बहुत से लोगों का सपना होता है कि वे अपने घर में तरह-तरह के फूलों और सब्जियों के पौधे लगाएं। लेकिन ज्यादातर लोगों के घर में पर्याप्त जगह न होने के कारण वे एक अच्छा गार्डन नहीं बना पाते और इस स्थिति में उन्हें पौधे लगाने के लिए गमलों तथा ग्रो बैग का उपयोग करना पड़ता है। वैसे तो गमले में पौधा लगाना बहुत ही आसान है, लेकिन कठिन काम तो पौधे को हमेशा स्वस्थ और हरा-भरा रखना होता है। किसी भी पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए एक अच्छी उपजाऊ मिट्टी की जरूरत होती है। अगर आप यह नहीं जानते कि गमलों की मिट्टी को उपजाऊ कैसे बनाया जा सकता है तो यह लेख आपके बेहद काम का है, इसमें हम आपको गमलों की मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए कुछ टिप्स बताएँगे।
गमले की मिट्टी को उपजाऊ कैसे बनाएं – How to make soil fertile in pots in Hindi
गमले की मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए सिर्फ पानी देना जरुरी नहीं होता, बल्कि आपको इससे कुछ ज्यादा करना होता है। एक स्वस्थ पौधे के लिए उपजाऊ मिट्टी बेहद जरूरी है जिसकी फर्टिलिटी को बढाने के लिए आपको इसमें नियमित रूप से पोषण देने की आवश्यकता होती है। तो आइये जानते हैं कि आप गमले की मिट्टी को उपजाऊ बनाकर उसमें हरे भरे पौधे कैसे लगा सकते हैं। पौधे लगाने के लिए गार्डन की मिट्टी को उपजाऊ बनाने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं:
नाइट्रोजन की पर्याप्त मात्रा देकर बनाये मिट्टी को उपजाऊ
गमले की मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए खाद का अहम रोल होता है। खाद में अगर नाइट्रोजन की मात्र ज्यादा होगी तो यह आपके गमले की मिट्टी के लिए बहुत अच्छा होगा। क्योंकि नाइट्रोजन मिट्टी के लिए बहुत ही आवश्यक पोषक तत्व होता है। मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए आपको नाइट्रोजन युक्त खाद को मिट्टी में अच्छी तरह से मिलाना होगा। अगर आप सिर्फ खाद को मिट्टी के ऊपर-ऊपर से डाल देते हैं तो यह गमलों की मिट्टी को उपजाऊ बनाने में उतनी असरदार साबित नहीं होगी। गमले में डालने के लिए या तो आप बाजार या ऑनलाइन organicbazar.net से खाद खरीद सकते हैं या फिर अपने घर में ही इसे बना सकते हैं। मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए निम्न प्रकार की खाद को इस्तेमाल किया जा सकता हैं जैसे:
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देसी गाय के गोबर से बना सकते हैं मिट्टी को उपजाऊ
अगर आप अपने घर के गमलों में हरे भरे पौधे देखना चाहते हैं तो आप इसकी मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए गाय के गोबर में गुड़ मिलकर खाद के रूप में उपयोग कर सकते हैं। आपको बता दें कि एक देसी गाय के गोबर में 300 करोड़ से भी ज्यादा सूक्ष्म जीवाणु पाए जाते हैं। ज्यादा सूक्ष्म जीवाणु की मात्रा होने से गमलों की मिट्टी उपजाऊ होगी और आपके घर के पौधों को अच्छी तरह से भोजन भी प्राप्त होगा। इसके अलावा गोबर में नाइट्रोजन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो गमले में लगाए गए पौधों के विकास में फायदेमंद साबित होता है।
नोट: पौधों पर खाद के रूप में ताजे गाय के गोबर का इस्तेमाल न करें, गोबर को अच्छी तरह से सड़ने या किण्वित होने के बाद ही उपयोग में लाये।
सही मात्रा में पानी देकर गमले की मिट्टी को बनाएं उपजाऊ
किसी भी पौधे को स्वस्थ बनाने के लिए सही मात्रा में पानी देना बेहद जरूरी होता है। लेकिन जरूरत से ज्यादा पानी देना आपके गमले की मिट्टी और पौधे के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसलिए पौधे को स्वस्थ रखने के लिए आप पानी तभी डालें जब आपको गमले की ऊपरी परत एक दम सूखी दिखाई दे। इसके अलावा पानी को फुहार के रूप में डालने के लिए वाटरिंग कैन का उपयोग करें।
रेत या बालू मिलाकर बनायें गमले की मिट्टी को उपजाऊ
अगर आपके गमले या ग्रो बैग की मिट्टी ज्यादा सख्त या चिकनी है तो मिट्टी को उपजाऊ और नरम बनाने के लिए आप इसमें रेत या बालू का इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको बता दें कि गमले के लिए थोड़ी रेतीली मिट्टी बहुत अच्छी होती है। इसका मतलब यह नहीं कि आप बहुत ज्यादा मात्रा में मिट्टी में रेत मिला दें। गमले या ग्रो बैग के लिए आपको मिट्टी और रेत को 7:1 के अनुपात में अच्छे से मिला लेना चाहिए। इससे आपके गमले की मिट्टी नरम और उपजाऊ हो जाएगी।
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मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए कैल्शियम की आवश्यकता
मिट्टी की उर्वरक शक्ति बढाने के लिए कैल्शियम बेहद आवश्यक होता है। मिट्टी में कैल्शियम के लिए आप स्टोन पाउडर (stone powder) का इस्तेमाल कर सकते हैं। स्टोन पाउडर को आप स्टोन का काम करने वालों से प्राप्त कर सकते हैं या किसी बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन साईट से भी लेकर आ सकते हैं। मिट्टी में कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए आप अंडे के छिलकों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। गमलों की मिट्टी में पत्थरों का चूरा या स्टोन डस्ट आप 4-5 साल में एक बार मिला सकते हैं।
बरगद, केले और पीपल के पत्ते से बनी खाद का करें इस्तेमाल
अगर आप अपने गमले की मिट्टी की उर्वरक शक्ति बढ़ाना चाहते हैं तो आप इसके लिए बरगद, केले और पीपल के पत्तों से बनी खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको बता दें कि पत्तों से बनी इस खाद में काफी ज्यादा मात्रा में पोषक तत्व होते हैं, जो पौधे को हरा भरा बनाने में काफी मदद करते हैं। पत्तों से बनी खाद में गोबर खाद की अपेक्षा काफी ज्यादा मात्रा में पोषक तत्व होते हैं, जो आपके गमलों की मिट्टी को उपजाऊ बनाएगा। लेकिन याद रखें कि जो भी पत्ते आप गमलों की मिट्टी में मिलाएं वे किसी भी तरह के रोग से मुक्त या कवक रहित होना चाहिए, नहीं तो यह आपके गमलों की मिट्टी को ख़राब कर सकते हैं।
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नीम की खली से बनाये गमले की मिट्टी को उपजाऊ
नीम की खली आपके गमले या ग्रो बैग की मिट्टी को उपजाऊ तो बनाती है लेकिन इसके साथ ही यह पौधे में लगने वाली फंगस से भी बचाती है। यह नीम की निबोली होती है जिसे पीसकर नीम की खली बनाई जाती है। नीम खली या नीम केक पौधे में कीड़े लगने से भी रोकती है। नीम खली का उपयोग आप गमलों में 6-7 महीनों में एक बार कर सकते हैं।
पोषक तत्वों की उचित मात्र से बनाये पौधे की मिट्टी को उपजाऊ
किसी भी मिट्टी में पौधा लगाने से पहले उसमें उपस्थित पोषक तत्वों की जांच करना बेहद आवश्यक होता है। मिट्टी में नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटेशियम, आयरन, जिंक, कॉपर की उचित मात्रा होना आवश्यक है, इससे मिट्टी उपजाऊ होती है। इन पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए आप मिट्टी में गोबर की खाद, कंपोस्ट खाद या हरी खाद इस्तेमाल कर सकते हैं।
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Bohat achhi jankari di ab mai bhi apne ghar me hi sari chize uga sakti hun thank you