प्लांट सपोर्ट नेट नायलॉन या पॉलीप्रोपाइलीन के धागों से बनी एक जाली है। गार्डन में इस जाली का उपयोग बेल के रूप में बढ़ने वाले पौधों को सहारा देने के लिए किया जाता है। इसे क्रीपर नेट, या प्लांट क्लाइंबिंग नेट कहा जाता है। इस प्लांट सपोर्ट नेट का उपयोग करने के लाभ कई सारे हैं। जैसे लम्बे पौधों को सीधा खड़ा रखने, उन्हें फल या पत्ते के वजन के कारण नीचे गिरने या झुकने से रोकने और मटर, बीन्स, खीरा, लौकी जैसे पौधों को सहारा देने के लिए क्रीपर नेट बहुत काम की है। क्रीपर नेट इस्तेमाल करने के फायदे के अलावा इसका उपयोग करने के नुकसान भी होते हैं, जिन्हें आपको जान लेना चाहिए। इस लेख में हम आपको क्रीपर नेट के फायदे और नुकसान दोनों बताने जा रहे हैं।
क्रीपर नेट क्या होती है – What Is Creeper Net For Plants In Hindi
गार्डन में बेल वाले पौधों को सहारा देने के लिए एक जाली आती है, जिसे क्रीपर नेट कहा जाता है। यह अधिक लम्बी और चौड़ी होती है। यह पॉलीप्रोपाइलीन (पीपी) या नायलॉन धागों से बनी है। क्रीपर नेट के साथ खीरा, लौकी, गिलकी, चेरी टमाटर जैसे अनेक पौधों की बेल को कस दिया जाता है। इस नेट के सहारे बेल वाले पौधे आसानी से ऊपर की तरफ चढ़ाई करने लगते हैं।
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गार्डन में क्रीपर नेट इस्तेमाल करने के फायदे – Benefits Of Climbing Net For Plants In Hindi
आमतौर पर घर में बेल के पौधे उगाते समय उन्हें सहारा देने के लिए लकड़ी, तार या रस्सियों का उपयोग किया जाता है, लेकिन ये चीजें पौधे को पूरी तरह से समर्थन या सहारा नहीं दे पाती हैं। इसी वजह से पौधों को लम्बवत यानि वर्टिकल रूप में ग्रो करने के लिए क्रीपर नेट का उपयोग किया जाता है। गार्डन में क्रीपर नेट इस्तेमाल करने के निम्न फायदे होते हैं:
सभी बेल वाले पौधों के लिए फायदेमंद –
प्रमुख रूप से इस क्रीपर नेट का उपयोग बेल वाले पौधों को सहारा देने के लिए ही किया जाता है। क्रीपर नेट को लगाने के बाद बेल के पौधे इस पर आसानी से ग्रोथ करते रहते हैं। दीवाल के सहारे या 2 मजबूत लकड़ी से क्रीपर नेट को बांधते समय उसे अच्छी तरह से खींच कर लगाना चाहिए। इससे बेल के वजन के कारण क्रीपर नेट नीचे की ओर झुकती नहीं है।
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पौधे के सभी हिस्से में हवा लगना –
जब किसी भी पौधे की बेल को क्रीपर नेट पर ग्रो किया जाता है, तो उस बेल में चरों तरफ से हवा लगती है। बेल के सभी हिस्से में हवा लगते रहने के कारण उसकी ग्रोथ बहुत अच्छे से होती है। और कई रोगों के होने का खतरा टल जाता है।
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पौधों को पर्याप्त प्रकाश मिलना –
आपको क्रीपर नेट को अच्छी धूप वाली जगह पर लगाना चाहिए। इससे क्रीपर नेट पर चढ़ती हुई बेल के सभी हिस्से में अच्छी मात्रा में धूप पड़ती रहती है। इसके फलस्वरूप भी बेल की ग्रोथ बहुत अच्छे से होती है। जबकि जमीन पर फैली हुई बेल के अंदरूनी हिस्से में न ही हवा लग पाती है और न ही प्रकाश अच्छे से पहुँच पाता है।
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हार्वेस्टिंग आसान होना –
क्रीपर नेट को गार्डन में लगाने से बेल वाले पौधों से सब्जियों की तुड़ाई बहुत आसान हो जाती है। आप चाहे क्रीपर नेट को वर्टिकल रूप में लगायें या हॉरिजॉन्टल रूप में, दोनों तरीके से हार्वेस्टिंग करना बहुत सरल हो जाता है। जबकी जमीन पर फैली हुई बेल से सब्जी आदि की तुड़ाई के लिए आपको झुकना पड़ता है और अधिक उंचाई पर चढ़ी हुई बेल से तुड़ाई करने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
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कीट और रोगों से बचाव –
बगीचे में नीचे लटकती हुई या जमीन पर फैली हुई बेल में मिट्टी के कारण कवक रोग या अन्य रोग होने का खतरा रहता है। जबकि क्रीपर नेट के इस्तेमाल से बेल जमीन से काफी ऊपर रहती है, इसीलिए मृदा जनित रोगों से बेल का बचाव हो जाता है।
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कम जगह में ज्यादा उत्पादन-
क्रीपर नेट को गार्डन में वर्टिकल रूप से लगा दिया जाता है। इससे बेल भी वर्टिकली, बढती रहती है। इससे गार्डन की जगह बचती है। इस जगह में आप कई और पौधे उगा सकते हैं।
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गार्डन में सुंदरता जोड़ना –
क्रीपेर नेट पर ग्रोथ करती हुई बेल देखने में बहुत सुंदर लगती है। इससे गार्डन की खूबसूरती कई गुना बढ़ जाती है।
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तापमान नियंत्रित रहना –
क्रीपेर नेट पर बेलों को उगाने से गार्डन में उस जगह पर छाया बनी रहती है। क्रीपर नेट के नीचे छाया रहने से गार्डन का तापमान नियंत्रित रहता है। इस जगह पर आप छाया में उगने वाले पौधे भी लगा सकते हैं।
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बगीचे में क्रीपर नेट उपयोग करने के नुकसान – Disadvantages Of Using Creeper Net In Garden In Hindi
प्लांट सपोर्ट नेट बागवानों के लिए एक सहायक उपकरण है। लेकिन इसके कुछ संभावित नुकसान भी हैं। गार्डन में प्लांट सपोर्ट नेट का उपयोग करने के नुकसान निम्न हैं:
- पौधों को नुकसान – यदि क्रीपर नेट को गार्डन में ठीक से नहीं लगाया गया, तो यह पौधों को नुकसान भी पहुंचा सकती है। अगर यह नेट पौधों के लिए उपयुक्त आकार की और मजबूत नहीं है, तो इससे भी पौधों को नुकसान पहुंच सकता है या नेट टूट भी सकती है। इससे पौधों की वृद्धि रुक सकती है।
- स्थापित करना मुश्किल – गार्डन में प्लांट सपोर्ट नेट को लगाना, एक समय लेने वाली और मेहनती प्रक्रिया हो सकती है। तेज हवा चलने पर क्रीपर नेट को अपनी जगह पर टिकाए रखना मुश्किल हो सकता है।
- लागत – आपके बगीचे के आकार और आपके द्वारा चुने गए क्रीपर नेट के प्रकार के आधार पर, प्लांट सपोर्ट नेट की लागत अधिक हो सकती है। कई लोगों को क्रीपर नेट महंगी लग सकती है।
इस लेख में बेल वाले पौधों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली क्रीपर नेट के फायदे और नुकसान के बारे में बताया गया है। उम्मीद करते है इस लेख को पढ़के आप क्रीपर नेट से पौधों को फायदे नुकसान अच्छे से समझ गये होंगे। इस लेख को लेकर आपका कोई भी सवाल हो तो आप उसे कमेन्ट कर सकते हैं।