शतावरी का वानस्पातिक नाम शतावरी रेसमोसस (Asparagus racemosus) है। यह लिलिएसी कुल का एक औषधीय गुणों वाला पौधा है। एस्परैगस (शतावरी) में एंटीऑक्सिडेंट गुण, कम कैलोरी तथा 90% पानी होता है, जिसके कारण यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में कई प्रकार की दवाईयां बनाने में भी किया जाता है तथा इसे सब्जी के रूप में भी खाया जाता है। शतावरी को बढ़ने के लिए अधिक समय तथा उचित स्थान की आवश्यकता होती है। अगर आप शतावरी लगाना चाहते हैं तो, आपके मन में भी यह विचार आया होगा कि, शतावरी का पौधा कैसे लगाएं। इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि, शतावरी का पौधा घर पर कैसे लगाएं?, शतावरी के पौधे लगाने की मेथर्ड क्या है और गमले में शतावरी कैसे उगाएं? अधिक जानकारी के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
शतावरी उगाने की जानकारी – Asparagus Growing Condition in Hindi
एस्परैगस (शतावरी) का पौधा उगाने संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी निम्न है:
शतावरी के अन्य नाम |
शतावर, सतावरी, सतमूल और सतमूली |
शतावरी लगाने का सीजन |
शुरूआती वसंत या बरसात के समय |
बीज लगाने के गहराई |
लगभग 0.5-1 इंच |
उपयुक्त मिट्टी |
अतिरिक्त जल निकासी वाली जैविक खाद युक्त दोमट मिट्टी |
पौधों के विकास के लिए तापमान |
20°C से 30°C के बीच बेस्ट |
उचित धूप |
पूर्ण प्रकाश (प्रतिदिन लगभग 6-8 घंटे) |
बीज अंकुरण में लगा समय |
लगभग 1 महीना |
कटाई का समय |
शतावरी के पौधे की लम्बाई 6-10 इंच होने पर |
शतावरी कब लगाएं – Asparagus Growing Season in Hindi
आप शुरुवाती वसंत में फरवरी-मार्च और बरसात के समय जून-जुलाई के महीने में शतावरी का पौधा लगा सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप मिट्टी का तापमान 21-30ºC के बीच होने पर जनवरी में भी शतावरी के बीज लगा सकते हैं।
(और जानें: आर्टिचोक के बीज कैसे उगाएं…)
शतावरी लगाने के लिए आवश्यक जलवायु – Climate for Growing Asparagus in Hindi
एस्परैगस के पौधों को अधिकांश समशीतोष्ण क्षेत्रों में उगाया जा सकता है लेकिन, यह लंबी सर्दियों के साथ ठंडे क्षेत्रों में तेजी से बढ़ता है। आमतौर पर शतावरी का पौधा 23-30ºC तक का तापमान सह सकता है। तापमान में बहुत अधिक उतार-चढ़ाव पौधे की वृद्धि को रोक सकता है। इसके अलावा 10ºC से कम तापमान होने पर इसके पौधे मर सकते हैं।
शतावरी लगाने के लिए उपयोगी मिट्टी – Best Soil for Growing Asparagus in Hindi
6.5 से 7.0 के बीच पीएच मान वाली तथा अतिरिक्त जल निकासी वाली मिट्टी में शतावरी का पौधा अच्छी तरह से बढ़ता है। यह पौधा अत्यधिक अम्लीय मिट्टी में मर सकता है। एस्परैगस के पौधे भारी, मध्यम या रेतीली मिट्टी में भी आसानी से उगाए जा सकते हैं। आप इसे उगाने के लिए जैविक खाद युक्त दोमट मिट्टी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
(और जानें: गार्डन की मिट्टी की देखभाल कैसे करें…)
शतावरी लगाने के लिए सही जगह – Best place for planting Asparagus in Hindi
एस्परैगस (शतावरी) का पौधा 15 साल या उससे अधिक समय तक चल सकता है, अतः आप पौधे लगाने के लिए निम्न प्रकार से उचित जगह का चयन कर सकते हैं:
- पौधे लगाने के लिए ऐसी जगह का चयन करें, जहां पौधों को प्रतिदिन 6-8 घंटे की धूप प्राप्त हो सके।
- अधिक ठंडे स्थान में भी पौधे मर सकते हैं, इसलिए ऐसी जगह चुनें जो ज्यादा नीची न हो या ठंढ के संपर्क में न हो।
- बहुत अधिक ठंड पड़ने पर आप पौधों को घर के अंदर रख सकते हैं।
- शतावरी के पौधों में गहरी जड़ प्रणाली होती है, अतः उथली मिट्टी वाली जगहों पर शतावरी लगाने से बचें।
(और पढ़ें: जड़ वाली सब्जियों के नाम और उगाने से संबंधित जानकारी…)
गमले में शतावरी कैसे लगाएं – How to plant Asparagus in a Pot in Hindi
शतावरी एक अनोखा पौधा है जिसके तने का इस्तेमाल खाने में किया जाता है, जिसे भाला कहा जाता है। जड़ प्रणाली के आधार पर भूमिगत कलियों से भाले निकलते हैं। इन कलियों और जड़ों को मुकुट (crown) कहा जाता है। यदि तने को बढ़ने के लिए छोड़ दिया जाए तो, वे पत्ते विकसित करते हैं जिन्हें फर्न कहा जाता है। शतावरी का पौधा बारहमासी पौधा है जिसे बीज या इसके मुकुट (जड़) के द्वारा उगाया जाता है। आप दो तरीके से शतावरी के पौधे गमले या ग्रो बैग में लगा सकते हैं। जो निम्न प्रकार हैं:
- बीज से
- और जड़ (मुकुट) से।
बीज से शतावरी उगाना – Growing Asparagus from Seed in Pots in Hindi
गमले की मिट्टी में बीज से शतावरी उगाने के लिए 3 वर्ष तक का समय लग सकता है। पहले सीजन के दौरान, बीज अंकुरित होते हैं और फिर उन्हें मिट्टी में अपनी जड़ों को विकसित करने के लिए 2 साल की आवश्यकता होती है। गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में शतावरी के बीज लगाने के निम्न स्टेप हैं:
- आप इसके बीजों को 18 x 9 इंच (चौड़ाई x ऊंचाई) या इससे बड़े आकार के गमले या ग्रो बैग में लगा सकते हैं।
- गमले में उपयोगी पॉटिंग मिट्टी (potting soil) भरें।
- मिट्टी में शतावरी के बीज लगभग 0.5-1 की गहराई में लगाएं और दो पौधों की बीच की दूरी लगभग 3 से 5 इंच रखें।
- बीजों को मिट्टी से अच्छी तरह ढंक दें।
- पॉट की मिट्टी में वाटरिंग केन (water can) की मदद से पानी दें।
- शतावरी के बीज लगभग 3-4 सप्ताह के अंदर अंकुरित हो जाएंगे।
- वातावरण व बीज की क्वालिटी के अनुसार अंकुरण का समय कम या ज्यादा हो सकता है।
शतावरी को मुकुट (जड़) से उगाना – Growing Asparagus Crowns in Pots in Hindi
मुकुट (जड़) से शतावरी उगाने के लिए आपको 2 वर्ष का समय लग सकता है। पौधों को नुकसान से बचाने के लिए शतावरी की जड़ को ठंड के बाद लगाया जाना उचित होता है। शतावरी के मुकुट लगाने के लिए कितना बड़ा गमला या ग्रो बैग लेना है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि, आप शतावरी के कितने पौधे लगाना चाहते हैं। आइये जानते हैं गमले में शतावरी के पौधे लगाने के टिप्स:
- शतावरी के पौधे की जड़ गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में लगाएं तथा जितने पौधे लगाना चाहते हैं उसके अनुसार उतनी फुट लंबी खाई (नाली) तैयार करें।
- जड़ लगाते समय मिट्टी में फास्फोरस और पोटेशियम युक्त खाद मिलाएं ताकि, पौधों को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त हो सकें।
- शतावरी की जड़ों को खाई में लगाकर उसे 2 इंच मिट्टी से अच्छी तरह ढक दें तथा ऊपर से स्प्रे वाटर (spray water) की मदद से पानी दें।
- जब शतावरी के तने (भाले) 2 से 3 इंच लंबे हो जाते हैं तब, खाई में 2 इंच मिट्टी और डालें ध्यान रखें कि, भाले पूरी तरह से न दबें।
- जब भाले फिर से मिट्टी की परत के माध्यम से बढ़ते हैं, तो इसमें फिर से मिट्टी की 2 इंच मोटी परत डालें। इस प्रक्रिया को तब तक दोहराएं जब तक कि खाई जमीनी स्तर तक भर न जाए।
- आपको पूरे मौसम में 1 से 2 बार और मिट्टी डालने की आवश्यकता हो सकती है।
- बहुत अधिक पानी व पानी के अभाव में आपके पौधों को नुकसान हो सकता है। अतः पौधों को उचित मात्रा में पानी दें।
शतावरी के पौधे के लिए पानी – Water for Asparagus Plants in Hindi
शुरूआत में शतावरी के पौधों को नियमित रूप से पानी देने की आवश्यकता होती है। गर्मी के मौसम के दौरान शतावरी के पौधे लगे मिट्टी में प्रति सप्ताह लगभग 1 से 2 इंच गहराई में पानी देना चाहिए। अगर पौधे पुराने हैं तो आप इन्हें हर हफ्ते 1 इंच तक पानी दे सकते हैं। पौधों के विकास के लिए मिट्टी में उचित मात्रा में नमी बनाएं रखें।
(और जानें: पौधों को पानी कब दें, जानें पानी देने का सही समय…)
शतावरी उगने में लगा समय – Time taken to Grow Asparagus in Hindi
एस्परैगस (शतावरी) के पौधों को अच्छी तरह विकसित होने और उत्पादन करने में 2 से 3 साल का समय लग सकता हैं। इसके अलावा इसे तैयार होने में कभी-कभी 3 साल से ज्यादा समय भी लग सकता है। जब पौधा पूरी तरह से विकसित हो जाता है तो यह 15 या उससे अधिक वर्षों तक आपको खाने योग्य भाले (तने) प्रदान करता है।
शतावरी के पौधे की देखभाल – Asparagus Plant Care in Hindi
- पौधे लगे गमले की मिट्टी में नमीं बनाये रखें।
- शतावरी के पौधों को नियमित रूप से पानी दें।
- अधिक पानी देने से शतावरी के पौधे की जड़ें सड़ सकती हैं, इसलिए ओवर वाटरिंग से बचें।
- ध्यान रखें कि, पौधों को रोजाना कम से कम 6-8 घंटे की धूप मिलनी चाहिए।
- खरपतवार पौधों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए शतावरी के आस-पास उगी हुई घास व खरपतवार को तुरंत हटायें।
- आप शतावरी के पौधों को जैविक खाद जैसे पुरानी गोबर की खाद, रॉक फास्फेट, नीम केक, मस्टर्ड केक और वर्मीकम्पोस्ट आदि दे सकते हैं।
(और जानें: घर पर एलोवेरा का पौधा कैसे उगाएं…)
निष्कर्ष – Conclusion
इस आर्टिकल में आपने जाना कि, शतावरी के पौधे की देखभाल कैसे करें, शतावरी लगाने के तरीके क्या हैं और भी बहुत कुछ जाना। उम्मीद है कि, आपको हमारी पोस्ट अच्छी लगी होगी। हमारी और भी उपयोगी पोस्ट पढ़ने के लिए Organicbazar.net पर विजिट करें। आपको शतावरी से सम्बंधित जानकारी कैसी लगी कमेंट में लिखकर जरुर बताएं। आप शतावरी से जुड़ी हुई जानकारी हमसे शेयर कर सकते हैं।