अश्वगंधा आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक महत्वपूर्ण जड़ी बूटी है, जिसका उपयोग मानव स्वास्थ्य के लिए किया जाता है। यह जड़ी बूटी मानसिक व शारीरिक दोनों रूप से मानव को स्वस्थ रखती है। यह पौधा नाइटशेड परिवार (Nightshed Family) का पौधा है, जिसे इंडियन जिनसेंग (Indian ginseng) और विंटर चेरी (winter cherry) आदि नामों से भी जाना जाता है। इसका वानस्पतिक नाम विथानिया सोम्निफेरा (Withania somnifera) है। अश्वगंधा औषधि का उपयोग तनाव, चिंता, थकान, दर्द, मधुमेह, वात रोग, मिरगी आदि रोगों को दूर करने के लिए करते हैं, इसलिए लोग इस औषधीय पौधे को घर में लगाना पसंद करते हैं। यदि आप अपने घर पर अश्वगंधा का पौधा उगाने का सोच रहे हैं, तो इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि घर पर अश्वगंधा का पौधा कैसे उगाएं, पौधा उगाने का सही समय, अश्वगंधा का पौधा उगाने की विधि और इस पौधे की देखभाल कैसे की जाती है।
अश्वगंधा का पौधा लगाने का सही समय – Right Time to Plant Ashwagandha In Hindi
घर पर अश्वगंधा पौधे को ग्रो करने के लिए मध्यम तापमान की आवश्यकता होती है, इसलिए यह पौधा न ग्रीष्म ऋतु में और न ही शीत ऋतु में लगाया जाता है। इंडियन जिनसेंग का पौधा बरसात के मौसम की शुरुआत में लगाया जाता है। जून-जुलाई और सितम्बर-अक्टूबर माह का समय इस पौधे को उगाने के लिए सबसे अच्छा होता है।
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अश्वगंधा का पौधा उगाने के लिए मिट्टी – Best Soil For Growing Ashwagandha Plant In Hindi
गमले में अश्वगंधा पौधे को उगाने के लिए रेतीली और दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है, क्योंकि इसमें जल का निकास आसानी से हो जाता है। विंटर चेरी प्लांट अर्थात अश्वगंधा को कुछ मात्रा में क्षारीय मिट्टी की आवश्यकता होती है, जिसका PH 7.5 से 8.0 के बीच होना चाहिए। अश्वगंधा को उस मिट्टी में उगाना काफी कठिन होता है, जिसमें जल का भराव बना रहता हो, ऐसी मिट्टी में इस पौधे की जड़ें ख़राब हो सकती हैं। या फिर पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए आप रेडीमेड पॉटिंग सॉइल का भी उपयोग कर सकते हैं, इस मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व होते हैं।
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अश्वगंधा का पौधा उगाने के लिए गमले का आकार – Pot Size For Growing Ashwagandha at Home In Hindi
एक सदाबहार झाड़ी के रूप मे अश्वगंधा के पौधे को लगाने के लिए मध्यम आकार का पॉट या गमला चाहिए, क्योंकि पौधे की जड़ें ज्यादा नहीं फैलती है। अश्वगंधा के बीज उगाने के लिए 10 से 12 इंच चौड़ाई वाले गमले या पॉट की आवश्यकता होती है, जिसमें जल की निकासी के लिए अतिरिक्त छिद्र हों। आप निम्न साइज़ के गमले या ग्रो बैग में अश्वगंधा के पौधे को उगा सकते हैं, जैसे:
- 12 x 15 इंच (W*H)
- 12 x 12 इंच (W*H)
- 15 x 15 इंच (W*H)
आप अश्वगंधा के पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए एक गमले में एक पौधा उगा सकते हैं।
गमले में अश्वगंधा का पौधा कैसे उगाएं – How to Grow Ashwagandha Plant in Pot In Hindi
यदि आप अपने घर पर अश्वगंधा औषधि का पौधा उगाने का सोच रहे हैं, तो आप इस पौधे को घर पर किसी गमले या पॉट में लगा सकते हैं। आइए जानते हैं गमले में अश्वगंधा के बीज लगाने की विधि क्या है:
- सबसे पहले चुने हुए गमले या पॉट में मिट्टी भरें। मिट्टी भरते समय ध्यान रखें कि गमला ऊपर से 3 इंच खाली हो।
- इसके बाद गमले के बीचों बीच लगभग ½ इंच गहराई में अश्वगंधा के बीज को लगाएं, आप 2 से 3 बीजों को एक साथ लगा सकते हैं।
- फिर गमले में वाटर कैन की मदद से पानी डालें।
- बीज लगे हुए गमले को ऐसे स्थान पर रखें, जहाँ 5 से 6 घंटे की धूप आती हो।
- उचित देखभाल के साथ अश्वगंधा के बीजों को अंकुरित होने में 6 से 14 दिन का समय लग सकता है।
- बीज अंकुरण के बाद अश्वगंधा के पौधों को अच्छी तरह से बढ़ने के लिए 20 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान बेस्ट होता है।
- जब अश्वगंधा के पौधे 5 से 6 इंच बड़े हो जाते हैं, तब आप इन्हें अलग अलग गमले में ट्रांसप्लांट कर सकते हैं।
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अश्वगंधा के पौधे की देखभाल – Care Of Ashwagandha Plant In Hindi
यदि आपने अश्वगंधा औषधि का पौधा अपने घर पर लगाया है, तो उस पौधे में ठीक तरह से वृद्धि करने के लिए आपको उसकी देखभाल भी करनी होगी। आप निम्न तरीकों से उस पौधे की देखभाल कर सकते हैं:
सूर्य का प्रकाश – Sun Light For Growing Ashwagandha Plant in Hindi
अश्वगंधा के पौधे के लिए मध्यम सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता होती है, इसलिए इस पौधे को वर्षा ऋतु की शुरुआत में लगाया जाता है। इस पौधे को 5 से 6 घंटे की धूप पर्याप्त होती है।
तापमान – Temperature For Grow Ashwagandha at Home in Hindi
अश्वगंधा के पौधे को ठीक तरह से वृद्धि करने के लिए 20 से 35 डिग्री सेल्सियस का तापमान आदर्श माना जाता है, इस तापमान पर पौधे अच्छी ग्रोथ करते हैं।
उर्वरक – Fertilizer For Growing Ashwagandha Plant in Hindi
अश्वगंधा का पौधा और उसकी जड़ दोनों ही औषधि के रूप में उपयोग की जाती है, इसलिए इस पौधे को अधिक खाद की आवश्यकता नहीं होती है। इस पौधे की वृद्धि के लिए आप जैविक खाद का उपयोग कर सकते हैं।
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पानी – Water For Growing Ashwagandha Plant in Hindi
अश्वगंधा का पौधा अधिक जल भराव की स्थिति को सहन नहीं कर पाता है, इससे पौधे की जड़ें ख़राब हो सकती है। यदि आपने यह पौधा गर्मी के समय में उगाया है, तो पानी देने का विशेष ध्यान रखें, और यदि यह पौधा बरसात के मौसम की शुरुआत में लगाया है, तो जब गमले की मिट्टी सूखी हुई दिखने लगे, तब इस पौधो को पानी देना है। ध्यान रहे बरसात के दौरान गमले की मिट्टी में पानी न भरने दें।
ओवरविन्टरिंग – Overwintering Ashwagandha Plant in Hindi
यदि आप अश्वगंधा के पौधे को ठंडी जलवायु में उगा रहे हैं, तो इसे घर के अंदर रखें। ठंड के मौसम में अश्वगंधा के पौधे को 10-15 डिग्री सेल्सियस या इससे अधिक तापमान पर रखना चाहिए, जिससे की पौधे का विकास सही तरीके से हो सके।
कीट और रोग – Ashwagandha Plant Insect And Disease in Hindi
यदि आपने अपने घर पर अश्वगंधा का पौधा लगाया है, तो यह बात जान लें कि मकड़ी का जाल, एफिड्स जैसे विभिन्न प्रकार के कीट पौधे की वृद्धि को प्रभावित करते हैं। इससे बचने के लिए अश्वगंधा के पौधे में समय-समय पर नीम के तेल का छिड़काव करते रहना चाहिए। मिट्टी की उचित जल निकासी होने से भी पौधे पर बीमारियों का प्रभाव कम पड़ता है।
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अश्वगंधा की हार्वेस्टिंग कब करें – Harvesting Of Ashwagandha Plant In Hindi
बीज लगाने के लगभग 150 से 180 दिनों में आपके द्वारा लगाया हुआ अश्वगंधा का पौधा पूर्ण विकसित होकर कटाई के लिए तैयार हो जाता है। यदि आपने जुलाई-अक्टूबर के महीने में अश्वगंधा का पौधा लगाया है, तो आप जनवरी-मार्च के महीने में इसके बीजों और जड़ों की कटाई कर सकते हैं। अश्वगंधा हर्बल प्लांट की कटाई शुष्क मौसम में की जाती है, जब पौधे की पत्तियां सूखने लगती हैं और फलों का रंग बदलकर लाल-नारंगी हो जाता है। अश्वगंधा की जड़ें जड़ी बूटी के रूप में उपयोग की जाती हैं, इसके लिए जड़ों को जमीन से निकलकर धूप में सुखा लें।
इस आर्टिकल में आपने जाना कि घर पर अश्वगंधा का पौधा कैसे लगाया जाता है, विधि और पौधा लगाने का सही समय तथा अश्वगंधा के पौधे की देखभाल कैसे की जाती है। यदि इस लेख से सम्बंधित आपके कोई सवाल या सुझाव हों तो उन्हें कमेंट करके अवश्य बताएं।