तुलसी के पौधे को मरने से बचाने तरीका: जिन भी लोगों ने अपने घर में तुलसी के पौधे को लगाया है उनका सबसे बड़ा प्रश्न होता है कि तुलसी के पौधे को सूखने से कैसे बचाएं या तुलसी के पौधे के सूखने का कारण क्या है? आज लेख में आपको इन सभी सवालों के उत्तर मिल जायेंगे। तुलसी के पौधे की बात करें तो यह अपनी खुशबूदार पत्तियों और अपने अदभुद स्वाद के लिए जानी जाती है। यह हमारे देश में धार्मिक महत्व तो रखती ही है लेकिन इसके साथ ही यह दुनिया की एक सबसे लोकप्रिय जड़ी-बूटियों में से एक है। वैसे तो तुलसी का पौधा एक कम रखरखाव वाला (low-Maintenance) पौधा है जिसकी आपको कम देखभाल करने की आवश्यकता होती है। लेकिन कई बार हमारी कुछ गलतियों की वजह से तुलसी का पौधा सूखने लगता है और अगर इस पर ध्यान नहीं दिया जाये तो यह मर भी सकता है।
तुलसी के पौधे के सूखने और मरने के कई कारण हो सकते हैं जैसे सही मात्रा में पानी न देना या अधिक पानी देना, मिट्टी की क्वालिटी अच्छी न होना, पर्याप्त धूप न मिलना और कीटों का प्रकोप आदि। अगर आपके द्वारा घर पर लगाये गये तुलसी के पौधों में सूखने और सूख कर मरने जैसे दिक्कत आ रही है या आप अपने तुलसी के पौधे को सूखने से बचाने के तरीके की तलाश कर रहें हैं तो यह लेख आपके काम आ सकता है। इस लेख में हम आपको बताएँगे कि तुलसी के पौधे को सूखने से कैसे बचाएं (How to Save Basil Plant from drying in Hindi) और अगर पौधा सूख चुका है तो तुलसी के पौधे को मरने से बचाने तरीका क्या है।
तुलसी के पौधे को सूखने से कैसे बचाएं – How to Save Basil Plant from drying in Hindi
मरते हुए या सूखते हुए तुलसी के पौधे को फिर से हरा-भरा या पुनर्जीवित करने के लिए आपको सबसे पहले इस बात का पता लगाना होगा कि इसके सूखने का कारण क्या है। इस लेख में हमने हमने मरते हुए तुलसी के पौधे को फिर से हरा भरा बनाने के लिए कुछ प्रभावी तरीके दिए हैं, जिनको फॉलो करके आप तुलसी के पौधे को सूखने से बचा सकते हैं।
मिट्टी को नम बनाएं तुलसी को सूखने से बचाने का तरीका – Keeping The Soil Moist Is A Way To Protect Basil From Drying Out in Hindi
तुलसी के पौधों को स्वस्थ रखने के लिए मिट्टी का नम होना बेहद जरुरी है। जब इसकी मिट्टी सूख जाती है तो पत्तियाँ मुरझाने लगती हैं और भूरे रंग की हो जाती हैं। अगर आपका तुलसी का पौधा जमीन में लगा है तो इसे अधिक पानी देने की जरूरत हो सकती है। गर्मियों के मौसम में तुलसी के पौधों को हर एक से तीन दिन में पानी देना चाहिए। पानी देने के दूसरे दिन की सुबह आपको पौधों की जांच करना चाहिए कि वे ठीक हो गए हैं या नहीं।
अगर तुलसी का पौधा गमले में लगा है तो सूखी हुई तुलसी को कम धूप वाले स्थान पर रखें और उसे पर्याप्त मात्रा में पानी दें। ऐसा करके आप तुलसी के पौधे को सूखने से बचा सकते हैं और उसे एक बार फिर से नया जीवन दे सकते हैं।
अगर आपने तुलसी के पौधे को काफी समय से पानी नहीं दिया है तो ऐसी स्थिति में आपको गमले को पानी के टब में डालकर नीचे से पानी देने का प्रयास करें, जिससे पौधे की जड़े अच्छी तरह से पानी पी सकें। इसके अलावा पौधे को बड़े कंटेनरों में दोबारा रोपित करना पौधे को सूखने से बचा सकता है क्योंकि ऐसे में उन्हें अधिक मिट्टी और उसमें मौजूद नमी सही तरह से मिलती है।
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अधिक मात्रा में पानी देना तुलसी के पौधे का सूखने का कारण – Excessive Watering Causes Drying Of Basil Plant in Hindi
जांच करें कि कही आपका पौधा अधिक पानी देने की वजह से तो नहीं मर रहा। बता दें कि तुलसी के पौधे को न अधिक पानी देना है न कम पानी देना है। अधिक पानी देने से तुलसी के पौधे की जड़ सड़न की समस्या हो सकती है और इससे पौधा सूखकर मर सकता है। तुलसी के पौधे को सूखने से बचाने के लिए आप इसे इतना पानी दे कि इसकी मिट्टी नम रहे। इसकी मिट्टी बहुत ज्यादा सूखी नहीं होना चाहिए और न ही मिट्टी में जल भराव होना चाहिए। तुलसी के पौधे को मिट्टी की ऊपरी सतह सूखने पर ही पानी दें, और जड़ों तक पानी पहुँचने के लिए पूरी तरह से मिट्टी भिगा सकते हैं, लेकिन अत्यधिक पानी से बचें।
तुलसी के पौधे को पनपने के लिए पर्याप्त धूप की आवश्यकता होती है। इसे प्रतिदिन कम से कम 6 से 8 घंटे सीधी धूप की आवश्यकता होती है। लेकिन पर्याप्त धूप मिलने के बाद वे छाया पसंद करते हैं। बहुत बहुत अधिक धूप और गर्मी के कारण तुलसी पत्तियों पर धब्बे पाए जाते हैं। अधिक धूप में रखने की वजह से कई बार पौधे अपनी नमी खो देते हैं और सूख कर गिर जाते हैं। अगर आपके क्षेत्र में अधिक गर्मी है तो आप पौधे को पर्याप्त धूप मिलने के बाद छाया वाले स्थान पर रख सकते हैं। अगर अपने पौधे को जमीन पर लगाया है तो इसे छाया प्रदान सकते हैं।
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सही खाद का उपयोग करके तुलसी के पौधे को सूखने से बचाएं – Use The Right Fertilizer To Protect The Basil Plant From Drying Out in Hindi
उचित खाद देना भी तुलसी के पौधे को मरने से बचाने तरीका है। वैसे तो हर्ब्स प्लांट को आमतौर पर अधिक आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन मिट्टी में मौजूद पोषक तत्व पानी देने से बह सकते हैं। गार्डन में लगी तुलसी को साल में दो बार लिक्विड फर्टिलाइजर (liquid fertilizer) देने से फायदा हो सकता है। अगर अपनी तुलसी घर के अंदर गमले में लगी है तो इसे सूखने से बचाने के लिए आप महीने में लगभग एक बार मिट्टी में लिक्विड फर्टिलाइजर दे सकते हैं। बता दें कि नाइट्रोजन युक्त उर्वरक पौधे के जीवन को मरने से बचा सकता है। लेकिन अगर आप इसका उपयोग नहीं करना चाहते हैं, तो मिट्टी को अच्छी तरह से कम्पोस्ट खाद का उपयोग भी कर सकते हैं। जब आप तुलसी को आवश्यक नाइट्रोजन देते हैं तो यह मरने से बच जाता है और फिर से हरा भरा हो जाता है।
वहीं दूसरी तरफ जब तुलसी को ठीक से पानी दिया जाता है और अच्छे फर्टिलाइजर का उपयोग भी किया जाता है, तब भी पत्तियां पीली हो सकती हैं। ऐसे में यह मिट्टी में बहुत अधिक नाइट्रोजन का लक्षण हो सकता है, अगर आपको ऐसा लगता है तो ऐसे में आपको मिट्टी का परिक्षण करना चाहिए।
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कीट और रोग निरीक्षण करके तुलसी के पौधे को मरने से कैसे बचाएं- Inspecting for Pests and Diseases in Hindi
कीटों या बीमारियों के लक्षणों की जाँच करना भी तुलसी के पौधे को मरने से बचाने का तरीका है। यहाँ हमने नीचे तुलसी के पौधे में होने वाले कुछ कीट और रोग, उनके निरीक्षण करने का तरीका बताया है। कीटों या बीमारियों के लक्षणों को पहचान करके और उनका इलाज करने आप तुलसी के पौधे को मरने या सूखने से बचा सकते हैं।
सफेद मक्खी (Whiteflies)
सफेद मक्खी पत्तियों के निचले हिस्से पर लगने वाले छोटे-छोटे कीट है, जो तुलसी के पौधे के सूखने का कारण हो सकते हैं। इनसे बचाव के लिए आप नीम के तेल का छिड़काव करें या साबुन के पानी से पत्तियों को धोएँ।
मीलीबग (Mealybugs)
मीलीबग ऐसे कीटों का एक समूह होता है जो पौधों को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। यह सफेद रंग के होते हैं और पत्तियों और तनों रुई जैसे दिखाई देते हैं। अगर यह तुलसी के पौधे पर लग जाते हैं तो यह पौधों के रस को चूसकर उन्हें कमजोर कर देते हैं। जिससे पौधे की वृद्धि और विकास पर बुरा असर पड़ता है। इनसे छुटकारा पाने के लिए और तुलसी के पौधे को सूखने से बचाने के लिए आप एल्कोहल युक्त कपड़े से कीटों को साफ करें या नीम तेल का उपयोग करें।
एफिड्स (Aphids)
एफिड्स काले या पीले रंग के कीड़े होते हैं जो कि पौधे की नरम और नई पत्तियों दिखाई देते हैं। एफिड्स भी तुलसी के पौधे के सूखने का कारण हो सकते हैं। इनसे अपने पौधे को बचाने के लिए आप इसे साबुन के पानी से धोएँ या नीम के तेल का छिड़काव करें।
स्पाइडर माइट्स (Spider Mites)
पत्तियों पर बहुत बारीक जाले और पीले धब्बे स्पाइडर माइट्स के लक्षण हो सकता हैं। इससे अपने तुलसी के पौधे को बचाने के लिए आप तेज पानी का छिड़काव करके माइट्स को हटाएं या नीम के तेल का उपयोग करें
रूट रॉट (Root Rot)
रूट रॉट की वजह से भी तुलसी प्लांट वृद्धि रुक जाती है, पत्तियां पीली पड़ जाती हैं, और पौधा मुरझा सकता है। इससे बचाव के लिए आप पौधों को अधिक पानी न दें और सुनिश्चित करें कि गमले में जल निकासी हो। यदि संभव हो तो, संक्रमित मिट्टी को बदलें और अधिक जल निकासी वाली मिट्टी का उपयोग करें।
फंगल इन्फेक्शन्स (Fungal Infections)
जब तुलसी के पौधे में फंगल इन्फेक्शन्स होता है तो इसकी पत्तियों पर काले, भूरे या पीले धब्बे देखने को मिलत है। इसके उपचार के लिए आप किसी अच्छे फफूंदीनाशक का उपयोग करें और पौधे को अच्छी हवा दें।
तुलसी के पौधे को मरने से बचाने के लिए प्रूनिंग करें – Pruing is Essential to Save Basil Plant from drying in Hindi
जब तुलसी के पौधे की आप सही समय पर प्रूनिंग नहीं करते तो यह मुरझाने लगते हैं। लेकिन लगातार छंटाई के माध्यम वे फिर से हरे भरे हो सकते हैं। इसलिए मृत और मुरझाई पत्तियों को नियमित रूप से हटाएं और बढ़ते मौसम के दौरान हर दो सप्ताह में तुलसी के पौधे की छंटाई जरुर करें।
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तुलसी को सूखने से बचाने के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी है जरुरी – To Prevent Basil From Drying Out, Soil With Good Drainage is Necessary in Hindi
अगर आपने तुलसी के पौधे को गमले में ऐसी मिट्टी में लगाया है जो कि अधिक नमी बनाये रखती है और उसकी जल निकासी बेहतर नहीं है। तो ऐसे में तुलसी के पौधे मर सकते हैं। आपकी मिट्टी भारी और अधिक चिकनी नहीं होना चाहिए जो कि पानी को फैलने से रोकती हो। इस तरह की मिट्टी में नमी बनी रहती है जिसकी वजह से पौधों की जड़ों में फंगल रोग विकसित हो सकते हैं और ऐसे में पौधा सूखकर मर सकता है। आप गमले में 70 प्रतिशत मिट्टी और 30 प्रतिशत रेत का उपयोग कर सकते हैं। इससे पानी गमले में नहीं टिकेगा और आपके पौधा सूखने से बच जायेगा।
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सही आकार के कंटेनर तुलसी के पौधे को मरने से बचाने तरीका – Use the Right size Container in Hindi
गमले में लगे तुलसी के पौधों को अच्छे आकार के कंटेनरों लगाना चाहिए जिसमे उचित जल निकासी छेद हो, क्योंकि वे अतिरिक्त पानी को नीचे निकलने देते हैं। तुलसी के पौधे को लगाने के लिए आप ग्रो बैग का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह वजन में हल्के तो होते ही हैं और कई सालों तक खराब भी नहीं होते।
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