चेरी पर लगने वाले कीट और उनसे बचने का तरीका – Insects That Attack Cherry Plants And How To Protect Against Them In Hindi

Cherry Tree Insects In Hindi: चेरी उगाना न केवल फायदेमंद है, बल्कि यह गार्डनिंग के लिए भी बेहतर मानी जाती है। इसके रसीले और सुंदर फलों की मांग हर जगह खूब रहती है। लेकिन चेरी के पेड़ और फल कई प्रकार के कीटों के हमलों से गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते हैं, जिससे न केवल प्रोडक्शन में कमी आती है, बल्कि फलों की क्वालिटी पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। कई तरह के कीट चेरी के पेड़ की पत्तियों, शाखाओं और फलों को नुकसान पहुँचाते हैं। इस आर्टिकल में हम चेरी पर लगने वाले कीट या कीड़ें कौन से हैं (Pests Of Cherry Trees In Hindi), उनके पहचान के लक्षण और चेरी के पेड़ को कीड़ों से कैसे बचाएं के बारे में जानेंगे।

चेरी पर लगने वाले कीट – Insects that affect cherry plants in Hindi

चेरी पर लगने वाले कीट - Insects that affect cherry plants in Hindi

गार्डन में लगे चेरी पर कई प्रकार के कीट हमला करते हैं, जो पौधे की ग्रोथ औऱ फलों की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं। अगर आपने भी चेरी प्लांट लगाए हैं, तो ये निम्न कीट आपके पौधे पर हमला कर सकते हैं और उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं।

1. चेरी फल मक्खी – Cherry Fruit Fly in Hindi

चेरी फल मक्खी चेरी पर लगने वाला सबसे खतरनाक कीट माना जाता है। मादा मक्खी पके हुए फलों में अंडे देती है, जिनसे निकले लार्वा फल के अंदर भोजन करते हैं, जिससे फल सड़ने लगता है और खाने लायक नहीं रहता। इसके प्रकोप से चेरी की क्वालिटी प्रभावित होते हैं।

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2. एफिड्स – Aphids in Hindi

एफिड्स छोटे, मुलायम शरीर वाले कीट होते हैं जो चेरी के पौधों की कोमल पत्तियों, कलियों और तनों से रस चूसते हैं। इनसे पौधे की वृद्धि रुक जाती है, और पत्तियां सिकुड़ने लगती हैं। ये हनीड्यू नामक चिपचिपा पदार्थ छोड़ते हैं, जिससे काली फफूंद (सूटि मोल्ड) विकसित होती है।

3. लीफ माइनर – Leaf Miner in Hindi

लीफ माइनर कीट पत्तियों की ऊपरी और निचली परत के बीच में सुरंग बनाकर वहां से हरितलवक (chlorophyll) खाते हैं। इससे पत्तियों पर सफेद या भूरी रंग की टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएं बन जाती हैं। पत्तियाँ कमजोर होकर गिरने लगती हैं, जिससे पौधे की प्रकाश संश्लेषण क्षमता घट जाती है। लीफ माइनर का प्रभाव विशेष रूप से नई पत्तियों को नुकसान पहुंचाता है।

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4. तना छेदक कीट – Borer pests in Hindi

बोरर कीट चेरी के पेड़ के तनों और शाखाओं में छेद कर भीतर घुस जाते हैं और अंदर से लकड़ी को खाते हैं। इससे पौधा कमजोर हो जाता है, शाखाएं सूखने लगती हैं और पूरी क्रॉप खतरे में पड़ सकती है। इसके प्रकोप से तनों पर बुरादा या गोंद निकलना सामान्य लक्षण हैं।

5. थ्रिप्स – Thrips in Hindi

थ्रिप्स बेहद छोटे, संकरे कीट होते हैं जो फूलों, पत्तियों और कोमल भागों से रस चूसते हैं। इनके कारण पत्तियों पर चांदी जैसे धब्बे बनते हैं और फूल समय से पहले झड़ने लगते हैं, जिससे फूल बहुत कम हो जाते हैं। थ्रिप्स तेजी से फैलते हैं और वायरस भी फैला सकते हैं।

6. स्पाइडर माइट्स – Spider Mites in Hindi

स्पाइडर माइट्स बहुत छोटे, लाल या पीले रंग के कीट होते हैं जो पत्तियों की निचली सतह पर कॉलोनियों में रहते हैं और रस चूसते हैं। इनके प्रकोप से पत्तियों पर छोटे-छोटे पीले धब्बे बनते हैं, और पत्तियाँ सूखकर गिरने लगती हैं। भारी प्रकोप की स्थिति में पत्तियाँ जाले जैसी संरचना में ढक जाती हैं। ये सूखे और गर्म मौसम में अधिक सक्रिय होते हैं।

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7. कटवर्म – Cutworms in Hindi

कटवर्म मुख्यतः रात में सक्रिय होने वाला कीट है जो पौधों के तनों को जमीन की सतह के पास से काट देता है, जिससे पौधा गिर जाता है और मर जाता है। चेरी के नये पौधों और नर्सरी में यह विशेष रूप से नुकसानदायक होता है। दिन में ये मिट्टी में छिपे रहते हैं और रात को फसल को नुकसान पहुँचाते हैं।

चेरी के पेड़ को कीड़ों से कैसे बचाएं? – How to protect cherry trees from insects in Hindi

ऐसे कई तरीके मौजूद हैं जो चेरी के पेड़ पर लगने वाले कीड़ों को नष्ट कर सकते हैं। चेरी के पेड़ को कीड़ों से कैसे बचाएं, इसके कुछ तरीके नीचे दिए गए हैं-

  1. रोगग्रस्त और संक्रमित हिस्सों की छंटाई करें – फलों, पत्तियों और शाखाओं पर यदि कीट का हमला दिखाई दे, तो उन्हें तुरंत काटकर नष्ट कर दें। गिरे हुए और सड़े हुए फलों को ज़मीन से हटाकर जला दें या मिट्टी में गाड़ दें ताकि कीटों का जीवनचक्र टूट सके।
  2. फेरोमोन ट्रैप लगाएँ – फल मक्खी, थ्रिप्स और एफिड्स जैसे कीटों को आकर्षित करने के लिए गार्डन में पीले चिपचिपे कार्ड और फेरोमोन ट्रैप लगाएँ। ये कीटों की संख्या कम करने में बहुत असरदार होते हैं।
  3. नीम तेल या जैविक कीटनाशक का छिड़काव – नीम तेल (5 मिली/लीटर पानी) या लहसुन-नीम-मिर्च के घोल का छिड़काव करें। यह प्राकृतिक और सुरक्षित तरीका है जो कीटों को दूर भगाने में कारगर होता है, खासकर रस चूसने वाले कीटों पर। इसके अलावा अगर कीटों की संख्या बहुत बढ़ जाए और अन्य उपाय असर न करें, तो विशेषज्ञ की सलाह लेकर स्पिनोसैड, इमिडाक्लोप्रिड या अबामेक्टिन जैसे कम विषैले कीटनाशकों का प्रयोग सावधानी से करें। छिड़काव सुबह या शाम करें और मधुमक्खियों से बचाव का ध्यान रखें।
  4. गार्डन में नियमित साफसफाई रखें – हर 3-4 दिन में पौधों की जांच करें और शुरुआती अवस्था में कीटों की पहचान करें। मिट्टी में पानी का ठहराव और खरपतवार न होने दें, क्योंकि यह कीटों के पनपने की जगह बन जाते हैं।

चेरी प्लांट से रिलेटेड अक्सर पूछे जाने प्रश्न –

1. चेरी का पेड़ कितने दिन में फल देता है – How many days does a cherry tree take to bear fruit in Hindi

चेरी का पेड़ आमतौर पर 3 से 5 साल में फल देना शुरू करता है। यदि पौधा ग्राफ्टेड है तो यह जल्दी फल देता है, जबकि बीज से उगाया गया पेड़ 5 से 7 साल ले सकता है। किस्म, देखभाल और जलवायु भी फल आने के समय को प्रभावित करते हैं।

2. चेरी को बीज से कैसे उगाएं – How to grow cherry from seed in Hindi

चेरी को बीज से उगाने के लिए पहले चेरी फल को लेकर उसके बीज को निकालें। बीज को अच्छी तरह से धोकर सुखा लें। फिर, बीज को ठंडी और गीली मिट्टी में 3 से 4 महीने तक “स्ट्रैटीफिकेशन” (ठंडी प्रक्रिया) के लिए रखें। इसे आप फ्रिज में रख सकते हैं। जब बीज को पर्याप्त ठंडा मिल जाए, तो उसे अच्छे ड्रेनेज वाले बर्तन में हल्की, रेतीली मिट्टी में बोएं। बीज को थोड़ी गहराई में डालें और मिट्टी को हल्का नम रखें। पेड़ के उगने के बाद उसे अच्छे सूरज की रोशनी और उचित देखभाल मिलनी चाहिए। 3-5 साल में यह फल देने लगेगा।

3. चेरी कब बोई जाती है – Cherry Planting Season In Hindi

चेरी के बीज सर्दी के मौसम में बोए जाते हैं, आमतौर पर दिसंबर से फरवरी के बीच। इस समय तापमान ठंडा होता है, जिससे बीजों को स्ट्रैटीफिकेशन प्रक्रिया करने का पर्याप्त समय मिलता है, जो उनके अंकुरण के लिए जरूरी है। आप बीजों को ठंडी जगह पर फ्रिज में भी रख सकते हैं और फिर वसंत (मार्च-अप्रैल) के महीने में जब तापमान बढ़ने लगे, तो उन्हें मिट्टी में बो सकते हैं।

निष्कर्ष:-

चेरी की फसल को कीटों से बचाना उसकी गुणवत्ता और उपज बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है। फल मक्खी, एफिड्स, थ्रिप्स, लीफ माइनर, बोरर और अन्य कीट पौधे को गंभीर नुकसान पहुँचा सकते हैं, यदि समय रहते उनको कंट्रोल न किया जाए। उचित निगरानी, जैविक एवं यांत्रिक नियंत्रण, साथ ही आवश्यकता पड़ने पर सीमित रासायनिक उपाय अपनाकर गार्डनर्स इन कीटों पर प्रभावी नियंत्रण पा सकते हैं।

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