हरा मटर एक बहुत ही लोकप्रिय सब्जी है। यह काफी पौष्टिक होते हैं और इनमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट पाये जाते हैं। आप हरे मटर को अपने घर पर गमले में आसानी से ग्रो करके ताजे फ्रेश मटर प्राप्त कर सकते हैं। इसका उपयोग आलू मटर, मटर पनीर और मटर कचौड़ी जैसे न जानें, ऐसे कितने व्यंजन तैयार करने के लिए किया जाता है। इसमें विटामिन A, C, K, आयरन और मैगनीज जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं। घर पर गमले में मटर के पौधे कैसे लगाएं, मटर की बीज लगाने की विधि क्या है तथा पौधों की देखभाल कैसे करें, जानने के लिए लेख पढ़ें।
घर पर हरा मटर उगाने की जानकारी – Information About Growing Green Peas At Home In Hindi
होम गार्डन या टेरेस गार्डन में मटर के पौधे उगाने से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी निम्न प्रकार है, जैसे:-
1. |
बीज लगाने का सही समय |
सर्दियों में |
2. |
सीड ग्रोइंग मेथड |
डायरेक्ट (सीधे गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में बीज लगाना) |
3. |
मटर के बीज अंकुरण के लिए तापमान |
लगभग 15°C – 21°C |
4. |
बीज जर्मिनेट होने में लगा टाइम |
7 से 14 दिन |
5. |
हार्वेस्टिंग टाइम |
40 से 60 दिन |
6. |
मटर लगाने के लिए ग्रो बैग |
12×12 इंच (WXH) |
मटर को कब लगाया जाता है – Best Time To Grow Green Peas In Hindi
हरे मटर को लगाने के लिए सर्दी का मौसम सबसे बेस्ट होता है, आप हरे मटर को आखिरी ठंड (जनवरी-फरवरी) के महीने में लगा सकते हैं। इसके अलावा आप मटर के बीजों को अक्टूबर-नवंबर के माह में गमले या ग्रो बैग्स की मिट्टी में लगा सकते हैं।
(यह भी जानें: सफलतापूर्वक बीजों को अंकुरित करने की जानकारी…..)
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मटर के पौधे लगाने के लिए ग्रो बैग – Size Of Grow Bag For Planting Green Peas In Hindi
यदि आप अपने टेरेस गार्डन में हरे मटर को उगाना चाहते हैं, तो इसके लिए आप निम्न ग्रो बैग (ड्रेनेज युक्त) का उपयोग करें, जैसे-
- 12 x 12 Inch (WXH)
- 15 x 12 Inch (WXH)
- 15 x 15 Inch (WXH)
(यह भी जानें: बेल वाली सब्जियां उगाने के लिए, किस साइज के ग्रो बैग हैं बेस्ट…..)
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मटर के बीज लगाने के लिए मिट्टी कैसे तैयार करें – How To Prepare Soil For Green Pea Seeds Planting in Hindi
गमले और ग्रो बैग में मटर के बीजों को लगाने के लिए मिट्टी तैयार करने की आवश्यकता होती है, इसके लिए आपको निम्न सामग्री की जरूरत होगी, जो इस प्रकार है:-
मिट्टी तैयार करने के लिए सामग्री
- सामान्य मिट्टी
- गोबर खाद
- रेत
- नीम खली (वैकल्पिक)
- गार्डनिंग टूल्स
मिट्टी तैयार करने की विधि
- सबसे पहले आप 50% सामान्य मिट्टी को लें।
- अब इसमें 40% गोबर की खाद मिलाएं।
- फिर इस मिश्रण में 10% रेत को भी अच्छी तरह से मिक्स कर लें।
- आप इसमें थोड़ी मात्रा में नीम खली भी मिला सकते हैं, नीम खली वैकल्पिक है। अगर आपके पास यह उपलब्ध नहीं है, तो इसके बिना भी मिट्टी को तैयार किया जा सकता है।
(यह भी जानें: पौधे की ग्रोथ के लिए अच्छी मिट्टी…..)
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गमले में मटर कैसे लगाएं – How To Grow Peas In Pots From Seed In Hindi
अलग-अलग प्रकार की सब्जियों के बीजों को अलग-अलग तरीके से लगाया जाता है, जिसमें पहला तरीका डायरेक्ट मेथड और दूसरा तरीका ट्रांसप्लांट मेथड होता है। हरे मटर को डायरेक्ट मेथड से लगाया जाता है, इसके लिए आपको पौधे तैयार करने की जरूरत नहीं होती है। आप मटर के बीज को लेकर किसी गमले या ग्रो बैग में सीधे लगा सकते हैं।
टेरेस गार्डन में मटर लगाने का तरीका – How To Plant Green Pea Seeds In Hindi
- अच्छी क्वालिटी के हरे मटर के सीड लें।
- अब उन बीजों को मिट्टी भरे ग्रो बैग या गमले में 1 इंच की गहराई में लगाएं।
- मिट्टी में बीज लगाने के बाद स्प्रे पंप की मदद से पानी दें, ताकि मिट्टी अच्छे से नम हो।
- बीज जर्मिनेट होने तक मिट्टी में नमी बनाए रखें, लेकिन ओवरवाटरिंग से बचें।
- मटर के पौधों को अच्छी तरह से ग्रो करने के लिए लगभग 10-30°C तापमान की जरूरत होती है।
- लगभग 40 से 60 दिन बाद हरा मटर पूरी तरह से विकसित हो जाता है।
(यह भी जानें: छत पर गार्डन (टेरेस गार्डन) कैसे बनाएं?…..)
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होम गार्डन में मटर उगाने की टिप्स – Tips For Growing Green Peas In Terrace Garden In Hindi
- ग्रो बैग या गमले में लगे मटर के पौधों को ग्रो करने के लिए फुल सनलाइट की जरूरत होती है, इन्हें रोजाना कम से कम 6-7 घंटे की धूप मिलना चाहिए।
- मिट्टी में बीज लगाने के बाद, जब मटर के पौधे 20-25 दिन के बाद थोड़े बड़े हो जाते हैं, तब आप पौधे लगे मिट्टी में जैविक खाद मिलाएं।
- पौधों को जरूरत के हिसाब से पानी देते रहें हैं, लेकिन पौधे की मिट्टी में जलभराव से बचें।
- मटर के पौधे की अच्छी तरह से देखभाल करें, इसमें किसी भी प्रकार के रोग व कीटों की तलाश करें और उनका उपचार करें।
- आप बुआई के 40-60 दिनों बाद पहली बार हरा मटर हार्वेस्ट कर सकते हैं और अगले 3 महीने तक मटर को तोड़ सकते हैं।
- मटर का पौधा बेल वाला होता है, इसलिए पौधे को सहारा देने के लिए आप एक जाली, क्रीपर नेट या किसी लकड़ी का इस्तेमाल कर सकते हैं। जब पौधे की बेल अधिक बड़ी होगी तो, उसमें मटर की फलियाँ भी अधिक लगेंगी।
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मटर में लगने वाले रोग और उनकी रोकथाम – Green Peas Plant Diseases And Their Prevention In Hindi
मटर एक ऐसी सब्जी है, जिसको अधिक केयर की जरूरत नहीं होती है, लेकिन लीफ माइनर, फली छेदक, माहू, सफ़ेद विलगन, और उख्टा या जड़ सडन रोग आदि की समस्या होती है, इनकी रोकथाम के लिए हरे मटर के पौधे में कीट, फंगल या किसी अन्य संक्रमण के शुरुआती लक्षणों की तलाश करें। ऐसी बीमारियों के लक्षण दिखते ही पौधों पर नीम तेल का छिड़काव करें।
(यह भी जानें: सब्जियों के रोग और उनका नियंत्रण…..)
इस आर्टिकल में हमने घर पर गमले में मटर कैसे उगाएं, मटर को सही तरीके से लगाने की विधि क्या है, उसकी देखभाल करने और हार्वेस्टिंग की जानकारी दी है। आप ऊपर दी गई स्टेप्स को फॉलो करके आसानी से अपने किचन गार्डन या होम गार्डन में हरे मटर को ग्रो कर सकते हैं।
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