बारिश या मानसून के मौसम में फल, फूल और सब्जियां उगाना सभी को पसंद होता है, लेकिन इस समय पौधों की मिट्टी में नमी अधिक होने के कारण पौधों में कुछ बीमारियां और रोग हो जाते हैं, जिसके कारण प्लांट्स की ग्रोथ रुक जाती है। क्या आप भी बारिश के दौरान होम गार्डन में लगे पौधों में रोग लगने से परेशान हैं और जानना चाहते हैं कि, बरसात के मौसम में पौधों में कौन-कौन से रोग होते हैं और मानसून में पौधों को रोगों से कैसे बचाएं, तो इस लेख को जरूर पढ़ें। इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि, बरसात या मानसून के दौरान पौधों में होने वाले रोग के नाम व कारण क्या हैं तथा पौधे में रोग या बीमारी (disease) होने से कैसे रोकें। (Barsat Ke Samay Paudhe Me Lagne Wale Rog Aur Karan In Hindi)
बरसात में पौधों में होने वाले रोग के कारण – Causes Of Diseases In Plants During Rainy Season In Hindi
लगातार तेज बारिश और तूफान के कारण अधिकांश रोगजनक पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं, क्योंकि इस समय पौधों की मिट्टी और पौधे में अधिक नमी होने के कारण ऐसा होता है। अगर आप जानना चाहते हैं कि, इस मौसम में पौधों में रोग लगने के कारण क्या हैं, तो इस लेख को आगे पढ़ते रहें। चलिए जानते हैं, बारिश में पौधों में रोग लगने के मुख्य कारण कौन से हैं।
- वातावरण में नमी (humidity) अधिक होना।
- बारिश के दौरान पौधों का अधिकतर समय गीला रहना।
- गीले पौधों की छंटाई या प्रूनिंग कर देना।
- मानसून गार्डन में अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी का इस्तेमाल न करना।
- पॉट में जल निकासी की उचित व्यवस्था न होना।
- पौधे लगे गमले में पानी भरा रहना।
- पौधों को जरूरत के अनुसार धूप प्राप्त न होना।
- तेज बारिश के कारण गमले या ग्रो बैग में लगे पौधों के पत्तों पर मिट्टी के छीटें पड़ना।
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बरसात में फूलों, फलों और सब्जियों में लगने वाले प्रमुख रोग – Flower, Fruits And Vegetables Disease Name In Hindi
सब्जियों में होने वाले प्रमुख रोग:-
- एन्थ्रेक्नोज
- पाउडरी मिल्ड्यू
- डाउनी मिल्ड्यू और
- गमी स्टेम ब्लाइट आदि।
बचाव के तरीके :- इन रोगों से बचाव के लिए उचित फंगीसाइड का इस्तेमाल करें।
फूलों में होने वाले मुख्य रोग या डिजीज:-
- लीफ स्पॉट
- स्कैब
- पाउडरी मिल्ड्यू
- फायर ब्लाइट इत्यादि।
बचाव के उपाय:-
- कवकनाशी और बेकिंग सोडा, वनस्पति तेल, तरल डिश साबुन और पानी का मिश्रण बना कर पौधों पर स्प्रे करें।
- पौधे से प्रभावित शाखाओं को हटा देने से भी संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है।
फलों में लगने वाले प्रमुख रोग:-
- लीफ स्पॉट
- पाउडरी मिल्ड्यू
- एन्थ्रेक्नोज और
- फाइटोफ्थोरा डाई बैक इत्यादि।
(यह भी जानें: बारिश में पौधों को फंगल इन्फेक्शन से बचाएं, अपनाएं ये तरीके…)
बारिश के समय पौधों में होने वाले प्रमुख रोग – Common Plant Diseases In Rainy Time In Hindi
रैनी सीजन गार्डन या मानसून के मौसम में वातावरण में नमी की मात्रा बढ़ जाती है, जो पौधों के लिए फायदेमंद होने के साथ-साथ पौधों को नुकसान भी पहुंचा सकती है। आइये जानते हैं, बारिश के मौसम में प्लांट्स में लगने वाले विभिन्न रोगों के बारे में।
- पाउडरी मिल्ड्यू (Powdery Mildew)
- एन्थ्रेक्नोज रोग (Anthracnose Disease)
- गमी स्टेम ब्लाइट (Gummy Stem Blight)
- फायर ब्लाइट (Fire Blight Disease)
- लीफ स्पॉट (Leaf Spot Disease)
- संक्रामक या वायरल रोग (viral diseases in plants)
- डाउनी मिल्ड्यू (Downy Mildew)
- स्कैब रोग (scab disease)
- डम्पिंग ऑफ रोग (Damping Off)
- फाइटोफ्थोरा डाई बैक (phytophthora dieback disease)
पाउडरी मिल्ड्यू – Powdery Mildew Disease Effect On Plants In Monsoon Season In Hindi
पाउडरी मिल्ड्यू रोग बारिश के समय गार्डन की मिट्टी में लगे पौधों में फैलने वाले प्रमुख रोगों में से एक है, जो कि पोडोफेरा ल्यूकोट्रिचा (Podosphaera leucotricha) नामक फफूंद के कारण फैलता है। यह रोग या डिजीज होने पर पौधों की पत्तियां भूरे रंग के पाउडर या फंगस से ढक जाती हैं, जिसके कारण पत्तियां सूखने और गिरने लगती हैं। बारिश के मौसम की नमी पाउडरी मिल्ड्यू रोग को बढ़ावा देती है।
रोग से बचाव:
- पाउडरी मिल्ड्यू रोग से बचाव के लिए पौधों को पर्याप्त धूप में रखना चाहिए।
- पौधे के रोगग्रस्त भागों पर नीम तेल का स्प्रे करें, घोल तैयार करने के लिए आप 1 लीटर पानी में 1 चम्मच लिक्विड साबुन को अच्छी तरह मिक्स करने के बाद इसमें 2 से 4 ml नीम ऑयल मिलाएं।
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एन्थ्रेक्नोज रोग – Anthracnose Disease Caused In Rainy Time In Hindi
लीफ ब्लाइट या एन्थ्रेक्नोज एक प्रकार का कवक रोग है, जो मानसून के दौरान फैलता है और मुख्य रूप से सदाबहार पौधों को प्रभावित करता है। यह रोग मिट्टी से पैदा हुए कवक कोलेटोट्रिचम ग्लोइयोस्पोरोयेड्स (Colletotrichum gloeosporioides) के कारण होता है। लीफ ब्लाइट रोग होने पर पौधों में निम्न लक्षण देखे जा सकते हैं, जैसे:
- पौधे की पत्तियों के चौड़े किनारों और फलों पर गहरे रंग के घाव हो जाना।
- पत्तियों और फलों पर काले रंग के धब्बे उभर आना।
- पौधों से पत्ते और फल समय से पहले गिर जाना, आदि।
रोग से सुरक्षा:
- पौधे से रोगग्रस्त या संक्रमित भागों को हटा देना चाहिए।
- एक अच्छे प्रभावी कवकनाशी का पौधे पर छिड़काव करें।
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गमी स्टेम ब्लाइट – Gummy Stem Blight Vine Plant Diseases In Rainy Season In Hindi
गमी स्टेम ब्लाइट बरसात के दौरान एक कवक के कारण होने वाला रोग है, जो मुख्य रूप से बेल वाली सब्जियों को प्रभावित करता है। यह रोग पौधों की पत्तियों, फलों और तने को नुकसान पहुंचाता है, जिसके कारण पौधे अच्छे से ग्रोथ नहीं कर पाते हैं। बारिश के मौसम में स्टेम ब्लाइट रोग से पौधों को बचाने के लिए पौधों पर उचित कवकनाशी का छिड़काव करना चाहिए।
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फायर ब्लाइट – Fire Blight Disease In Plants In Rainy Season In Hindi
बारिश के मौसम के दौरान फायर ब्लाइट रोग आम तौर पर नाशपाती, सेब जैसे फलों के पेड़ों को प्रभावित करता है। पौधे से समय से पहले फल-फूल गिरना, इस रोग का प्रमुख लक्षण है तथा फायर ब्लाइट रोग से ग्रस्त पौधे से पत्तियां सूखकर गिरने लगती हैं। इस रोग के उपचार के लिए आप उचित कवकनाशी का इस्तेमाल पौधों पर कर सकते हैं।
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लीफ स्पॉट – Leaf Spot Disease In Plants Caused In Rainy Weather In Hindi
बरसात में लीफ स्पॉट रोग बड़ी संख्या में फलों, सब्जियों और सजावटी पौधों को नुकसान पहुंचाता है। इस रोग से ग्रसित पौधे की पत्तियां चित्तीदार हो जाती हैं। इससे बचाव के लिए पौधों पर फंगीसाइड का स्प्रे करें।
संक्रामक या वायरल रोग – Viral Disease In Plants In Rainy Season Garden In Hindi
मानसून सीजन के दौरान पेड़-पौधों में कुछ वायरल रोग भी लगते हैं। मोजेक वायरस भी उन्हीं वायरल रोगों में से एक है, जो अत्यधिक नमी के कारण पौधों में फैलता है। इस रोग के कारण पौधे की ग्रोथ रूक जाती है तथा पत्तियां किनारों से मुड़ने लगती हैं। इस डिजीज से बचाव के लिए पौधे से एफेक्टेड भाग को हटा दें और नीम तेल का छिड़काव करें।
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डाउनी मिल्ड्यू – Downy Mildew Disease In Plant In Monsoon Garden In Hindi
वर्षा ऋतु में पौधों में डाउनी मिल्ड्यू रोग पेरोनोस्पोरा पैरासिटिक (peronospora parasitic) नामक फंगस के कारण फैलता है। पौधों में यह रोग होने से पत्तियों पर पीले-भूरे रंग के धब्बे पड़ जाते हैं। इस रोग से बचाव के लिए पौधे की प्रूनिंग कर देना चाहिए, जिससे पौधे में वायु परिसंचरण ठीक से हो और पौधे सुरक्षित रहें।
स्कैब रोग – Scab Rainy Season Plant Disease In Hindi
बरसात के समय नम वातावरण होने से यह रोग पौधों को प्रभावित करता है। पौधों में यह रोग होने पर निम्न लक्षण देखे जा सकते हैं, जैसे:
- पौधे की पत्तियों का मुड़ना।
- पत्तियां काली हो जाना तथा उन पर काले धब्बे उभर आना।
डम्पिंग ऑफ रोग – Damping Off Plant Disease In Monsoon Season In Hindi
बारिश के मौसम में यह रोग मुख्यतः नए पौधों या अंकुरण में होता है। गमले या गार्डन की मिट्टी तथा पौधों में नमी अधिक होने से यह रोग फैलता है। अतः रोग से बचाव के लिए अतिरिक्त जल निकासी वाली मिट्टी का इस्तेमाल करें तथा पौधों पर कवकनाशी का छिड़काव करें।
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फाइटोफ्थोरा डाई बैक डिजीज – Phytophthora Dieback Rainy Season Plant Diseases In Hindi
इस रोग के लक्षण पौधे में नई पत्तियों के किनारे का सूखना है, जो जलने जैसा प्रतीत होता है। फाइटोफ्थोरा डाई बैक रोग जड़ क्षेत्र में कुछ कवक जीवों द्वारा संक्रमण के कारण होता है। फाइटोफ्थोरा डाई-बैक रोग से बचाव के लिए आप निम्न तरीके अपना सकते हैं, जैसे:
- इस रोग से संक्रमित और मुरझाई सूखी टहनियों की प्रूनिंग अर्थात् छंटाई कर दें तथा कटे भाग पर कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का गाढ़ा पेस्ट लगाएं।
- पौधे की मिट्टी में जलभराव होने से रोकें।
बारिश के समय पौधों को रोगों से बचाने के उपाय – Protect Plants From Disease During Rainy Season In Hindi
- पौधे लगाने के लिए ऐसी किस्में चुनें जो वर्षा ऋतु के नम वातावरण में पनपती हों और रोग प्रतिरोधी हों।
- अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में पौधों को लगाएं, जिससे ज्यादा बारिश होने पर भी पौधों में पानी न भरे।
- जब पौधा गीला हो तब प्रूनिंग करने से बचें। पत्तियों के सूखने की प्रतीक्षा करें और फिर संक्रमित पत्तियों व शाखाओं को अलग कर दें।
- रोगग्रस्त पौधों के हिस्सों को हटा दें, इससे अन्य पौधों को संक्रमित होने से बचाया जा सकता है।
- पौधे में रोग विकसित होने से पहले और बाद में भी अच्छे प्रभावी कवकनाशी का छिड़काव करें। आप 15-20 दिन में ऐसा कर सकते हैं।
- बाहरी पौधों को भारी बारिश से बचाने के लिए रेन कवर का इस्तेमाल करें, जिससे पौधे के पत्ते गीले होने से बच जाएं और उनमें फंगस न लगे।
- गमले या पॉट में जल निकासी छिद्र होने के बाद भी यदि पौधे की जड़ें सड़ने लगती हैं, तो इसका मतलब है कि पानी पूरी तरह से बाहर नहीं निकल रहा है। अतः इस समस्या से बचने के लिए पौधे लगे गमेल को ड्रेनेज मैट पर रखें।
- क्यारी या टीले बनाकर गार्डन की जल निकासी में सुधार करें।
- रोग ग्रस्त पौधों पर नीम तेल या अन्य उचित कवकनाशी का छिड़काव करें।
(यह भी जानें: मानसून गार्डनिंग में इन बातों का रखें खास ध्यान…)
निष्कर्ष – Conclusion
इस लेख में आपने बरसात के मौसम में पौधों पर लगने वाले रोगों के नाम, उनके लगने के कारण और मानसून में पौधों को रोगों से कैसे बचाएं, के बारे में जाना। अगर आप गार्डनिंग के शौकीन हैं और इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ना चाहते हैं, तो organicbazar.net साईट पर विजिट करें। बारिश में पौधों पर होने वाले रोगों से सम्बंधित इस लेख के बारे में आपके कोई सवाल या सुझाव हों, तो कमेन्ट करके अवश्य बताएं।