क्या आप अपने होम गार्डन में लगे हुए पौधों को हरा-भरा रखने तथा स्वस्थ तरीके से जल्दी बड़ा करने के लिए सबसे अच्छे जैविक उर्वरक की तलाश कर रहें हैं? यदि हाँ, तो आज हम आपको इस लेख में घर पर जैविक तरीके से बनाई जाने वाली हरी खाद (Green Manure) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे। वैसे तो मार्केट में कई प्रकार के जैविक तथा रासायनिक खाद व उर्वरक मौजूद हैं, लेकिन घर पर स्वयं तैयार की हुई जैविक खाद का उपयोग कर पौधे की स्वस्थ व अच्छी वृद्धि देखकर हमें अधिक ख़ुशी होती है। इस आर्टिकल में हरी खाद क्या है, गार्डन में या गमले में लगे हुए पौधों के लिए हरी खाद के प्रकार, उपयोग तथा फायदे (Hari khad banane ki vidhi tatha iska upyog) के अलावा हरी खाद कैसे बनती है? के बारे में बताया गया है, अधिक जानकारी के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
हरी खाद क्या है – What is Green Manure in Hindi
मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करने तथा पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा को जोड़ने के लिए, गार्डन में उगाई गयी पत्तेदार सब्जियों या फलीदार पौधों से तैयार की गई ऑर्गेनिक खाद को हरी खाद (Green Manure) कहा जाता है। इसे दो तरीके से प्राप्त किया जा सकता है:
- पत्तेदार सब्जियों व फलियों वाले पौधों जैसे- मटर, बीन्स इत्यादि को गार्डन में उगाकर।
- गार्डन में या किसी अन्य स्थान पर उग रहे पौधों की हरी पत्तियों व शाखाओं को इकट्ठा करके।
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हरी खाद में उपयोग किए जाने वाले पौधे – Green Manure Crops in Hindi
यदि आपके मन में सवाल उठ रहा है कि हरी खाद कैसे बनती है, तो हम आपको बता दें कि हरी खाद बनाने के लिए मुख्यतः फलियों वाले पौधे तथा झाड़ियों वाले पौधों का उपयोग किया जाता हैं, इसमें अनेक प्रकार के पौधे शामिल हैं, जिनका हरी खाद के रूप में अपना अलग महत्त्व होता है। फलियों वाले पौधे नाइट्रोजन फिक्सिंग पौधे होते हैं, जो वातावरण से नाइट्रोजन खींचते हैं, इसीलिए हरी खाद के रूप में फलियों वाले पौधों का उपयोग मुख्यतः मिट्टी में नाइट्रोजन पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए किया जाता है तथा गैर फलियों अर्थात् झाड़ियों वाले पौधे मिट्टी में अन्य कार्बनिक पदार्थों की पूर्ति करते हैं। पौधे लगाने या बीजों की बुवाई के समय के आधार पर हरी खाद वाले पौधों को निम्न प्रकारों में विभाजित किया जाता है:
- लंबी अवधि की हरी खाद
- शीतकालीन हरी खाद
- ग्रीष्मकालीन हरी खाद
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लंबी अवधि की हरी खाद – Long Duration Green Manure in Hindi
लम्बी अवधि की हरी खाद की श्रेणी में उन पौधों को शामिल किया गया है, जिनको आप एक बार लगाने के बाद लगातार 2-3 वर्षों तक हरी खाद के रूप में उपयोग कर सकते हैं, इन पौधों को आप गर्मी के मौसम में काट कर मल्चिंग के लिए गीली घास के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं, गार्डन में फल वाले पेड़ों के पास उगाई गई लंबी अवधि की हरी खाद, खरपतवारों को नियंत्रित करती है तथा कीटभक्षियों को आवास प्रदान करती है, लम्बी अवधि की हरी खाद के रूप में उगाये जाने वाले कुछ प्रमुख पौधों के नाम निम्न हैं:
- अल्फाल्फा (Alfalfa)
- बारहमासी राईग्रास (Perennial Ryegrass)
- सैनफ़ोइन (Sainfoin)
- कॉक्सफुट (Cocksfoot)
- टिमोथी (Timothy)
- लाल तिपतिया घास (Red Clover)
- सफेद तिपतिया घास (White Clover)
सर्दियों के लिए हरी खाद – Winter Green Manure in Hindi
सर्दियों के लिए हरी खाद के रूप में उपयोग किये जाने वाले पौधे फलियां हो सकती हैं लेकिन अधिकतर गैर-फलियां कवर फसलें होती हैं जैसे- शीतकालीन राईग्रास जो सर्दियों के दौरान नाइट्रेट लीचिंग को कम करती हैं। ये पौधे शरद ऋतु (सितम्बर-दिसंबर) में लगाए जाते हैं, शीतकालीन हरी घास के लिए कुछ प्रमुख उपयोगी पौधे निम्न हैं :
- तिपतिया घास
- चराई राई
- सरसों (mustard)
- फसेलिया
- फील्ड बीन्स
- अनाज
- टेआस
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ग्रीष्मकालीन हरी खाद – Summer Green Manure in Hindi
ग्रीष्मकालीन हरी खाद वाले पौधे कम समय में तेजी से बढ़ने वाले पौधे हैं, इस समय आमतौर पर हरी खाद के रूप में उगाये गए फलीदार पौधे, गार्डन की मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा को बढ़ावा देते हैं तथा कुछ झाड़ियों वाले पौधे कीट नियंत्रण या परागणकों को आकर्षित करने के लिए भी उपयोगी हो सकते हैं। ग्रीष्मकालीन हरी खाद बनाने के लिए कुछ प्रमुख पौधे निम्न हैं :
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हरी खाद फसलों के कुछ प्रमुख कार्य – Major Functions of Green Manure Crops in Hindi
हरी खाद के रूप में उगाई जाने वाली कुछ फसलों के नाम व उनके प्रमुख कार्य निम्न हैं:
- ओट्स, विंटर राई (winter rye), क्लोवर, मटर और दाल इत्यादि फसलें मिट्टी के कटाव को रोकने का कार्य करती हैं।
- अल्फाल्फा, ब्रासिका, सरसों और राई इत्यादि फसलों की खुदाई से मिट्टी व पौधों को कीट और बीमारियों से सुरक्षित किया जाता है।
- बीन्स, मटर, वीच, ल्यूपिन, क्लोवर, अल्फाल्फा और सोयाबीन इत्यादि नाइट्रोजन-फिक्सिंग फसलें मिट्टी में नाइट्रोजन के स्तर में सुधार के लिए लगाई जाने वाली फलीदार फसलें हैं।
- राईग्रास, अनाज और लाल तिपतिया घास पोषक तत्वों का संरक्षण करने वाली फसलें पोषक तत्वों की लीचिंग (बहाव) को कम करती हैं और मिट्टी में अतिरिक्त पोषक तत्व मिलाती हैं।
- मिट्टी में खरपतवार नियंत्रण के लिए शीतकालीन राई, मीठा तिपतिया घास, अनाज इत्यादि हरी खाद फसलें उगाई जाती हैं।
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हरी खाद की फसल लगाने के लिए कंटेनर – Container for Planting Green Manure Crop in Hindi
चूँकि आपको उपर्युक्त बताए हुए पौधों में से चुने हुए पौधे को हरी खाद के रूप में इस्तेमाल करना है, जिसके लिए आपको अधिक मात्रा में फसल उगाने की आवश्यकता होगी, इन फसलों को आप अपने गार्डन की मिट्टी में लगा सकते हैं या अगर आपके पास अतिरिक्त जगह नहीं है तो आप इन्हें बड़े आकार के गमले या ग्रो बैग में भी उगा सकते हैं, इसके लिए आप निम्न आकार के ग्रो बैग का चुनाव कर सकते हैं:
- 3F X 2F X 1F रेक्टेंगल ग्रो बैग
- 3F X 3F X 1F रेक्टेंगल ग्रो बैग
- 4F X 2F X 1F रेक्टेंगल ग्रो बैग
- 6F X 3F X 1F रेक्टेंगल ग्रो बैग
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हरी खाद के पौधे लगाने की विधि – Method of Planting Green Manure Plants in Hindi
अपने होम गार्डन की मिट्टी में उपयोग करने के लिए हरी खाद की फसल उगाने के लिए आपको अपनी जलवायु व मिट्टी के आधार पर पौधों को चुनना होगा और अपने गार्डन के पौधों में हरी खाद बनाने के लिए सबसे पहले आपको चुने हुए पौधे की फसल को उगाना होगा, हरी खाद की फसलों को लगाने के लिए आप निम्न स्टेप्स फॉलो कर सकते हैं:
- चुने हुए गमले या ग्रो बैग में मिट्टी भरें।
- हरी खाद बनाने के लिए चुनी हुई फसल के बीज मिट्टी में डालें।
- बीजों को बिखेरने के बाद मिट्टी की परत से अच्छी तरह ढंक दें।
- अंकुरण होने तक मिट्टी को हमेशा नम रखें।
- अंकुरण के बाद पौधों की अच्छी तरह देखभाल करें।
- लगभग 6-8 सप्ताह में आपके पौधे हरी खाद के उपयोग के लिए तैयार हो जाएंगे।
हरी खाद बनाने की विधि – How to Make Green Manure in Hindi
हरी खाद बनाना बेहद ही आसान है, आमतौर पर हरी खाद बनाने के लिए तैयार किये गये पौधों को काट लेने के बाद कुछ समय तक उन्हें सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है, तथा फिर उन्हें नम मिट्टी में खुदाई के माध्यम से अच्छी तरह मिलाया जाता है, जिससे फसलों में उपलब्ध पोषक तत्व मिट्टी में अच्छी तरह मिल जाते हैं तथा मिट्टी की संरचना में सुधार हो जाता है। इसके अतिरिक्त हरी खाद वाली फसलों के अच्छी तरह पक जाने के बाद, उन्हें ट्रोवेल टूल्स या 3 फिंगर कल्टीवेटर टूल्स की मदद से मिट्टी को पलटकर दबा दें तथा लगभग 3-4 महीने बाद आप इस मिट्टी में अपने मुख्य पौधे की रोपाई कर सकते हैं।
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गार्डन में हरी खाद का उपयोग कैसे करें – How to Use Green Manure in The Garden in Hindi
गार्डन में हरी खाद का उपयोग करने के लिए आप निम्न तरीके अपना सकते हैं:
- तैयार की हुई हरी खाद को आप साइड ड्रेसिंग के रूप में गार्डन में लगे हुए पौधों के आस-पास की मिट्टी में मिला सकते हैं।
- होम गार्डन में पौधे लगाते समय आप फर्टिलाइजर के रूप में हरी खाद का उपयोग कर सकते हैं।
- गार्डन में हरी खाद का उपयोग करते समय मिट्टी की गुड़ाई कर हरी खाद को मिट्टी में अच्छी तरह मिलाये तथा पौधों को पानी दें।
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गमले में हरी खाद का उपयोग कैसे करें – How to Use Green Manure in Pot in Hindi
पॉटेड प्लांट्स के लिए आप निम्न तरीके से हरी खाद का उपयोग कर सकते हैं:
- अगर आप गमले में पौधे लगाने का विचार बना रहें हैं तो मिट्टी तैयार करते समय हरी खाद को उर्वरक के रूप में मिट्टी में मिलाने के बाद गमले में पौधा लगाएं।
- अगर आप अपने पौधे लगे हुए गमले की मिट्टी में हरी खाद का उपयोग करना चाहते हैं, तो गमले की मिट्टी में साइड ड्रेसिंग के रूप में हरी खाद का उपयोग करें।
- इसके अलावा गमले की मिट्टी की गुड़ाई कर आप इसमें भी हरी खाद को मिला सकते हैं, खाद मिलाने के तुरंत बाद पौधों को पानी देना चाहिए।
नोट – अगर आपने हरी खाद की फसल के रूप में अपने गार्डन में राई की फसल लगाई है तो अपने पौधे को लगाने से लगभग 3-4 सप्ताह पहले इसे काट कर अलग कर दें, क्योंकि राई के पौधे से कुछ ऐसे पदार्थ निकलते हैं जो अंकुरण की प्रक्रिया में बाधा डालते हैं।
गार्डन में हरी खाद के फायदे – Benefits of Green Manure in Hindi
गार्डन या गमले की मिट्टी में लगे हुए पौधों में हरी खाद अन्य ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर की तुलना में अनेक लक्ष्यों की पूर्ति करता है जिसके उपयोग से आप अपने गार्डन की मिट्टी को अधिक उपजाऊ बनने के साथ-साथ पौधों को स्वस्थ व तेज वृद्धि के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं, हरी खाद से आपके पौधों व मिट्टी को होने वाले लाभ निम्न हैं :
- यह मिट्टी के कटाव तथा पोषक तत्वों के बहाव को रोकता है।
- यह मिट्टी की उर्वरक शक्ति को बढ़ाता है तथा अधिक उपजाऊ बनाता है।
- पौधों में नाइट्रोजन सहित अन्य कार्बनिक पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है।
- सूक्ष्म जीवाणुओं की गतिविधि को बढ़ाता है।
- मिट्टी में रोगों के होने की सम्भावना को कम करता है।
- यह मिट्टी में नमी धारण क्षमता को बढ़ाता है।
- मिट्टी में वायु संचरण होने में सहायक है।
- खरपतवार को नियंत्रित करता है।
- कीटों से पौधों की सुरक्षा करता है।
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उपरोक्त आर्टिकल में आपने एक नये तथा आसान से तरीके से तैयार फर्टिलाइजर “हरी खाद” के बारे में विस्तार से जाना, जिसमें आप समझ ही गये होंगे कि हरी खाद क्या है तथा यह आपके होम गार्डन या गमले में लगे हुए पौधों के लिए कितनी फायदेमंद है, तो आप भी हरी खाद बनाने की आसान विधि को अपनाकर अपने पौधों को स्वस्थ रखने के लिए पौधों में हरी खाद का उपयोग करें। गार्डनिंग से जुड़े और भी उपयोगी लेख पढ़ने के लिए Organicbazar.net पेज पर जाएं।