गार्डनिंग करते समय मुख्य समस्या सीड्स जर्मीनेशन को लेकर आती है, हम कई बार सही तरीके से मिट्टी में बीज लगाते हैं, लेकिन सही मिट्टी होने के बावजूद भी बीजों में अंकुरण नहीं हो पाता है, इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे मिट्टी में उपस्थित सूक्ष्मजीव, कीट, तापमान, वायु संचरण या अन्य कारण भी हो सकते हैं। मिट्टी में बीज अंकुरण की सभी समस्याओं का हल कोकोपीट कॉइंस हैं। कोकोपीट कॉइन के उपयोग से आप आसानी से बीज को अंकुरित कर सकते हैं, क्योंकि ये कोको पीट कॉइन एंटी फंगल, पोरस, हाइड्रो पोनिक्स होते हैं, जो बीजों को अंकुरित होने के लिए उचित माध्यम प्रदान करता है और जिससे यह तुरंत रोपण के लिए तैयार हो जाता है। कोको कॉयर कॉइन या डिस्क का उपयोग कर सीड जर्मिनेट कैसे करें तथा बीज अंकुरण के फायदे क्या हैं, जानने के लिए लेख पूरा पढ़ें।
कोकोपीट कॉइन क्या हैं – What Are Cocopeat Coins In Hindi
कोकोपीट कॉइंस को विशेष रूप से सीडलिंग ट्रे या अन्य प्लांटर्स में बीज बोने तथा सफलता-पूर्वक बीजों को अंकुरित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, इसे नारियल के फाइबर या भूसी को कंप्रेस्ड करके डिस्क के आकार में बनाया जाता है, यह कोको पीट कॉइंस 100% बायो-डिग्रेडेबल एवं छिद्रपूर्ण (porous) होते हैं जिसके कारण इनका उपयोग बीजों को सफलतापूर्वक जर्मिनेट करने के लिए किया जाता है।
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गार्डनिंग में कोकोपीट कॉइन का उपयोग कैसें करें – How to Use CocoPeat Coins in Gardening in Hindi
आप कोकोपीट कॉइंस को सीड्स जर्मीनेशन के लिए काफी सरलता से उपयोग कर सकते हैं, इसके लिए आपको कोकोपीट डिस्क या कोको कॉइन को ग्रोइंग ट्रे या सीडलिंग ट्रे में सफ़ेद लेयर हटाये बिना रखना है, अब वाटरिंग कैन से सीडलिंग ट्रे में रखे हुए कोकोपीट कॉइंस को तब तक पानी दें, जब तक कॉइन का आकार फूल कर चार गुना न हो जाये, इसके बाद फूले हुए कोकोपीट कॉइन के सेंटर में छेद करके बीज को उचित गहराई में लगाएं, एवं समय पर पानी देते रहें, लगभग 2 सप्ताह में कोकोपीट डिस्क में सीड जर्मीनेट हो जायेगा, इसके बाद जब पौधा आकार में बड़ा हो जाये, तो आप प्लांट सहित कोको कॉइन डिस्क को डायरेक्ट गार्डन में या ग्रो बैग की मिट्टी में ट्रांसप्लांट कर सकते हैं।
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कोकोपीट कॉइन में सीड जर्मीनेट करने के फायदे – Benefits of Seeds Germinating in Coco Peat Coins in Hindi
कोकोपीट कॉइन में बीज अंकुरण के फायदे निम्न हैं:
- सफलता पूर्वक बीज-अंकुरण
- उचित वायु संचरण
- पोरस मीडियम
- हाइड्रोपोनिक्स
- एंटी फंगल गुण
- इको-फ्रेंडली मीडिया
- पौधों की घनी और मजबूत जड़ें
- पौधों के ट्रांसप्लांटिंग में आसानी
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सफलता पूर्वक बीज-अंकुरण – Successful Seed Germination In Hindi
कई बार बीजों को मिट्टी में लगाने पर वह अंकुरित नहीं हो पाता या सीडलिंग नष्ट हो जाती है, इस समस्या से निजात पाने के लिए आप कोकोपीट कॉइन या कोकोपीट डिस्क का उपयोग कर सकते हैं, इसमें बीज आसानी से अंकुरित हो जाता है एवं अंकुरण ख़राब भी नहीं होता है।
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पोरस मीडिया – Seed Starting Porous Media In Hindi
कोकोपीट कॉइन्स एक छिद्रयुक्त अथवा पोरस (Porous) मीडिया है, जिसकी वजह से इनमें बीज अंकुरित करने से कोकोपीट कॉइन्स में ओवरवाटरिंग की समस्या उत्पन्न नहीं होती और बीज अच्छे से अंकुरित हो पाता है।
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उचित वायु संचरण – Proper Aeration For Seed Germination In Hindi
कोकोपीट डिस्क, पोरस होने के कारण इसमें वायु संचरण काफी अच्छे तरीके से होता है, एवं एयर प्रूनिंग के कारण पौधा तेजी से जड़ें जमाता है और रेशेदार जड़ों का विकास काफी तेजी से होता है।
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हाइड्रोपोनिक्स – Hydroponics Seed Germination In CocoPeat Coins In Hindi
यह कोको कॉयर कॉइंस हाइड्रोपोनिक्स के रूप में यूज़ किये जाते हैं, अर्थात इसमें बीज अंकुरित करने के लिए मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती, केवल पानी की मदद से कोकोपीट कॉइन में बीज अंकुरित हो जाता है।
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एंटी फंगल गुण – Antifungal Properties In Coco Peat Coins In Hindi
कोकोपीट कॉइन एंटी फंगल होता है, अर्थात हानिकारक कीट और फंगस इससे दूर ही रहते हैं। जिससे अंकुरित होने वाले बीजों में कीट और बीमारी लगने का खतरा भी काफी कम हो जाता है।
इको-फ्रेंडली – Eco-Friendly Medium For Seed Germination In Hindi
ये कोको डिस्क इको फ्रेंडली होते हैं, क्योंकि कोकोपीट कॉइंस एवं उसकी सफ़ेद कवरिंग लेयर दोनों मिट्टी में आसानी से मिल जाते हैं और मिट्टी तथा पौधे को कोई नुकसान नही पहुंचाते।
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पौधों में घनी और मजबूत जड़ों का विकास – Dense and strong roots of plants in Hindi
यह कोको कॉयर कॉइन छिद्रयुक्त फाइबर से बने होते हैं, जिसकी वजह से इसमें पौधों की जड़ें रेशेदार, घनी, मजबूत एवं सीधी-सीधी विकसित होती हैं, जबकि मिट्टी में पौधों की जड़ों के उलझने की सम्भावना काफी ज्यादा बनी रहती है।
पौधों को ट्रांसप्लांट करने में आसानी – Ease of transplanting plants in Hindi
कोकोपीट कॉइंस में जब पौधे आकार में बड़े हो जाते हैं, तो आप कोकोपीट डिस्क सहित प्लांट को डायरेक्ट जमीन में या ग्रो बैग अथवा गमले की मिट्टी में काफी आसानी से ट्रांसप्लांट कर सकते हैं, क्योंकि इसमें जड़ों को कोई नुकसान नहीं होता और प्लांट आसानी से शॉक-रहित ट्रांसप्लांट (shock-free transplant) हो जाते हैं।
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