हम अपने गार्डन में विभिन्न प्रकार के फूल वाले पौधे लगाते हैं, जो हमारे होम गार्डन या टेरिस गार्डन को सुंदर व आकर्षक बनाते हैं, लेकिन कभी-कभी फ्लावर प्लांट्स में कम फूल खिलते हैं या फिर एक बार खिलने के बाद दोबारा तेजी से नहीं खिलते हैं, इसका एक कारण समय पर फूलों की डेड हेडिंग (खराब या मुरझाए फूलों को न हटाना) न करना भी हो सकता है, साथ ही कुछ गार्डनर्स डेड हेडिंग जैसी चीजों पर ध्यान भी नहीं देते हैं। अगर आप जानना चाहते हैं कि, डेड हेडिंग क्या है और यह कैसे की जाती है, तो यह लेख आपके लिए काफी हेल्पफुल साबित हो सकता है। डेड हेडिंग करने का समय क्या है, खराब या मुरझाए फूलों को कैसे हटाएं, कौन से पौधों की डेड हेडिंग करें तथा इससे होने वाले फायदे जानने के लिए यह लेख पूरा पढ़ें।
डेड हेडिंग क्या है – What Is Deadheading Of Plant In Hindi
अपने होम गार्डन या टेरिस गार्डन में लगे खासकर फूल वाले पौधों की डेड हेडिंग (Deadheading) करना जरूरी होता है। डेडहेडिंग की प्रक्रिया में किसी भी प्लांट्स के सूख चुके, मुरझाएं और डैमेज फूलों को गार्डनिंग टूल्स की मदद से हटा दिया जाता है। डेड हेडिंग करने से प्लांट्स आकर्षक दिखते हैं व स्वस्थ ग्रोथ करते हैं।
डेड हेडिंग कौन से पौधों की करें – Which Plants Need To Deadheading In Hindi
घर पर गमले या गार्डन की मिट्टी में लगे खासकर उन पौधों की डेडहेडिंग जाती है, जिनके फूल सूखने और मुरझाने के बाद अपने आप गिरते नहीं है और अपनी डाल में लगे रहते हैं। नीचे कुछ पौधों की लिस्ट (Deadheading Flowers List) दी है, जिनकी डेडहेडिंग करना जरूरी होता है।
- कॉनफ्लॉवर (Coneflower)
- डेल्फिनियम (Delphinium)
- फ़्लोक्स (Phlox)
- ब्लीडिंग हार्ट (Bleeding heart)
- यैरो (yarrow)
- ल्यूपाइन (Lupine)
- वेरोनिका (Veronica plant)
- शास्ता डेज़ी (Shasta daisy)
- साल्वीया (Salvia)
- सेज (Sage flower plant)
- गुलाब (Rose)
- बोगनवेलिया (Bougainvillea)
पौधे जिन्हें डेड हेडिंग की जरूरत नहीं है – Plants That Don’t Need Deadheading In Hindi
ऊपर हमने आपको बताया है कि, ऐसे कौन से प्लांट हैं जिनकी डेड हेडिंग की जा सकती है। अब हम जानेंगे कि, पौधों में कौन से गुण होने से डेड हेडिंग की जरूरत नहीं होती है। चलिए जानते हैं, किन पौधों से डैमेज फ्लावर हटाने की आवश्यकता नहीं होती है।
- ऐसे पौधे जो अपने आप फूल गिरा देते हैं।
- बिना फूल वाले पौधों को डेड हेडिंग की जरूरत नहीं होती, क्योंकि इनमें फूल होते ही नहीं हैं।
डेडहेडिंग कब करें – When To Deadheading Of Plant In Hindi
आप सूखे, मुरझाएं व खराब हो चुके फूलों को पौधे से किसी भी समय अलग कर सकते हैं अर्थात् डेडहेडिंग (deadheading) कर सकते हैं। पौधे की डेडहेडिंग कितनी बार करना है, यह पौधे कि प्रजाति और मौसम पर निर्भर करता है।
फूलों की डेडहेडिंग कैसे करें – How To Do Deadheading Flowers In Hindi
जब प्लांट में लगे फूल ख़राब हो जाते हैं, तो हम उस फूल को हटा देते हैं। डेडहेडिंग (deadheading) एक बहुत ही आसान तरीका है जिससे कि आप पौधे की खूबसूरती बढ़ा सकते हैं। जब पौधे में लगे फूल मुरझा जाते हैं या खराब हो जाते हैं, तो फूल के तने के ठीक नीचे और स्वस्थ पत्तियों के ऊपर से तने को कैंची या प्रूनर की मदद से अलग कर दें, लेकिन ध्यान रखें कि, डेड हेडिंग करते समय पौधे को नुकसान न पहुंचे।
डेडहेडिंग करने से होने वाले फायदे – Benefits Of Deadheading In Hindi
फ्लावर प्लांट की डेड हेडिंग अर्थात् खराब फूल हटाने से निम्न फायदे होते हैं, जो इस प्रकार हैं:-
- घर पर गार्डन या गमले की मिट्टी में लगे पौधों की ऊर्जा व्यर्थ नहीं जाती है।
- पौधों का तेजी से विकास होता है।
- पॉट में लगे पौधे सुंदर व आकर्षक दिखने लगते हैं।
- जब पौधे में फूल सूख जाते हैं, तो ऐसे में उनमे बीज बनने लगते हैं, जिसकी वजह से पौधे कि ऊर्जा फूलों के बजाय बीजों के निर्माण में खर्च होती है। इसलिए समय-समय पर फूलों वाले पौधों की डेडहेडिंग (deadheading) करते रहना चाहिए, ताकि पौधों में अधिक से अधिक फूल खिल सकें।
नोट – अगर आप पौधे से बीज प्राप्त करना चाहते हैं, तो सूखे फूलों की डेड हेडिंग (Deadheading) न करें।
डेड हेडिंग करने के लिए गार्डनिंग टूल्स – Tools For Deadheading In Gardening In Hindi
- कैंची (Scissors)
- प्रूनर (pruner)
कैंची – Scissors For Gardening In Hindi
स्टेनलेस स्टील से बनी तेज ब्लेड वाली कैंची को गार्डनिंग में पौधों से सूखे व मुरझाए फूलों को आसानी से अलग किया जा सकता है। पतले ब्लेड होने के कारण यह संकीर्ण स्थानों तक आसानी से पहुंच सकती है। गार्डनिंग कैंची को डेडहेडिंग (plant Dead Heading) करने के लिए आदर्श माना जाता है। सस्ती कीमत में स्टेनलेस स्टील से बनी गार्डनिंग कैंची को ऑनलाइन खरीदने के लिए यहाँ क्लिक करें।
प्रूनर – Pruner For Home Gardening In Hindi
गार्डनिंग में सूखी शाखाओं, टहनियों और क्षतिग्रस्त भागों को काटकर पौधों को सही आकार देने के लिए प्रूनर का उपयोग किया जाता है। प्रूनर की मदद से कठोर से कठोर टहनियों को भी आसानी से काटा जा सकता है। प्रूनर कई प्रकार के होते हैं, जिन्हें आप Organicbazar.net से ऑनलाइन आर्डर करके प्राप्त कर सकते हैं।
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डेडहेडिंग और प्रूनिंग में क्या अंतर है – Difference Between Deadheading And Pruning In Hindi
चलिए अब जानते हैं, डेड हेडिंग और छटाई (pruning) में क्या अंतर होता है।
डेडहेडिंग (Deadheading):- इस प्रोसेस में पौधे या फ्लावर प्लांट से सूखे, मुझाएं फूलों को उचित गार्डनिंग टूल्स की मदद से हटाया जाता है।
प्रूनिंग (Pruning):- छटाई या प्रूनिंग की प्रक्रिया में पौधे के किसी भी क्षतिग्रस्त भाग जैसे- शाखा, कलियों और फूल आदि को पौधे से हटा दिया जाता है।
नोट – फ्लावरिंग सीजन से तुरंत पहले व 1/3 से अधिक पौधे की छटाई अर्थात् प्रूनिंग न करें।
(यह भी जानें: गार्डन में पेड़-पौधों की प्रूनिंग कैसे करें, जाने सही तरीका और अन्य बातें…)
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इस लेख में आपने जाना कि, डेड हेडिंग क्या है, यह कैसे करते हैं तथा इससे होने वाले फायदे कौन-कौन से हैं, और भी बहुत कुछ जाना। यह लेख आपको कैसा लगा तथा इस आर्टिकल से संबंधित आपके जो भी सवाल या सुझाव हैं, हमें कमेंट में जरूर लिखकर बताएं।