पौधों के लिए पोटेशियम (Potassium) या पोटाश (potash) बहुत ही आवश्यक होता है। यह पौधों की वृद्धि और विकास के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। अगर पौधों को पोटैशियम पोषक तत्व की भरपूर मात्रा मिलती है तो यह बहुत ही अच्छी तरह से बढ़ते हैं। लेकिन अगर पौधे में पोटाश की कमी हो जाये तो इसके कारण उनको बेहद नुकसान पहुँच सकता है। अगर आप गार्डनिंग का शौक रखते है या आपने अपने घर में पेड़ पौधे लगाए हैं तो आपको यह पता होना चाहिए कि पौधों में पोटेशियम की कमी क्यों होती है, इसकी कमी के नुकसान क्या हैं और पौधों में पोटाश की कमी को दूर कैसे करें। यदि आप यह सभी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा पढ़ें, क्योंकि इसमें पेड़ पौधे में पोटेशियम की कमी के लक्षणों (Symptoms of Potash Deficiency in plants in Hindi) के बारे बताया गया है।
पोटाश क्या होता है – What is Potash in Hindi
आपको बता दें कि पोटेशियम उर्वरक को ही पोटाश के नाम से जाना जाता है। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि ज्यादातर पोटेशियम उर्वरकों में पोटाश नामक पदार्थ होता है। शायद आप यह नहीं जानते होंगे कि पोटाश एक ऐसा पदार्थ है जो क्षारीय प्रकृति का होता है और प्राकृतिक रूप से खदानों और समुद्र में पाया जाता है। इसके अलावा जब आप लकड़ी को जला देते हैं तो उससे बनने वाली राख में भी पोटाश पाया जाता है।
पौधों के लिए पोटेशियम क्यों आवश्यक है – Why is Potassium Necessary for Plants in Hindi?
- पोटेशियम पौधे की वृद्धि और विकास के लिए महत्वपूर्ण है। पोटैशियम अर्थात पोटाश पौधे को तेजी से बढ़ने और रोगों से लड़ने में मदद करता है। इसके अलावा यह पौधों को कीटों से बचाता है और उन्हें मजबूत बनाता है।
- पोटैशियम की पर्याप्त मात्रा होने से पौधा पानी का अच्छी तरह से उपयोग करने की क्षमता रखता है, जिससे कि वह ज्यादा सूखे की स्थिति में भी अपने आपको पोषण देकर जीवित रख सकता है। सीधे शब्दों में कहें तो पोटेशियम पौधों की हर चीज में सहायता करता है।
- अगर पौधे को पोटेशियम की उचित मात्रा मिले तो, वह अच्छी तरह फलता फूलता रहेगा।
- पोटेशियम पत्तियों में स्टार्च और शर्करा के निर्माण में मदद करता है। इसके साथ ही यह पोषक तत्वों, कार्बोहाइड्रेट और पानी के स्थानान्तरण में भी काफी मदद करता है।
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पौधों में पोटेशियम की कमी के लक्षण – Symptoms of Potassium Deficiency in Plants in Hindi
- जिस किसी भी पौधे में पोटेशियम की कमी होती है तो इससे पौधे के अंदर होने वाले सभी कार्य प्रभावित होते हैं। इसकी कमी के कारण वैसे तो पौधे में खास लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन पौधा अच्छी तरह विकसित नहीं हो पाता है।
- जब पौधे में पोटेशियम या पोटाश की अधिक कमी हो जाती है तो इससे पौधे की पत्तियों पर काफी ज्यादा असर पड़ता है।
- पोटेशियम की कमी से खास रूप से पौधे की पुरानी पत्तियाँ ब्राउन रंग की हो जाती हैं या फिर उन पर ब्राउन रंग के धब्बे आ जाते हैं और किनारे पीले हो जाते हैं। पोटैशियम (पोटाश) की कमी से पत्तियों की नसें ब्राउन या पीली पड़ सकती हैं।
- पौधों में पोटैशियम की कमी से पत्तियों के ऊतक मरने लगते हैं और पत्तियां सूख जाती हैं।
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पौधे में पोटेशियम की कमी को पूरा कैसे करें – How to Fix Potassium Deficiency in Plants in Hindi
- पोटाश खाद – पोटाश एक ऐसा पदार्थ है जिसमें प्राकृतिक रूप से पोटैशियम पाया जाता है। पोटाश युक्त बहुत सी जैविक खाद का इस्तेमाल करके पौधों में पोटेशियम या पोटाश की कमी को पूरा किया जा सकता है।
- केले के छिलके की खाद – केले के छिलके में पोटैशियम की मात्रा बहुत अधिक होती है। अतः केले के छिलके की खाद बनाकर पौधे में इस्तेमाल कर सकते हैं और उन्हें पोटेशियम की कमी से सुरक्षित रख सकते हैं।
- लकड़ी की राख – लकड़ी की राख में भी पोटैशियम की कमी को पूरा करने के लिए पोटाश की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। लेकिन लकड़ी की राख का भी उपयोग पौधे में ज्यादा मात्रा में न करें, वर्ना यह आपके पौधे को ख़राब कर सकती है।
- ग्रीन सेंड – ग्रीन सेंड (Green Sand) भी पोटेशियम का एक अच्छा स्रोत होता है। अगर आपके पौधों में पोटेशियम की कमी है तो इसके लिए ग्रीन सेंड का इस्तेमाल कर सकते हैं। पोटाश के अलावा ग्रीन सेंड में मैग्नीशियम, सिलिका, आयरन ऑक्साइड, फॉस्फोरिक एसिड भी पाए जाते हैं।
- म्यूरेट ऑफ पोटाश – म्यूरेट ऑफ पोटाश (Muriate of potash) भी एक अच्छा और आसानी से उपलब्ध होने वाला उर्वरक है जो पौधे में पोटैशियम की कमी को दूर कर सकता है। लेकिन म्यूरेट आफ पोटाश को कभी भी क्षारीय मिट्टी में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, इसकी जगह आप पोटेशियम सल्फेट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- किचिन वेस्ट कम्पोस्ट – खाद्य उत्पादों से बनी खाद पोटेशियम या पोटाश का एक अच्छा स्रोतहोती है। अतः पौधों में पोटेशियम की कमी को दूर करने के लिए आप किचिन वेस्ट कम्पोस्ट का प्रयोग कर सकते हैं।
नोट: पौधे में पोटेशियम की कमी को देखकर पहचानना मुश्किल होता है। इसलिए पौधों में अधिक मात्रा में पोटाश डालने से पहले मिट्टी परीक्षण करना बेहद जरूरी है।