घर पर मालाबार पालक (पोई) कैसे उगाएं – How to Grow Malabar Spinach (poi saag) at Home in Hindi

पोई साग या मालाबार पालक एक सदाबहार लता या बेल वाली सब्जी है। इसकी पत्तियां मोटी और हरी होती हैं जिनका उपयोग आप सब्जी या सलाद के रूप मे कर सकते हैं। इसमे विभिन प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो आपके स्वास्थ के लिए बहुत ही लाभदायक होते हैं। आज हम आपको इस लेख मे बताएंगे कि आप आसानी से घर पर मालाबार पालक या पोई कैसे उगा सकते है। मालाबार पालक या पोइ साग उगाने की विधि के बारे में जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।

मालाबार पालक या पोई क्या है – What is Malabar spinach or poi saag in Hindi

मालाबार पालक एक बेल या लता वाला पौधा है, जिसे आम भाषा मे पोई साग (poi saag), बेल पालक (vine spinach), सीलोन पालक (Ceylon spinach) के नाम से जाना जाता है। मालाबार पालक का वैज्ञानिक नाम बेसेला अल्बा (Basella alba) है, जो बेसेलासी (Basellaceae) परिवार की एक प्रजाति है, जो प्राय: लाल और हरी दो प्रकार की होती है। यह स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होती है, क्योंकि इसमें उच्च मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। अत: शाकाहरी भोजन के रूप मे यह प्रोटीन का अच्छा स्रोत है। मालाबार पालक, अन्य प्रकार की पलकों से अलग होती है, क्योंकि यह साल के 12 महीने हरी-भरी होती है। मालाबार पालक को उगाना बहुत ही आसान काम है। पूरे साल में कभी भी, किसी भी मौसम में इसको उगाया जा सकता है, यह स्वाद में भी बहुत स्वादिष्ट होती है।

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मालाबार पालक उगाने से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी – Malabar Spinach growing conditions in Hindi

  • बुवाई का मौसम (Sowing season) – मालाबार पालक को साल भर, लेकिन मुख्य रूप से गर्मी या वसंत के शुरुआत में उगाया जाता है।
  • बुवाई की गहराई (Sowing depth) – मालाबार पालक के बीजों को कंटेनर या गमले की मिट्टी में लगभग 0.5 से 1 इंच की गहराई पर बो सकते हैं।
  • बीज अंकुरण का समय (Germination time) – बीज को अंकुरित होने में बुवाई से लगभग 8 से 20 दिन का समय लग सकता है।
  • तापमान (Temperature) – पोई साग के बीजों को अंकुरित होने के लिए आदर्श तापमान 15°C से 27°C के मध्य होना चाहिए।
  • पौधों के बीच दूरी (Spacing) – मालाबार पालक या पोई साग के बीजों को लगभग 10 सेमी. की दूरी पर बोया जाना चाहिए।
  • कटाई का समय (Harvesting time) – बुआई से लगभग 40 से 50 दिनों के बाद आपको मालाबार पालक के पत्ते तोड़ने को मिल जाते हैं।

मालाबार पालक या पोई की किस्में – Varieties of Malabar Spinach or poi in Hindi

पोई साग अर्थात मालाबार पालक की प्राय: दो प्रकार की किस्में पायी जाती है, जो निम्न हैं:

  • हरी मालाबार पालक बेसेला अल्बा (basella alba) – इस प्रकार की किस्म मे सफ़ेद फूल पाए जाते है और इसकी पत्ती का रंग हरा होता है।
  • लाल मालाबार पालक या बेसेला रुबरा (Basella rubra (red)) – इस किस्म के तने गहरे लाल रंग के और पत्तियां बैंगनी रंग की होती हैं।

मालाबार पालक उगाने के लिए आवश्यक सामग्री – Requirement to Grow Malabar Spinach at Home in Hindi

मालाबार पालक या पोई साग को घर में उगाने के लिए आपको निम्न सामग्री की आवश्यकता होती हैं, जैसे

गमले में मालाबार पालक के बीज लगाने का समय – Best Time to Grow Malabar Spinach Seeds in Hindi

मालाबार पालक या पोई साग गर्म मौसम में बहुत आसानी से उगाई जा सकती है शायद इसीलिए इसको गर्मी की सब्जी कहा जाता है। मालाबार पालक को गर्म मौसम के साथ पूरे साल असानी से उगाया जा सकता है। इसका पौधा ठंड के प्रति अति संवेदनशील होता है, इसलिए अगर आप इसे ठंड के मौसम में पोई साग के बीज लगाने की सोच रहे हैं, तो घर के अंदर ही इसके बीज की बुआई करें।

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मालाबार पालक के बीज का चुनाव – Malabar Spinach Seed Selection in Hindi

मालाबार पालक या पोई को घर पर गमले या ग्रो बैग में आप इसे बीज से आसनी से उगा सकते हैं, लेकिन बीजों का चुनाव करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि बीज हमेशा उन्नत किस्म व अच्छी नर्सरी से ही लें। अगर आप मालाबार पालक ऑनलाइन ऑडर करना चाहते है तो आप इसे organicbazzer.net से खरीद सकते है, जिसमें आपको उन्नत किस्म के बीज प्रदान किये जायंगे। मालाबार पालक के बीज खरीदने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें:

Spinach Malabar Seeds

घर पर मालाबार पालक उगाने का तरीकाHow to Grow Malabar Spinach from seed at home in Hindi

यहाँ मालाबार पालक या पोई उगाने का सर्वोतम तरीका बताया गया है, जिसे आजमाकर आप बड़ी आसानी से घर पर मालाबार पालक उगा सकते हैं।

सबसे पहले आप उचित साइज़ के गमले या ग्रो बैग में अच्छी तरह से तैयार की गई मिट्टी या पॉटिंग सोईल को भरें। मिट्टी भरते समय इस बात को ध्यान में रखे कि, गमले में मिट्टी पूरी तरह न भरें, गमले को ऊपर से 2-3 इंच खाली रखें। पौधे को नियमित रूप से मध्यम पानी और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी की आवश्यकता होती है, इसलिए गमले या ग्रो बैग के तल मे जल निकासी छिद्र होना जरुरी है तथा मिट्टी की सबसे नीचे वाली परत में रेत और छोटे पत्थरों का उपयोग जरूर करें।

इसके बाद आपको मालाबार पालक के बीजों को मिट्टी की सतह से ½ से 1 इंच गहराई पर लगा देना है। अंकुरण को सुनिश्चित करने के लिए एक गमले में आप कम से कम (4 से 5) बीजों की रोपाई करें। बीज रोपने के बाद मिट्टी को नम रखने के लिए हल्की सिंचाई करें। मालाबार पालक के बीज 10 से 20 दिन के भीतर अंकुरित हो जाते हैं।

मालाबार पालक या पोई को 6 से 7 घंटो का प्रकाश आवश्यक होता है, इसके लिए आप गमले या ग्रो बैग को बालकनी या घर की छत पर धूप वाले स्थान पर रखें। ध्यान दें कि मालाबार पौधे बेल के रूप में बढ़ते हैं, जिस वजह से इन्हें सहारा देने की आवश्यकता होती है। आप पौधे को सहारा देने के लिए जाली या लकड़ी का उपयोग कर सकते हैं।

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मालाबार पालक को नुकसान पहुँचाने वाले कीट – Pests Affecting to Malabar Spinach plant in Hindi

मालाबार पालक के पौधों को कीट मुक्त रखना तो असंभव है, परन्तु आप अपने पोई साग के पौधों को इन कीटों के हमले से बचा सकते हैं। इसके लिए आप नीम आयल का छिडकाव कर सकते हैं। आइए जानते हैं, उन कीटों के बारे में जो आपके पौधे को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

  • कैप्सिड कीड़े (Capsid Bugs) – ये कीट आम तौर पर युवा पत्तियों पर हमला करते हैं, और पौधे के पत्ते पर छेद कर देते हैं।
  • चफर बग (Chafer Bugs) – यह कीट पौधे की जड़ों को नुकसान पहुंचाता है व व्यापक रूप से पत्ते की सतह पर फीड करते हैं।
  • चींटियाँ (Ants) जब आप मालाबार पालक के बीज गमले या ग्रो बैग में लगाते हैं, तो चींटियाँ आपके बीजों को नुकसान पहुँचा सकती हैं।        
  • सफेद मक्खी (White Fly) – ये छोटी-छोटी मक्खी मालाबार पालक के पत्तों व तनों का रस चूसती हैं, जिस वजह से पत्ती पर सफ़ेद रंग के धब्बे आ जाते हैं।

मालाबार पालक या पोई की कटाई – How to harvest malabar spinach in Hindi 

मालाबार पालक या पोई एक बेल के रूप में बढ़ने वाला पौधा है, तथा इसकी पत्तियों को खाने के लिए उपयोग में लिया जाता है। अतः जब पौधे की लता या बेल में पत्तियों का विकास होना शुरू हो जाए तो आप इसकी अलग-अलग पत्तियों की कटाई कर सकते हैं। मालाबार पालक के पौधे की बेल के सिरे भी खाने योग्य होते हैं, परन्तु आप याद रखे कि पौधे में वृद्धि हमेशा सिरे से ही होती है। इसलिए पौधे के बेहतरीन विकास के लिए सिरे की पत्ती को न तोड़े।

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मालाबार पालक या पोई  में पाए जाने वाले पोषक तत्व – Nutrients found in Malabar Spinach in Hindi

मालाबार पालक या पोई साग को विटामिन ए (Vitamin A) के श्रेष्ठतम स्रोतों में शामिल किया गया है। इसकी 100 ग्राम पत्तियों में लगभग 8,000 यूनिट विटामिन ए (Vitamin A) पाया जाता है। इसके अलावा इसमें विटामिन सी (Vitamin C), आयरन (Iron) और कैल्शियम (Calcium) भी अच्छी मात्रा में मौजूद होता है। मालाबार पालक को पूरी तरह से उर्जा का घर भी कह सकते हैं, क्योंकि इसमें प्रोटीन के साथ मैग्नीशियम, फास्फोरस और पोटेशियम भी मौजूद होता है।

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मालाबार पालक या पोई के स्वास्थ्य लाभ – Health Benefits of Malabar Spinach in Hindi

पोई साग या मालाबार पालक जो दिखने मे लगभग पालक जैसी ही दिखती है, आमतौर पर इसकी सब्जी बनाई जाती है। आपको बतादें कि मालाबार पालक या पोई के नियमित सेवन से आप को बहुत से स्वस्थ लाभ होंगे। इससे दिल और दिमाग दोनों स्वास्थ्य होते है, इसलिए आप अपने खान-पान में इसको जरूर शामिल करें। आइए जानते हैं, मालाबार पालक या पोई के सेवन से आपके स्वास्थ पर क्या-क्या फायदे हो सकते हैं:

  • दिल को स्वस्थ रखने में – मालाबार या पोई साग का सेवन शरीर में मौजूद बेड कोलेस्ट्रोल (bad cholesterol) को कम करता है, जो दिल को स्वास्थ रखने मे मदद करता है।
  • मजबूत हड्डियों में – मालाबार पालक मे मैग्नीशियम और कैल्शियम दोनों पोषक तत्वों की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए बहुत आवश्यक होते हैं।
  • ब्लड प्रेसर कंट्रोल – मालाबार या पोई मे भरपूर मात्रा मे पोटेशियम पाया जाता है, जो आपके शरीर में ब्लड प्रेसर को कंट्रोल करने में सहायक होता है।
  • इम्यूनिटी बूस्टर – इसमे प्रचुर मात्रा मे विटामिन c पाया जाता है जो शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करता है।
  • मजबूत पाचन तंत्र (Stronger Digestive System) – मालाबार पालक या पोई मे भरपूर मात्रा में फाइबर और मैग्नीशियम पाया जाता है, जो आपके स्वस्थ पाचन तंत्र के लिए बेहद जरुरी होता है। अत: पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए इसका सेवन आवश्यक रूप से करना चाहिए।

मालाबार पालक या पोई से बनने वाले व्यंजन Recipes made from Malabar Spinach or Poi in Hindi

मालाबार पालक से विभिन  प्रकार के व्यंजन बनाये जा सकते हैं, जिनके नाम कुछ इस प्रकार है

  • पोई साग या मालाबार पालक करी।
  • मालाबार पालक पकोड़ा।
  • मालाबार पालक सूप।
  • पोई साग या मालाबार पालक दाल।
  • मालाबार पालक फिश करी।
  • मालाबार पालक मिक्स वैजेटेबल।
  • पोई या मालाबार पालक खिचड़ी।

निष्कर्ष Conclusion

मालाबार पालक का पौधा गर्म वातावरण में अच्छी तरह से बढ़ता है परन्तु ठंडी जलवायु में पत्तियों व लताओं का उत्पादन थोडा कम हो जाता है। मालाबार पालक मे विटामिन, खनिज, और एंटीऑक्सीडेंट उच्च मात्रा मे पाए जाते है इसलिए आप घर पर इसकी बागबानी बहुत आसनी से शुरु कर सकते है जिसकी समस्त जानकारी आपको इस आर्टिकल मे दी गई है।

 नोट (Note):- मालाबार पालक के बीज आप हमारी साईट organicbazzer.net पर जाकर ऑर्डर कर सकते हैं।

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