क्या आप जानते हैं कि टमाटर में लगभग 95% पानी पाया जाता है। इस वजह से रसीले टमाटर (Juicy Tomato) उगाने के लिए पौधे में सही मात्रा में पानी डालने की जरूरत होती है। कम या ज्यादा मात्रा में पानी देने से टमाटर में कई रोग हो जाते हैं, (जैसे ब्लॉसम एंड रॉट) और पौधे की ग्रोथ भी अच्छे से नहीं हो पाती है। अगर आपने भी घर पर गमले या ग्रो बैग्स में टमाटर के पौधे लगा रखे हैं और उनकी पानी की जरूरत के बारे में जानना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए काफी हेल्पफुल होने वाला है। जहाँ पर टमाटर (Tamatar) के पौधे में कब, कैसे और कितना पानी डालना चाहिए, इसकी पूरी जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी।
टमाटर के पौधे में पानी कब और कैसे दें – When And How To Water Tomato Plants In Pots In Hindi
सबसे बढ़िया तरीका यह है कि सुबह के समय टमाटर के पौधे की ऊपरी 2 इंच की मिट्टी छूकर देखें, अगर वह सूखी लगे तो पानी डालें, और यदि गीली है तो उसके सूख जाने के बाद ही पानी डालें। टमाटर के पौधे को वाटरिंग कैन से धीरे-धीरे पानी तब तक दें, जब तक कि वह गमले के ड्रेन होल से बाहर न निकलने लगे। टमाटर को ज्यादा पानी देने और पत्तियों को गीला करने से बचें। जब फल लगभग पकने वाले हों, तब पानी देना बंद कर दें।
(और पढ़ें: पौधों को पानी देने के लिए बेहतरीन गार्डन टूल्स…)
गार्डनिंग टूल्स खरीदने के लिए नीचे दिए आइकॉन पर क्लिक करें:
टमाटर के पौधे में पर्याप्त पानी क्यों देना चाहिए – Importance Of Regular Watering Of Tomato Plant In Hindi
नियमित रूप से सही मात्रा में टमाटर के पौधे को पानी देने से पौधे का निम्न रोगों से बचाव होता है:
1. ब्लॉसम एंड रॉट रोग से बचाव – Watering Controls Blossom End Rot In Tomatoes In Hindi
जब टमाटर की मिट्टी बहुत अधिक गीली या सूखी होती है, तब उसकी कैल्शियम को अवशोषित करने की क्षमता प्रभावित होती है। मिट्टी की नमी के स्तर में इस तरह के बदलाव से टमाटर के फल नीचे से सड़ने और काले पड़ने लगते हैं, इस रोग को ब्लॉसम एंड रोट कहा जाता है। टमाटर में ब्लॉसम एंड रोट रोग होने से रोकने के लिए मिट्टी में नमी का स्तर सही बनाए रखना आवश्यक है।
2. टमाटर के फलों का फटने से बचाव – Regular Watering Controls Tomato Fruit Cracking In Hindi
जब प्यासे टमाटर के पौधे को अचानक बहुत अधिक पानी मिल जाता है, तो फल के अन्दर का भाग उसकी त्वचा की तुलना में अधिक तेजी से फैलता है। इसके कारण टमाटर की स्किन फट (Tomato Fruit Cracking) जाती है। अतः टमाटर के फल न फटें, इसके लिए पौधे में नियमित रूप से सही मात्रा में पानी देने की आवश्यकता होती है।
(और पढ़ें: पौधों को पानी देते समय न करें ये 7 गलतियां…)
टमाटर के पौधे में कितनी बार पानी डालना चाहिए – How Often To Water Tomato Plants In Pots In Hindi
Tamatar के पौधे को कितनी बार पानी देना चाहिए, इसकी जानकारी आप इस चार्ट से प्राप्त कर सकते हैं:
कारक |
कम बार पानी देना |
अधिक बार पानी देना |
गमले का आकार |
बड़ा और गहरा गमला (15 इंच से बड़ा) |
छोटा और उथला गमला (14 इंच से कम) |
गमले का मटेरियल |
प्लास्टिक, Hdpe ग्रो बैग, या रेजिन गमला |
मिट्टी, धातु से बना गमला और फैब्रिक ग्रो बैग |
गमले का रंग |
सफेद या अन्य हल्के रंग |
काले और अन्य गहरे रंग |
गमले की मिट्टी की गुणवत्ता |
चिकनी मिट्टी (Clay Soil) |
रेतीली और भुरभुरी |
टमाटर का प्रकार |
डिटरमिनेट किस्में |
इनडिटरमिनेट या बेलदार किस्में |
मौसम |
वसंत और पतझड़, (ठंडा तापमान) |
गर्मी (गर्म तापमान) |
गमले का स्थान |
केवल सुबह की धूप और दोपहर में छाँव मिलने पर |
पूरे दिन सीधे धूप रहने पर |
टमाटर की ग्रोथ स्टेज |
अंकुर, युवा पौधा |
परिपक्व पौधा नए फल पैदा कर रहा है |
टमाटर के पौधों को कितना पानी देना चाहिए – How Much Water Tomato Plants Need In Pots In Hindi
गमले में परिपक्व हो चुके टमाटर के पौधे को रोजाना 3-4 लीटर पानी की जरूरत होती है। जबकि छोटे पौधे को कम पानी देना होता है। दिन के तापमान और गमले के साइज से भी टमाटर की पानी की जरूरत प्रभावित होती है।
गमले में लगे टमाटर में पानी देते समय कौन सी बातें ध्यान रखें – Factors To Consider When Watering A Tomato Plant In A Pot In Hindi
ग्रो बैग या गमले में लगे टमाटर के पौधे को पानी देते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इसकी जानकारी आगे नीचे बताई गयी है:
1. गमले के आकार – Size And Color Of The Tomato Pot In Hindi
छोटे गमले की मिट्टी जल्दी सूख जाती है, जबकि बड़े गमले में लगे टमाटर की मिट्टी ज्यादा होती है जिस वजह से वह देर से सूखती है। यही वजह है कि बड़े गमले या ग्रो बैग में लगे टमाटर के पौधे को ज्यादा बार पानी देने की जरूरत पड़ती है। गमले का कलर यदि काला है तो वह जल्दी गर्म होगा और वाष्पीकरण (Evaporation) के माध्यम से उसका पानी अन्य कलर के गमलों की तुलना में जल्दी उड़ जायेगा। अतः काले गमले में लगाए गए पौधे को अधिक बार पानी देना होता है।
(और पढ़ें: जानें किस साइज के ग्रो बैग में अच्छे से उगते हैं, टमाटर के पौधे…)
ग्रो बैग (गमला) खरीदने के लिए नीचे दिए आइकॉन पर क्लिक करें:
2. मौसम – Tomato Water Requirements Depends On Weather Condition In Hindi
गर्मी के मौसम में गमले की मिट्टी जल्दी गर्म हो जाती है, जिस वजह से वाष्पीकरण के माध्यम से उसमें मौजूद पूरा पानी तेजी से उड़ जाता है। इस समय टमाटर के पौधे में ज्यादा बार पानी डालना पड़ता है। जबकि बरसात और सर्दियों के ठंडे और नम मौसम में गमले में लगे टमाटर के पौधे की मिट्टी को सूखने में समय लगता है और इससे पौधे को मध्यम मात्रा में पानी की जरूरत होती है। इस तरह मौसम के अनुसार टमाटर के पौधे को कम या ज्यादा बार पानी देना होता है।
3. गमले या ग्रो बैग का मटेरियल – Tomato Water Requirements Depend On Container Material In Hindi
अगर टमाटर का पौधा फैब्रिक मटेरियल से बने ग्रो बैग में लगा है, तो उसकी मिट्टी जल्दी सूख जाएगी और उसे ज्यादा बार पानी देना पड़ेगा। प्लास्टिक, मिट्टी या अन्य सामग्री से बने गमले में लगे टमाटर को फैब्रिक ग्रो बैग की तुलना में कम मात्रा में पानी देने की जरूरत पड़ती है।
(और पढ़ें: होम गार्डनिंग के लिए बेस्ट गमले और उनके प्रकार…)
4. टमाटर का प्रकार – Type Of Tomato Plants Need Different Amount Of Water In Hindi
बेल के रूप में बढ़ने वाले टमाटर (Indeterminate Tomato) को अधिक पत्तियों और फलों को लाने के लिए ज्यादा पानी की जरूरत होती है। जबकि डिटरमिनेट यानि झाड़ीदार किस्म के टमाटर के पौधे 3 फुट की ऊंचाई तक ही बढ़ते हैं, इस वजह से उन्हें मीडियम मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है
(और पढ़ें: होम गार्डन में उगाने के लिए टमाटर की टॉप 10 वैरायटी…)
उपजाऊ मिट्टी व अन्य चीजें खरीदने के लिए नीचे दिए आइकॉन पर क्लिक करें:
5. टमाटर के पौधे की लोकेशन – Location Of The Tomato Plant Pot In Hindi
अगर टमाटर के पौधे का गमला दिन भर सीधी धूप में और खुली जगह में रखा है, तो उसकी मिट्टी और पत्तियों से पानी जल्दी उड़ जायेगा, और ऐसे में पौधे को ज्यादा बार पानी देना होगा। जबकि बालकनी या छाया वाली जगह पर रखे टमाटर के पौधे को कम बार पानी देने की आवश्यकता होती है।
6. मिट्टी की क्वालिटी – Quality Of The Potting Soil In Hindi
अगर टमाटर का पौधा भुरभुरी और रेतीली मिट्टी में लगा है, तो ऐसी मिट्टी पानी को तुरंत बाहर निकाल (Drain) देती है, जिस वजह से पौधे को ज्यादा बार पानी देने की जरूरत पड़ती है। चिकनी और भारी मिट्टी में पानी भरा रहता है, जिस वजह से ऐसी मिट्टी में कम बार पानी देना पड़ता है।
(और पढ़ें: पौधे लगाने के लिए गमले की मिट्टी कैसे तैयार करें…)
7. टमाटर की ग्रोइंग स्टेज का – Stage Of Tomato Growth In Hindi
सीडलिंग या टमाटर के छोटे पौधे को कम और बड़े तथा परिपक्व पौधे को अधिक मात्रा में और बार-बार पानी देने की जरूरत पड़ती है।
(और पढ़ें: घर पर टमाटर कैसे उगाएं…)
इस लेख में हमने आपको, टमाटर के पौधे में पानी कब, कैसे और कितना डालना चाहिए, इसकी जानकारी दी है। उम्मीद करते हैं Tamatar के पौधे में पानी देने से जुड़ा यह लेख आपको पसंद आया होगा और अगर इस लेख के बारे में आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो उसे कमेन्ट बॉक्स में जरूर बताएं।
गार्डनिंग टूल्स खरीदने के लिए नीचे दिए आइकॉन पर क्लिक करें: