गुलाब की ग्राफ्टिंग कैसे की जाती है, जानें सबसे आसान विधि – How To Do Rose Grafting At Home In Hindi

मान लीजिये आपके पास गुलाब के 2 पौधे हैं। एक पौधे में बेहद सुन्दर फूल खिलते हैं। और दूसरे पौधे में कोई रोग या कीट नहीं लगते और वह पौधा तेजी से ग्रोथ भी करता है। ऐसे में आप एक ऐसा गुलाब का पौधा तैयार करना चाहते हैं जो आसानी से उग भी सके और उसमें सुन्दर फूल भी खिलें। तो ऐसे में ग्राफ्टिंग विधि काम में आती है। इस विधि में गुलाब के 2 पौधों को जोड़कर एक नया पौधा तैयार किया जाता है। इस तरह से तैयार पौधा जल्दी ग्रोथ करता है, साथ ही उसमें सुन्दर फूल भी खिलते हैं। और उस पौधे की रोगों से लड़ने की क्षमता भी अधिक होती है। गुलाब की ग्राफ्टिंग करना ज्यादा मुश्किल नहीं है, बस आपको इसे करने के सही तरीके के बारे में पता होना जरूरी है।

गुलाब की ग्राफ्टिंग विधि क्या है, इसे करने का सही समय क्या है, और इसे कैसे करें/करते हैं, ये सभी जानकारियां आपको इस लेख में मिलेंगी। गुलाब में ग्राफ्टिंग या कलम बांधने की विधि को जानने के लिए यह लेख लास्ट तक जरूर पढ़ें।

गुलाब की ग्राफ्टिंग क्या है – What Is Rose Grafting In Hindi

गुलाब की ग्राफ्टिंग क्या है – What Is Rose Grafting In Hindi

ग्राफ्टिंग विधि में, गुलाब के 2 पौधो को लिया जाता है। गुलाब के एक पौधे की कलम को लेकर, उसकी गाँठ (node) वाले हिस्से को 1 इंच छील लिया जाता है। इस छाल को ही सायन (Scion) कहते हैं। अब गुलाब के दूसरे पौधे (Rootstock) के मुख्य तने को भी 1 इंच छील (peel) लिया जाता है। अब सायन को दूसरे पौधे (Rootstock) के तने के छिले हुए भाग पर चिपका दिया जाता है। और गाँठ वाले भाग (leaf node) को छोड़कर उसके ऊपर और नीचे की तरफ सेलो टेप लगा देते हैं। ऐसा करने से कुछ दिन बाद उस गाँठ वाले हिस्से से नई पत्तियां निकलने लगती हैं। इस तरह गुलाब का एक नया पौधा तैयार हो जाता है, जिसमें दोनों मूल पौधों के गुण मौजूद रहते हैं। इसे ही गुलाब की ग्राफ्टिंग विधि कहा जाता है।

गुलाब की ग्राफ्टिंग विधि को हिंदी में कलम बांधना कहते हैं। इस विधि को बड ग्राफ्टिंग (Rose Bud Grafting) के नाम से भी जाना जाता है।

नोट – गुलाब में ग्राफ्टिंग केवल एक ही फैमिली के पौधों के बीच होती है। जैसे गुलाब की ग्राफ्टिंग गुलाब की ही अन्य किस्मों के साथ की जाती है, न की किसी फल वाले पौधों के साथ।

(और पढ़ें: गमले में गुलाब का पौधा कैसे लगाएं…)

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गुलाब में ग्राफ्टिंग करने के फायदे – Rose Grafting Benefits In Hindi

यह सवाल जरूर आपके मन में होगा कि आखिर ग्राफ्टिंग (Grafting) क्यों की जाती है, इसे करने के पीछे क्या कारण (Reason) हैं और इससे क्या फायदा होता है। ग्राफ्टिंग करने का मकसद, ऐसा गुलाब का पौधा तैयार करना है, जिसमें फूल भी सुंदर खिलें और वह रोग प्रतिरोधी भी हो या वह पौधा आसानी से उग जाता हो। आइये जानते हैं गुलाब में ग्राफ्टिंग करने के अन्य फायदे:

  1. गुलाब के 2 पौधों को एक साथ ग्राफ्ट करके आप गुलाब की एक नई किस्म बना सकते हैं। नई किस्म में दोनों मूल पौधों के गुण रहते हैं।
  2. ग्राफ्टिंग से गुलाब के एक ही पौधे पर अलग-अलग रंग के फूल खिल सकते हैं।
  3. गुलाब की ग्राफ्टिंग से गुलाब की रोग प्रतिरोधी किस्में तैयार हो पाती हैं। यानि पौधे विपरीत परिस्थितियों में भी जीवित रहते हैं।

गुलाब में ग्राफ्टिंग कब करें – Which Season Is Best For Rose Grafting In Hindi

घर पर गुलाब की ग्राफ्टिंग (Rose Bud Grafting) करने का सही समय (Time) मध्य गर्मियों (Mid Summer) यानि मई (May) का महिना होता है। इसका कारण यह है कि मध्य गर्मियों के समय गुलाब के पौधे की ग्रोथ अच्छी होती है। सबसे गर्म दिनों के दौरान गुलाब के तने के अन्दर बहने वाले रस (Sap) जिसमें पोषक तत्व होते हैं, वह जड़ से पत्तियों तक तेजी से पहुँचता है। इससे जिस भी पौधे पर (Rootstock) हम ग्राफ्टिंग करने जा रहे हैं, उस पर दूसरे पौधे (Scion) की कलम बाँधने से कलम अच्छे से सेट हो जाती है।

(और पढ़ें: पौधे उगाने या तैयार करने की 7 प्रमुख और अनोखी विधियाँ…)

गुलाब में ग्राफ्टिंग कैसे करते हैं – How To Do Rose Grafting In Hindi

ग्राफ्टिंग विधि में सबसे पहले 2 पौधों को चुना जाता है। एक पौधे से कलम ली जाती है, जिसे सायन (Scion) कहते हैं। चुनी हुई कलम को (Scion) जिस दूसरे पौधे के तने से चिपकाया (Attach) लगाया जाता है, उसे रूटस्टॉक या होस्ट प्लांट (Rootstock/Host Plant) कहा जाता है। अगर आप सायन और रूटस्टॉक शब्दों को समझ गये हैं तो इन्हें याद रखें, क्योंकि गुलाब की ग्राफ्टिंग विधि को अच्छे से समझने के लिए आगे इन्हीं शब्दों का उपयोग ज्यादा होगा। आइये गुलाब के पौधे पर ग्राफ्टिंग करने की विधि को स्टेप बाय स्टेप समझते हैं:

1. गुलाब की ग्राफ्टिंग करने के लिए जरूरी चीजें लें – Things Needed For Rose Grafting In Hindi

अगर आपके यहां गुलाब की अलग-अलग किस्मों के पौधे लगे हैं, तो उनके बीच ग्राफ्टिंग कर सकते हैं। गुलाब की ग्राफ्टिंग करते समय आपको निम्न सामानों की जरूरत पड़ेगी:

  1. प्रूनर जिससे गुलाब की कलम को काटेंगे।
  2. पैनी चाकू या ब्लेड जिससे कलम के गाँठ (Node) वाले हिस्से को छीलेंगे।
  3. हैण्ड सैनीटाइजर, जिससे प्रूनर और ब्लेड को कीटाणुरहित करेंगे।
  4. सफेद पन्नी वाला टेप (cello tape)

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2. कलम (सायन) चुनें – Choose Rose Scion For Grafting In Hindi

जो कलम दूसरे पौधे पर लगाते हैं, उसे ही सायन (Scion) कहा जाता है। सायन चुनने के लिए निम्न बातें याद रखें:

  • आप जिस भी कलर या क्वालिटी के गुलाब चाहते हैं, उस पौधे की कलम या सायन को ही चुनना चाहिए। अक्सर सुंदर फूलों वाले गुलाब से ही सायन को लिया जाता है।
  • गुलाब के स्वस्थ और नए तने (Youngest Stem) को लिया जाता है, जिस पर कुछ पत्तियां भी हों।
  • कलम (Scion) ऐसी होनी चाहिए, जिस पर पहले फूल खिला हुआ था, जो कि अब तोड़ लिया गया हो।

(और पढ़ें: किसी भी पौधे की कटिंग कैसे लगाएं, जानें सही तरीका…)

3. रूटस्टॉक चुनें – Choosing Rootstock Plant For Grafting Roses In Hindi

गुलाब का वह पौधा जिस पर कलम या सायन को लगाया जाता है, रूटस्टॉक पौधा या होस्ट प्लांट कहलाता है। ग्राफ्टिंग के लिए गुलाब का रूटस्टॉक पौधा चुनने के लिए निम्न बातें याद रखें:

  • जो गुलाब का पौधा आसानी से उगता है या जिसमें रोग या कीट कम लगते हैं, ऐसे मजबूत पौधे को, रूटस्टॉक पौधे की तरह चुना जाता है।
  • रूटस्टॉक पौधे के तौर पर गुलाब की अन्य किस्म को चुनें। यानि रूटस्टॉक और सायन दोनों किस्में अलग-अलग होनी चाहिए।
  • Huey और फॉर्च्यूनियाना (Fortuniana) गुलाब की 2 प्रमुख किस्में हैं, जो ज्यादातर रूटस्टॉक पौधे के तौर पर चुनी जाती हैं।

4. ग्राफ्टिंग से पहले पौधों को पानी दें – Give Rose Plant Water Before Grafting In Hindi

ग्राफ्टिंग से पहले पौधों को पानी दें - Give Rose Plant Water Before Grafting In Hindi

गुलाब के पौधे को ज्यादा मात्रा में पानी की जरूरत होती है। इसी वजह से गुलाब में ग्राफ्टिंग करने के 15 दिन पहले से ही दोनों पौधों (सायन और रूटस्टॉक) को पर्याप्त मात्रा में पानी देते रहें। इससे पौधे की छाल नरम रहती है, जो आसानी से छिल जाती है। इसके अलावा इससे सायन, रूटस्टॉक पौधे पर जल्दी सेट हो जाती है।

(और पढ़ें: पौधों को पानी देने के लिए बेहतरीन गार्डन टूल्स…)

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5. गुलाब में ग्राफ्टिंग करें – Grafting/Budding Roses In Hindi

घर पर गुलाब की ग्राफ्टिंग करने के लिए आप निम्न स्टेप्स को फॉलो करें

1 step: प्रूनर और चाकू को कीटाणुरहित करें

सबसे पहले ग्राफ्टिंग के लिए जरूरी सभी टूल्स को सैनिटाइजर से अच्छे से सैनिटाइज कर लें। हाथ को भी कीटाणुरहित (Sanitize) करें।

(और पढ़ें: गार्डनिंग टूल्स और उनके उपयोग की जानकारी…)

2 step: रूटस्टॉक पौधे की प्रूनिंग करें

प्रूनर से रूटस्टॉक पौधे की अतिरिक्त शाखाओं और पत्तियों को हटा दें। इससे पौधे की ऊर्जा नए पौधे की ग्रोथ में और सायन को अच्छे से सेट होने में खर्च होगी। मुख्य तने पर मौजूद काँटों (Prickles) को भी हटा दें। पौधे पर कुछ पत्तियां मौजूद रहने दें, पूरी न हटाएं।

(और पढ़ें: गार्डन में पेड़-पौधों की प्रूनिंग कैसे करें, जाने सही तरीका…)

3 step: रूटस्टॉक पौधे के मुख्य तने को T आकार में छीलें

रूटस्टॉक गुलाब के मुख्य तने की, 2 गाँठ (Nodes) के बीच वाली जगह को, ब्लेड से T आकार में (T Budding) 1 इंच तक छीलें। ध्यान रहे गुलाब के तने की केवल ऊपरी छाल को छीलना है, ताकि उसमें सायन (Bud Patch) को चिपका सकें।

4 step: कलम से सायन निकालें

गुलाब की ग्राफ्टिंग के लिए जिस पौधे की कलम लेना है, उस पौधे से स्वस्थ कलम को काट लें। कलम के गांठ वाले हिस्से (Bud Eye) के थोड़े नीचे तरफ ब्लेड को रखें। कलम पर ब्लेड को थोड़ी गहराई से दबाते हुए आगे बढायें और 1 इंच लम्बाई की छाल निकाल लें। छाल (Bark) के अंदर मौजूद सफेद भाग को हटा दें। हरी छाल को ही सायन (Scion) कहते हैं।

5 step: सायन को तुरंत रूटस्टॉक के T शेप में डालें

सायन के उभार वाले हिस्से (Bud Eye) को ऊपर की तरफ रखते हुए, गुलाब के रूटस्टॉक पौधे के T शेप में प्रवेश कराएं। अब सायन और रूटस्टॉक दोनों के कैम्बियम लेयर वाले भाग (छाल के अंदर की चिकनी और सफेद लेयर) सम्पर्क में होते हैं।

6 step: सफेद टेप से ग्राफ्ट वाली जगह कवर करें

पन्नी वाले सफेद टेप को लें और उसे सायन के उभार वाले हिस्से (Bud Eye) को छोड़कर, उसके ऊपर और नीचे चारों ओर लपेटें। इससे कैम्बियम परतें सम्पर्क में बनी रहती हैं, जिससे सायन जल्दी सेट हो पाती है।

ग्राफ्टेड गुलाब के पौधे की देखभाल – Grafted Rose Plant Care In Hindi

ग्राफ्टिंग करने के बाद गुलाब के पौधे की देखभाल करना जरूरी है:

  1. गुलाब के ग्राफ्टेड पौधे को एक बड़ी पॉलीथीन से कवर करें। इससे आर्द्रता (Humidity) बनी रहती है, जिससे बड आई (Bud Eye) से पत्तियां जल्दी निकलती हैं।
  2. पौधे को ऐसी जगह पर रखें, जहाँ उसे रोजाना 4 से 5 घंटे की धूप मिल सके।
  3. ग्राफ्टेड पौधों को बहुत अधिक पानी की आवश्यकता होती है। अगले दो हफ्तों के लिए, मिट्टी को नम बनाए रखने के लिए रूटस्टॉक को रोजाना पानी दें।
  4. सफेद टेप को तब तक लगा रहने दें, जब तक पौधे में फूल न खिल जाये।
  5. गुलाब के ग्राफ्टेड पौधे की अच्छे से देखभाल करने पर महीने भर में ही रूटस्टॉक में लगे सायन वाले भाग से पत्तियां निकलने लगती हैं।

(और पढ़ें: पौधों की वृद्धि के लिए 10 शानदार टिप्स…)

इस आर्टिकल में आपने जाना कि गुलाब की ग्राफ्टिंग क्या है, इसे करने के क्या फायदे हैं और गुलाब में ग्राफ्टिंग कब और कैसे/करें की जाती है। गुलाब के पौधे में ग्राफ्टिंग को लेकर अगर आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो आप उसे कमेन्ट बॉक्स में जरूर लिखें। लेख पसंद आया हो तो इसे अपने गार्डनिंग करने वाले दोस्तों के साथ शेयर करें।

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