गाजर (carrots), बीट (Beets), मूली (Radish) या अन्य जड़ वाली सब्जियां उगाना, तोरी (zucchini) या पोल बीन (pole bean) उगाने की तुलना में अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकता है। यदि आपका मानना है कि जड़ वाली सब्जियां केवल जमीन पर ही उगाई जा सकती हैं, तो हम आपको बता दें कि, इन्हें आप गमले या ग्रो बैग में भी सफलतापूर्वक ग्रो कर सकते हैं। घर पर या किचिन गार्डनिंग के तहत जड़ वाली सब्जियां सफलतापूर्वक उगाने के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ होना आवश्यक होता है, जिनके बारे में आप इस आर्टिकल के माध्यम से जान सकेगें। रूट वेजिटेबल को उगाने की विधि क्या है?, सफलता पूर्वक जड़ वाली सब्जियों को कैसे उगाया जा सकता है? रूट वाली वेजिटेबल्स की देखभाल संबंधी टिप्स के बारे में जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।
जड़ वाली सब्जियां क्या होती हैं – What is Root vegetables in Hindi
गाजर, चुकंदर और शलजम जैसी जड़ वाली सब्जियों का खाने योग्य भाग भूमि के अन्दर वृद्धि करता है। अर्थात जड़ वाली सब्जियां, पौधे का वह भूमिगत भाग होती हैं, जिनका सेवन मनुष्यों द्वारा किया जाता है। जड़ वाली सब्जियों को उगने में सबसे बड़ी चुनौती इसे समय पर हार्वेस्ट करना है। इन सब्जियों को अधिकांशतः शुरुआती वसंत के मौसम में रोपा जाता है। प्रभावी ढंग से विकसित होने के लिए, इस प्रकार की जड़ वाली सब्जियों को पर्याप्त जल निकासी वाली नम, ढीली मिट्टी की आवश्यकता होती है।
जड़ वाली सब्जियों के प्रकार – Types of root vegetables in Hindi
वेजिटेबल गार्डन में कई प्रकार की जड़ वाली सब्जियां ग्रो की जाते हैं, जैसे:
- स्टेम कंद (Stem tubers) सब्जियां – जैसे: आलू (potato) याम (yams), जेरूसलम आर्टिचोक (Jerusalem artichokes), ओका (oca)।
- जड़ कंद (root tubers) सब्जियां – जैसे: शकरकंद (sweet potatoes), युक्का (yucca), कसावा (cassava), तुगी (tugi), जीकामा (jicama)।
- राइजोम (Rhizomes) सब्जियां – जैसे: हल्दी (turmeric), अदरक (ginger) इत्यादि।
- मूसला जड़ सब्जियां (Taproots) – जैसे: गाजर (carrots), चुकंदर (beets), डाइकॉन मूली (daikon radishes), शलजम (turnips), रुतबागस (rutabagas), पार्सनिप (parsnips), जिकामा (jicama), डाइकोन (daikon), कोहलबी (kohlrabi), सेलेरिएक (celeriac) इत्यादि।
- बल्ब रूट वेजिटेबल (Bulbs) – जैसे: लाल प्याज (red onions), सफेद प्याज (white onions), लहसुन (garlic), शैलोट्स (shallots) और taro, इत्यादि।
- कोर्म्स (Corms) – जैसे: तारो (taro), सिंघाड़ा (water chestnut), मलंगा वेजिटेबल (malanga) और एरोहेड वेजिटेबल (arrowhead), इत्यादि।
जड़ वाली सब्जियों के नाम – Root vegetables name list in Hindi
- चुकंदर (Beetroot)
- मूली (Radish)
- गाजर (Carrots)
- शलजम (Turnips)
- आलू (Potato)
- हल्दी (Turmeric)
- अदरक (Ginger)
- लहसुन (Garlic)
- प्याज (Onions)
- शकरकंद (Sweet Potatoes)
- रुतबाग (Rutabaga or swede)
- अजवाइन (Celeriac or Celery root)
- पार्सनिप (Parsnip)
- कसावा (Cassava)
- जिकामा (Jicama)
- डाइकॉन (Daikon)
- शैलोट्स (Shallots)
- गलांगल (Galangal)
जड़ वाली सब्जियों को कब उगाएं – When to growing root vegetables in pot in Hindi
आमतौर पर तेज गर्मी को छोड़कर रूट वाली सब्जियों को साल भर किसी भी मौसम में उगाया जा सकता है। फिर भी, सभी जड़ वाली सब्जियों को कंटेनरों या गमलों में उगाने के लिए सर्दी का मौसम सबसे अच्छा होता है। चुकंदर, मूली, गाजर और शलजम आसानी से उगाई जाने वाली, ठंडे मौसम की फसलें हैं। मुख्यतः अक्टूबर से दिसंबर तथा मार्च से मई तक का समय रूट वेजिटेबल्स को ग्रो करने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।
जड़ वाली सब्जियों को कैसे उगाएं – How to grow root vegetables at home in Hindi
जड़ वाली सब्जियों को बीज के माध्यम से उगाया जाता है। बीजों को सीधे कंटेनर (गमले या ग्रो बैग) में बोया जाता है। पॉटिंग मिश्रण या तैयार की गई मिट्टी को कम से कम 12 इंच गहरे ग्रो बैग या गमले में भरकर रूट वेजिटेबल बीजों को ½ से 1 इंच गहराई पर रोपें। गमले या ग्रो बैग को पूर्ण सूर्यप्रकाश में रखा जाना चाहिए। हालाँकि आंशिक छाया में भी अच्छी तरह से ग्रो हो सकती हैं। रूट वेजिटेबल के बीज दो से तीन सप्ताह में अंकुरित होकर मिट्टी से बाहर आ जाते हैं।
ध्यान रखने कि, रूट वेजिटेबल को एक निश्चित दूरी पर लगाया जाना चाहिए, जिससे कि जड़ को बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके।
(और पढ़ें: जानें अच्छे अंकुरण के लिए बीज बोने की उचित गहराई…)
रूट वाली सब्जियों के लिए गमले का साइज – Best grow bag for growing root vegetables in Hindi
रूट वाली वेजिटेबल को ग्रो करने के लिए कम से कम 12 से 14 इंच की गहराई वाले कंटेनर का चयन करें। यदि आप अपने घर पर जड़ वाली सब्जियां लगाना चाहते हैं, तो उपलब्ध स्थान के आधार पर निम्न साइज़ के ग्रो बैग का चयन कर सकते हैं, जैसे:
रेक्टेंगुलर ग्रो बैग (Rectangular grow bag) जैसे-
- 3F X 2F X 1F Rectangle Grow Bags
- 3F X 3F X 1F Rectangle Grow Bags
- 5F X 1F X 1F Rectangle Grow Bags
- 60 X 15 X 15 inch Rectangle Grow Bags
- 6F X 3F X 1F Rectangle Grow Bags
जियो फैब्रिक ग्रो बैग (Geo fabric Grow Bags) जैसे-
- Geo Fabric Grow Bag 12×12 inch
- Geo Fabric Grow Bag 15 X 12 Inch Potato Bag
- 15×15 inch Geo Fabric Grow Bag
HDPE ग्रो बैग (HDPE Grow Bags) जैसे-
- 15 x 15 Inch (W*H)
- 18 x 18 Inch (W*H)
- 12 x 12 Inch (W*H)
जड़ वाली सब्जी लगाने के लिए मिट्टी कैसे तैयार करें – How to prepare soil for root vegetables in Hindi
बीज बोने से पहले मिट्टी को अच्छी तरह से रेक या गुड़ाई करना सुनिश्चित करें, ताकि मिट्टी अच्छी और ढीली हो और उनकी जड़ें आसानी से फैल सकें। मिट्टी को हल्का और ढीला करने के लिए आप दोमट मिट्टी का चयन कर सकते हैं या फिर गार्डन की मिट्टी को तैयार करने के लिए निम्न सामग्री को मिलाकर पॉटिंग मिश्रण तैयार कर सकते हैं, जैसे:
- मिट्टी
- कोकोपीट
- गोबर खाद
- वर्मीकम्पोस्ट
- रेत, परलाईट या वर्मीकुलाइट, इत्यादि।
मिट्टी, कोको पीट और वर्मीकम्पोस्ट को सामान मात्रा में मिलाकर आदर्श पॉटिंग मिश्रण (Potting mixture) तैयार किया जा सकता है।
(और पढ़ें: पौधों के लिए गमले की मिट्टी कैसे तैयार करें…)
रूट वेजिटेबल की देखभाल संबंधी टिप्स – Tips for Growing Root Vegetables in Hindi
अच्छी ग्रोथ और उच्च उत्पादन क्षमता विकसित करने के लिए आप निम्न टिप्स को ध्यान में रखकर जड़ वाली सब्जियों की देखभाल कर सकते हैं, जैसे:
रूट वेजिटेबल की अच्छी ग्रोथ के लिए मिट्टी की विशेषताएं – Soil for Best Growth of Root Vegetables in Hindi
जड़ वाली सब्जियों को ग्रो करने मिट्टी निम्न विशेषताओं से परिपूर्ण होनी चाहिए, जैसे:
- मिट्टी में उचित ऐरेशन (aeration) अर्थात पर्याप्त वायु संचरण हो
- गमले की मिट्टी पर्याप्त जल निकासी युक्त हो
- रूट वाली वेजिटेबल को बढ़ने में मदद करने के लिए मिट्टी पर्याप्त ढीली होनी चाहिए। यदि मिट्टी बहुत अधिक संकुचित या पथरीली है, तो इन सब्जियों की जड़ें विकृत और कांटेदार हो जाएगी, तथा पूर्ण और स्वस्थ रूप से विकसित नहीं हो पायेगी।
जड़ वाली सब्जियों के लिए उर्वरक और खाद – Best fertilizer for root vegetables in Hindi
यदि आप जड़ वाली सब्जियों को उगाना चाहते हैं, तो ताजी खाद का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। रूट वेजिटेबल्स वाले गमले के तल पर अच्छी तरह से सड़ी हुई खाद की एक परत बिछाएं। इसके अतिरिक्त मिट्टी के ऊपर भी पुरानी गोबर खाद की 2 से 3 इंच मोटी परत बिछाना लाभकारी होता है। आमतौर पर जड़ वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए फॉस्फोरस और पोटेशियम में उच्च जैविक उर्वरकों का प्रयोग किया जाना चाहिए।
मिट्टी में पोटाश (Potash) की उचित मात्रा मिलाने के लिए आप लकड़ी की राख को खाद के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं, जो कि स्वस्थ जड़ विकास के लिए फायदेमंद होता है। उच्च नाइट्रोजन युक्त उर्वरक का प्रयोग करने से बचें, क्योंकि यह जड़ों के बजाय पत्तों के विकास को बढ़ावा देते हैं।
(और पढ़ें: महत्वपूर्ण जैविक उर्वरक और उनका एनपीके अनुपात…)
जड़ वाली सब्जी के लिए धूप – Sunlight requirement for growing root vegetables in Hindi
कंद वाली सब्जियां या रूट वाली वेजिटेबल आंशिक सूर्य प्रकाश या पूर्ण सूर्य प्रकाश की उपस्थिति में अच्छी तरह से ग्रो करती हैं। सर्दियों में जड़ वाली सब्जियों को विकसित करने के लिए 6 से 8 घंटे की धूप मिलनी आवश्यक होती है। हालाँकि कुछ किस्में आंशिक छाया में भी उग सकते हैं।
रूट वाली सब्जियों के लिए पानी की जरुरत – Water requirement for root vegetables in Hindi
जड़ वाली सब्जी लगे कंटेनर या ग्रो बैग में हर एक दिन के अंतर से पानी दिया जाना चाहिए। गमलों की मिट्टी में वाटर कैन के साथ हल्के शॉवर के रूप में पानी दें। सुबह का समय पौधों को पानी देने का सबसे अच्छा समय माना जाता है।
रूट वेजिटेबल के लिए मिट्टी का पीएच – Soil pH for root growth in Hindi
जड़ वाली सब्जियों की अच्छी ग्रोथ के लिए मिट्टी का इष्टतम पीएच 6 और 7 के बीच होना चाहिए।
जड़ वाली सब्जियों की कीटों से सुरक्षा – How to prevent root vegetables from insects in Hindi
किसी भी कीट, कवक या अन्य संक्रमण के शुरुआती लक्षणों की तलाश करें। तथा पौधों पर संक्रमण के लक्षण दिखाई देने पर उचित दवाओं या जैविक कीटनाशक का छिड़काव करें।
कीट जड़ वाली सब्जियों की टहनियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। कीटों से जड़ वाली सब्जियों को सुरक्षित रखने के लिए सहयोगी पौधे साथ-साथ उगाये जा सकते हैं, जो जड़ वाली सब्जियों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों के विरुद्ध लाभकारी कीटों को आकर्षित करते हैं। उदाहरण के लिए, सिलैंट्रो (cilantro), कोलोराडो आलू बीटल (Colorado potato beetles) का शिकार करने वाले लाभकारी कीड़ों जैसे- होवरफ्लाइज़ (hoverflies), पैरासिटॉइड ततैया (parasitoid wasps) और ग्रीन लेसविंग्स (lacewings) को आकर्षित कर आलू के लिए एक साथी पौधे के रूप में कार्य करता है। गाजर को प्रभावित करने वाली मक्खियों को दूर रखने के लिए, गाजर के साथ प्याज़ और लहसुन के पौधों को ग्रो करना चाहिए।
(और पढ़ें: जानें इनडोर प्लांट के नाम और देखभाल करने का तरीका..)
Interested in organic agriculture products