गुड़हल का पौधा बहुत ही खूबसूरत होता हैं जिसके फूल हमें अपनी ओर आकर्षित करते हैं। लोग अपने घर में गुड़हल का पौधा लगाना बेहद पसंद करते हैं, क्योंकि इसके फूल हर किसी का मन मोह लेते हैं। गुड़हल एक ऐसा पौधा है जिसे कई बार सफेद कीड़े व चींटियां लगने का सामना करना पड़ता है जिसकी वजह से पौधा खराब हो जाता हैं। सफेद कीड़े व चींटियां लग जाने की वजह से पौधा ख़राब होने लगता है और उसकी जड़े भी सड़ने लगती हैं। अगर आपके घर में भी गुड़हल का पौधा लगा हुआ है जिसमे आपको सफेद कीड़े व चींटियां जैसी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो यह लेख आपके काम का है। इस लेख में हम आपको बताएँगे कि गुड़हल में सफेद कीड़े क्यों लगते हैं और आप इनसे इसे कैसे बचा सकते हैं? तो आइये जानते हैं सफेद कीड़ों और चींटियों से गुड़हल के पौधों को बचाने के तरीकों के बारे में।
गुड़हल का पौधा व उपयोगिता – Hibiscus Plant And Utility In Hindi
गुड़हल, एक आकर्षक पौधा हैं, जिसके फूल विभिन्न रंगों के होते हैं और यह अपनी विविधता और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं। बता दें कि इसका वैज्ञानिक नाम “Hibiscus” है, और इसे वन्यजीवी और सांस्कृतिक उपयोग के लिए पसंद किया जाता है। गुड़हल के फूलों से बनी चाय स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती हैं और यह विटामिन सी से युक्त होती हैं। सौंदर्य उत्पादों, आयुर्वेदिक औषधियों, और फार्मास्यूटिकल उत्पादों में भी गुड़हल का उपयोग किया जाता हैं। गुड़हल पौधा गमले में आसानी से उगाया जा सकता हैं।
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गुड़हल का पौधा सफेद कीड़ों और चींटियों से बचाने का तरीका व उपाए – Protect Hibiscus Plant From White Insects And Ants In Hindi
सबसे पहले आप नियमित रूप से पौधों की देखभाल करें और अगर किसी प्रकार के कीटाणु पौधों में दिखाई दें, तो उन्हें तुरंत हटा दें। जल स्रोत को सुरक्षित रखे और पौधों की सिंचाई ठंडे पानी से करने पर कीटाणुओं को पौधे से दूर किया जा सकता हैं। पौधों को जैविक खाद प्रदान करें जिससे पौधे स्वस्थ रहें और कीटाणु पौधों से दूर रहे। बता दें कि प्राकृतिक नीम या नीम तेल से स्प्रे करना एक अच्छा उपाय साबित हो सकता हैं, क्योंकि नीम की खासियतें कीड़ों को दूर करने में मदद करती हैं। लेकिन इसके बाद भी कीटाणु बढ़ते हैं, तो हम कीटनाशकों का उपयोग कर सकते हैं।
गुड़हल के पौधों पर सफेद कीड़ों और चींटियों की पहचान – Identification Of White Insects And Ants On Hibiscus Plants In Hindi
गुड़हल के पौधों पर लगने वाले सफेद कीड़ों और चींटियों की पहचान करना अतिआवश्यक होता हैं। सफेद कीड़े, जैसे कि – मिलीबग जो पौधों की पत्तियों पर आकर उन्हें सफेद कर देते हैं और पौधों को कमजोर कर देते हैं। इन सफेद कीड़ों को हटाने के लिए नीम या नीम तेल का उपयोग कर सकते हैं। चींटीयां छोटी होती हैं और पौधें की पत्तियों को खा सकती हैं। इन्हें हटाने के लिए नीम तेल और प्याज का उपयोग किया जा सकता हैं। बता दें कि चींटियां आमतौर पर गमले के निचले हिस्से से प्रवेश करती हैं और मिट्टी को खोखला बना देती हैं। इस वजह से पानी गमले से नीचे निकल जाता हैं और पौधे की जड़ों तक नहीं पहुँच पाता हैं।
गुड़हल के पौधें से सफेद कीड़ों और चींटियों को हटाने के तरीके – Ways To Remove White Insects And Ants From Hibiscus Plant In Hindi
नीम तेल का स्प्रे – Neem Oil Spray On Hibiscus Plants In Hindi
नीम तेल को पानी के साथ मिलाकर गुड़हल पौधों पर स्प्रे करने से सफेद कीड़ें और चींटियों को दूर किया जा सकता हैं। नीम की खासियतें कीड़ों को नष्ट करने में सकारात्मक रूप से कारगर होती हैं। बता दें कि नीम में निम्बिन, आजादिरेक्टिन और सल्फर जैसे सुगंधित यौगिक होते हैं जो कीटाणुओं को पौधें के नजदीक आने से रोकते हैं या हटाने में मदद करते हैं।
उपयोग की विधि
- नीम के पेड़ की पत्तियों को पानी के साथ उबल ले और छान कर साफ कर लें।
- स्प्रे करने के लिए बनाए गए नीम तेल को पानी के साथ मिश्रित करें। बता दें कि करीब 1 लीटर पानी के लिए 5 मिली नीम तेल का उपयोग कर सकते हैं।
- मिश्रण को स्प्रे की बोतल में भरें।
- इस मिश्रण को पौधों के सभी भागों पर स्प्रे करें, विशेषकर सफेद कीड़ों और चींटियों से प्रभावित इलाकों पर।
- नीम तेल का स्प्रे न केवल कीटाणुओं को रोकता हैं बल्कि पौधों को स्वस्थ और सुरक्षित बनाए रखने में मदद करता है।
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प्याज और लहसुन का पेस्ट – Onion And Garlic Paste For Hibiscus Plants In Hindi
प्याज और लहसुन का पेस्ट गुड़हल के पौधे से चींटियों/ सफेद कीड़ों को हटाने में बहुत उपयोगी हो सकता हैं। क्योंकि यह दोनों पौधों को हेल्थी एंटी-इंसेक्ट किडल प्रदान करते हैं, जो कीटाणुओं को दूर करने में सकारात्मक भूमिका निभाते हैं।
उपयोग की विधि –
- पेस्ट बनाने के लिए एक प्याज और कुछ लहसुन को मिक्सर या पीसर में पीस लें, ताकि एक गाढ़ा पेस्ट बन सके।
- तैयार किए गए पेस्ट को पौधों के सभी हिस्सों पर, विशेषकर सफेद कीड़ों और चींटियों से प्रभावित हिस्से में लगाए।
- इस पेस्ट का नियमित रूप से प्रयोग कर सकते हैं, विशेषकर जब आप चींटियों या सफेद कीड़ों की गतिविधियों को देखते हैं।
- प्याज और लहसुन में मौजूद एंटी-इंसेक्ट किडल गुणों के कारण, यह पेस्ट कीटाणुओं को दूर करने में सकारात्मक रूप से कारगर हो सकता है।
नीम और धनिया पानी का स्प्रे – Neem And Coriander Water Spray For Hibiscus Plants In Hindi
नीम और धनिया का पानी गुड़हल के पौधों से चींटियों और सफेद कीड़ों को भगाने में मदद कर सकता हैं। क्योंकि नीम और धनिया में विषाक्त गुण मौजूद होते हैं, जो कीटाणुओं को पौधों से दूर करने में सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं।
उपयोग की विधि –
- नीम की पत्तियों और धनिया की पत्तियों को पानी में भिगोकर रख लें और उन्हें अच्छे से पीस लें ताकि एक पेस्ट बन सके।
- बता दें कि करीब 1 लीटर पानी के साथ आधा कप पेस्ट को मिला लें।
- इसे एक स्प्रे की बोतल में भरें।
- अब यह मिश्रण को गुड़हल के पौधों पर अच्छे से स्प्रे करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
- पौधे पर नीम और धनियां मिश्रण का स्प्रे करें, खासकर उस स्थान पर जहां पौधा सफेद कीड़ों और चींटियों से प्रभावित।
- नीम और धनिया के पानी का उपयोग करके, आप गुड़हल के पौधों को चींटियों और सफेद कीड़ों से सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
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नियमित रूप से पौधों की देखभाल करना – Take Care Of Hibiscus Plants Regularly In Hindi
पौधों को नियमित रूप से जांचें ताकि आप प्रारंभिक संकेतों को पहचान सकें। नजर आते ही सफेद कीड़ों और चींटियों को तुरंत हटा दें। नियमित रूप से पौधे की जाँच करने से हम समझ सकते हैं कि पौधा किसी वजह से प्रभवित हो रहा हैं और तुरंत उसका ट्रीटमेंट किया जा सकता है।
धूप और खाद्य पदार्थ – Sunlight And Foods For Hibiscus Plants In Hindi
यह सुनिश्चित करें कि पौधों को पर्याप्त धुप मिल रही है या नहीं। क्योंकि सूर्य की रोशनी के आभाव में पौधों में कीड़ें लगने लगते हैं। लेकिन पर्याप्त धूप मिलने से कीटाणुओं का प्रभाव कम हो सकता है। खाद्य पदार्थों को प्रचुर मात्रा में न देने से कीटाणु पौधों को प्रभावित कर सकते हैं।
गमले की मिट्टी की खुदाई करें – Hibiscus Plants Digging Pot Soil In Hindi
बता दें कि गमले की मिट्टी कि खुदाई करके चींटियों को रोका जा सकता हैं। चींटियां मिट्टी से निकलकर पौधे तक पहुँच जाती हैं और उनके द्वारा बनाए गए रस्ते से पानी गमले से नीचे निकल जाता हैं। इस तरह पौधें की जड़ों तक पानी नहीं पहुँच पाता हैं और गुडहल के पौधे की जड़े कमजोर होने लगती हैं।
प्रूनिंग करें –Hibiscus Plants Pruning Insect Infected Branches In Hindi
संक्रमित पौधे की ब्रांच को प्रुनिग कर सकते हैं और संक्रमित पौधें को कुछ दिनों के लिए अन्य पौधों से दूर रखन चाहिए ताकि दूसरें पौधें संक्रमित होने से बच सके।
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गुड़हल के पौधों में लगने वाले कीड़ें व चींटियां – Insects And Ants Found In Hibiscus Plants In Hindi
सफेद कीड़े (Mealybugs)
- सफेद कीड़ें आकार में छोटे होते हैं और इनका रंग सफेद होता है।
- मीलबग गुड़हल पौधें की पत्तियों के किनारों और नसों के मध्य में छुपे हुए हो सकते हैं।
- पौधों के रस को चूसकर पत्तियों के ऊपर सफेद धुंआ बना देते हैं।
सफेद चींटियाँ (Whiteflies)
- सफेद चींटियां गुड़हल के पौधे की पत्तियों के नीचे या ऊपर लगी हो सकती हैं और उड़ते हुए भी देख सकते हैं।
- इनकी अधिक संख्या में बढ़त गुड़हल को कमजोर कर सकती है।
थ्रिप्स (Thrips)
- बता दें कि यह छोटे और सूक्ष्म कीड़े होते हैं, जो सफेद या स्वर्ण रंग के हो सकते हैं।
- ये पौधों के पत्तियों के बीच और ऊपर रह सकते हैं, और पत्तियों को सुकुनी बना सकते हैं।
अफीड्स (Aphids)
- अफीड्स छोटे होते हैं और इनका रंग सफेद, हरा, या काला हो सकता हैं।
- इनकी संख्या बढ़ने से पौधों की गतिविधि कम हो सकती हैं और पत्तियों को कमजोर कर सकती है।
- इन कीटाणुओं की उपस्थिति को समझने के लिए पौधों की रोजाना निगरानी रखें और आवश्यकता होने पर तुरंत उपाए करें।