पाथरचट्टा अर्थात Ranapala plant एक गर्म जलवायु में उगने वाला सदाबहार बारहमासी पौधा है। पत्थरचट्टा (Patharchatta) दिखने में तो खूबसूरत होता ही है लेकिन यह अपनी हेल्थ के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है। वैसे तो हर पौधे को उगाने के लिए बीज की जरूरत होती है लेकिन पत्थरचट्टा एक ऐसा पौधा है जिसे आप बिना बीज के उगा सकते हैं। जी हाँ अगर आप पत्थरचट्टा को अपने घर में लगाना चाहते हैं तो आप इसे बिना बीज के लगा सकते हैं।
पत्थरचट्टा का वानस्पतिक नाम कलांचो पिन्नाटा (Kalanchoe pinnata) है, जो अपने गार्डन की शोभा तो बढ़ता ही है और इसके साथ ही कई तरह से बीमारियों से भी आपको मुक्ति दिलाने में मदद करता है। पत्थरचट्टा या कलांचो पिन्नाटा का इस्तेमाल कई तरह की आयुर्वेदिक दवाइयों के रूप में भी किया जाता है। अगर आप पत्थरचट्टा के पौधे को अपने घर में लगाना चाहते हैं तो इस लेख को जरूरत पढ़े, इस लेख में हम आपको बताएंगे कि पत्थरचट्टा के पौधे को आप अपने घर में कैसे लगा सकते हैं।
घर पर पत्थरचट्टा का पौधा उगाने का तरीका – How to plant patharchatta at home in Hindi
- अगर आप पत्थरचट्टा को अपने घर में लगाना चाहते हैं तो बता दें कि इसे लगाना बहुत ही आसान होता है। लेकिन इस पौधे को हमेशा गमले या ग्रो बैग में अकेले ही उगाएं। पत्थरचट्टा पौधे (Patharchatta Plant) की ग्रोथ बहुत तेज होती है इसलिए इसके साथ गमले में अन्य पौधा न लगाये। क्योंकि जब यह पौधा ग्रोथ करेगा तो यह पूरे गमले की जगह ले लेगा।
- पत्थरचट्टा को लगाने के लिए आप या तो नर्सरी से पौधा ला सकते हैं या फिर इसकी पत्तियों के किनारों पर उगने वाले पौधों से भी इसे लगाया जा सकता है।
- इसे लगाने के लिए इसकी पत्ती को सीधे ही गमले की मिट्टी में लगा सकते हैं, जिससे कई सारे पौधे मिट्टी में उगने लगेंगे।
- पत्थरचट्टा के एक पत्ते पर कई सारे पौधे उगते है, जिससे आप मिट्टी में नया पौधा लगा सकते है।
- इसके अलावा इसके बीजों को भी मिट्टी में लगाकर इसे उगाया जा सका है।
(और पढ़ें: गमले या ग्रो बैग में पौधे उगाने की जानकारी…)
पत्थरचट्टा उगाने के लिए तापमान और मौसम – Temperature and Season for Growing Patharchatta in Hindi
कलांचो पिन्नाटा अर्थात पत्थरचट्टा का पौधा गर्म क्षेत्रों में अच्छी तरह से बढ़ता है। अधिकांश उष्णकटिबंधीय पौधों की तरह यह पौधा भी अत्याधिक ठंड को सहन नहीं कर सकता है, इसलिए यदि आप ठंडे क्षेत्र में रह रहे हैं तो इसे घर के अंदर या इंडोर प्लांट के रूप में उगाया जाना चाहिए। हालाँकि पत्थरचट्टा को आउटडोर प्लांट के रूप में उगाया जाता है। पथरचट्टा का पौधा उन क्षेत्रों में जीवित नहीं रह सकता जहां का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस (50 डिग्री फारेनहाइट) से कम है।
पत्थरचट्टा उगाने के लिए सबसे अच्छी मिट्टी – Best soil to grow patharchatta plant in Hindi
यह पौधा अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी में अच्छी तरह बढ़ता है और अधिक गीली मिट्टी में पौधे की जड़ें सड़ने लगती हैं। हालाँकि पत्थरचट्टा का पौधा कई प्रकार की मिट्टी में अच्छी तरह से विकसित हो सकता है, केवल शर्त यह है कि मिट्टी में जलभराव नहीं होना चाहिए। गमले या ग्रो बैग में पत्थरचट्टा उगाने के लिए मिट्टी तैयार करते समय 60% गार्डन की मिट्टी, 30% रेत, कोकोपीट या परलाइट और 10% खाद का मिश्रण तैयार कर सकते हैं।
(और पढ़ें: पौधे लगाने के लिए ऑर्गनिक मिट्टी कैसे तैयार करें…)
पत्थरचट्टा के पौधे के लिए खाद – Fertilizer for patharchatta plant in Hindi
अगर आप पत्थरचट्टा के पौधे को अपने घर में लगाना चाहते हैं तो बता दें कि इस पौधे को बार बार उर्वरक या खाद डालने की जरूरत नहीं होती। लेकिन आप ग्रोइंग सीजन (भारत में फरवरी और सितंबर) के दौरान इसमें गाय के गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट डाल सकते हैं। इसके अलावा आप हर 2-3 महीने में एक बार लिक्विड फर्टिलाइजर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
पत्थरचट्टा के पौधे को पानी कब दें – When to watering a patharchatta plant in Hindi
पत्थरचट्टा का पौधा एक सकुलेंट प्लांट होता है, इसलिए इसे ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती हैं। इसमें पानी तभी डाले जब इसके ऊपर की मिट्टी पूरी तरह से सूख जाए।
(और पढ़ें: 5 टिप्स की मदद से रखें गर्मियों में पौधों को ठण्डा….)
पत्थरचट्टा के पौधे के लिए सूर्य प्रकाश की आवश्यकता – Sunlight Require for patharchatta plant in Hindi
कलांचो पिन्नाटा अर्थात पत्थरचट्टा का पौधा पूर्ण सूर्य प्रकाश या आंशिक सूर्य प्रकाश की स्थिति में शुष्क जलवायु में अच्छी तरह से ग्रो करता है। आप इसे सीधे तेज धूप प्राप्त करने वाले स्थान पर भी रख सकते हैं।
पत्थरचट्टा के पौधे में होने वाले रोग – Patharchatta plant diseases in Hindi
पत्थरचट्टा के पौधे नेमाटोड और कीड़ों की कुछ प्रजातियों के हमलों के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं। इस पौधे को कीड़ों से बचाने के लिए आप पौधे पर जैविक नीम ऑइल (Organic Neem oil Spray) का स्प्रे अवश्य करें।
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पत्थरचट्टा के फायदे – Health Benefits Of Patharchatta in Hindi
आपको बता दें कि पत्थरचट्टा का पौधा गुर्दे की पथरी (Kidney stone) या पित्ताशय की पथरी (gallstones) के लिए बेहद फायदेमंद साबित होता है। बताया जाता है कि यह 10-15 मिमी के आकार तक की पथरी (stones) को गला देता है। जिनको भी गुर्दे या किडनी की पथरी होती है वे लोग पत्थरचट्टा की 2 पत्तियों को रोजाना सुबह खाली पेट गर्म पानी के साथ सेवन करें, तो इससे गुर्दे की पथरी (Kidney stone) से राहत मिलती है।
इसके अलावा पत्थरचट्टा मूत्र पथ विकारों (urinary tract disorders) के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है। इसका इस्तेमाल कई तरह की आयुर्वेद दवाइयों में किया जाता है।
जिन भी लोगों को पेट दर्द की परेशानी रहती है अगर वे लोग अदरक के पाउडर को पत्थरचट्टा के सिरप या रस के साथ मिलकर सेवन करें तो उन्हें पेट दर्द से राहत मिलती है।