जांच कैसे करें – How To Check Marshy Soil In Garden In Hindi 

 

दलदली मिट्टी की जांच कैसे करें - How To Check Marshy Soil In Garden In Hindi 

गार्डन में दलदली मिट्टी की जांच करने का सबसे आसान तरीका है कि मिट्टी को हाथ में रखें तथा मुठ्ठी को बंद करें।

यदि मिट्टी हाथों में चिपक जाती है और मुठ्ठी बंद करने पर चिपककर कड़ी हो जाती है, तो इसका मतलब हैं, वह बहुत दलदली या गीली कीचड़युक्त है। अगर हाथ में लेने पर बिना चिपके मिट्टी की नाजुक बॉल बन जाती हैं तथा तोड़ने पर वह बॉल आसानी से बिखर जाती है, तो इसका मतलब हैं, कि वह मिट्टी बहुत अच्छी है।

(यह भी जाने: मिट्टी तैयार करने के बेस्ट गार्डनिंग टूल्स….)

दलदली मिट्टी को ठीक करने के उपाय – Ways To Improve Marshy Soil In Hindi 

यदि गमले की मिट्टी की जांच करने के दौरान वह आपको गीली या दलदली लगती है, तो आप निम्न तरीके के द्वारा अपनी मिट्टी को ठीक कर सकते हैं। दलदली मिट्टी में सुधार करने के उपाय कुछ इस प्रकार हैं:-

मिट्टी को पलटें – Turn The Garden Soil In Hindi 

मिट्टी को पलटने से उसे हवा मिलती है और जमी हुई कॉम्पैक्ट मिट्टी को तोड़ने में मदद मिलती है। इसके अलावा पानी को तेजी से बहने में मदद मिलती है। अतः मिट्टी को ठीक करने के लिए फावड़े या हैंड ट्रॉवेल का उपयोग करके गार्डन या गमले की मिट्टी को पलट दें, इससे वह जल्दी सूख सकती है।

सॉइल में कार्बनिक पदार्थ मिलाएं – Add Organic Matter To Marshy Soil In Hindi 

सॉइल में कार्बनिक पदार्थ मिलाएं - Add Organic Matter To Marshy Soil In Hindi 

अपने गार्डन की मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ जैसे गोबरखाद, कम्पोस्ट खाद, पुआल या सूखे पत्ते आदि चीजें मिलाने से मिट्टी की संरचना और जल निकासी में सुधार करने में मदद मिलेगी। इससे न सिर्फ मिट्टी में सुधार बल्कि पौधों को बढ़ने के लिए पोषक तत्व भी मिलेंगे।

गार्डन की मिट्टी को खोदें तथा इसमें लगभग 6 इंच तक जैविक खाद मिलाएं। यदि आप ग्रो बैग में पौधे लगाते हैं, तो मिट्टी को पलटकर उसमें कार्बनिक पदार्थ मिलाएं।

(यह भी जाने: पौधों के लिए जैविक खाद के प्रकार और उनके उपयोग…)

रेत, पर्लाइट या वर्मीकुलाइट मिलाएं – Mix In Marshy Soil Sand, Perlite Or Vermiculite In Hindi 

रेत, पर्लाइट या वर्मीकुलाइट मिलाएं - Mix In Marshy Soil Sand, Perlite Or Vermiculite In Hindi 

यदि आपके पास भारी चिकनी मिट्टी है, तो उसकी संरचना और जल निकासी में सुधार करने के लिए आपको कुछ आवश्यक चीजों को मिलाना होगा। गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में बेहतर ड्रेनेज के लिए आप निम्न चीजों का उपयोग कर सकते हैं:-

  • रेत (Sand) – यदि आप मिट्टी में रेत मिलाते हैं, तो इससे जल निकासी में तो सुधार हो सकता है। लेकिन रेत वजन में भारी रहती है, जिससे आप इसका यूज़ सिर्फ होम गार्डन की मिट्टी में ही कर सकते हैं।
  • पर्लाइट (Perlite) – यदि आप मिट्टी में पर्लाइट मिलाते हैं, तो यह वजन में काफी हल्का होता है। जिसे अक्सर गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में सुधार करने के लिए मिलाया जाता है।
  • वर्मीकुलाइट (Vermiculite) – वर्मीकुलाइट एक हल्का पदार्थ है, जो मिट्टी की जल निकासी तथा नमी धारण क्षमता दोनों को बढ़ाता है। इसके अलावा यह मिट्टी में सूक्ष्म पोषक तत्वों की भी वृद्धि करता है।

जल निकासी की व्यवस्था करें – Arrange Water Drainage In Home Garden In Hindi 

गार्डन की कीचड़ भरी मिट्टी में खराब जल निकासी एक बड़ी समस्या हो सकती है इसलिए पानी को निकलने के लिए जगह-जगह नालियाँ बनवाएं।

यदि आप ग्रो बैग में पौधे लगाते हैं, तो बेहतर ड्रेनेज प्रदान करने के लिए उसकी तली में कंकड़ या बजरी की परत बिछाएं। आप इन ग्रो बैग्स को रखने के लिए ड्रेनेज मेट या प्लांट स्टैंड का उपयोग करें।

बारिश के पानी को इकट्ठा करने के लिए अपने गार्डन में निचले हिस्से पर छोटे-छोटे गड्ढे बना सकते हैं।

(यह भी जाने: मिट्टी की निराई गुड़ाई करने में बेहद काम आते हैं ये गार्डन टूल्स…)

गार्डन में रेज्ड बेड बनाएं – Build Raised Beds In The Garden In Hindi 

गार्डन में रेज्ड बेड बनाएं - Build Raised Beds In The Garden In Hindi 

होम गार्डन में रेज्ड बेड बनाकर मिट्टी की जल निकासी में काफी हद तक सुधार किया जा सकता है। इनसे न केवल ड्रेनेज में, बल्कि एयरेशन में सुधार करने में भी मदद मिल सकती है। उंचाई पर लगे हुए पौधे काफी सुंदर और आकर्षक भी दिखाई देते हैं।

हरियाली युक्त पौधे उगायें – Grow Green Plants In Marshy Garden In Hindi 

कुछ समय के लिए अपने गार्डन में मटर, तिपतिया घास, लेट्यूस और केल जैसे पत्तेदा पौधे उगाएं यह पौधे मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा में वृद्धि करते हैं और उसकी जल निकासी में सुधार करती हैं।

(यह भी जाने: गीली मिट्टी क्या है, जानें इसमें उगने वाले पौधों के नाम….)

दलदली मिट्टी में उगने वाले पौधे – Plants Growing In Marshy Soil In Hindi  

दलदली मिट्टी में उगने वाले पौधे - Plants Growing In Marshy Soil In Hindi  

अगर आपके गार्डन की मिट्टी दलदली है तो आप उसमें गीली मिट्टी में उगने वाले निम्न पौधे लगा सकते हैं:-

  • लेमनग्रास (Lemon Grass)
  • पुदीना (Mint)
  • अरबी (Taro/Elephant Ear)
  • मार्श गेंदा (Marsh Marigold)
  • मॉर्निंग ग्लोरी (Morning Glory)
  • डेलिली (Daylily)
  • कैना (Canna)
  • आइरिश (Iris)
  • इम्पेतिन्स (Impatiens) आदि।

इस लेख में आपने जाना होम गार्डन की दलदली या गीली मिट्टी को कैसे ठीक करें, मिट्टी में सुधार या ठीक करने के उपाय या तरीके के बारे में। उम्मीद है हमारे लेख से आपको मदद मिली हो। इस लेख के संबंध में आपके जो भी सुझाव हैं, हमें कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं।

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