जब हम अपने गार्डन में कई वेराइटी के पेड़-पौधे लगाने के लिए बीज लगाते हैं तो बहुत बार हमें बीज लगाने के कुछ दिन बाद ही पौधे उगते हुए दिखाई देने लगते हैं जबकि कई बार लम्बे समय तक कोई भी पौधा उगता हुआ दिखाई नहीं देता, ऐसा बीज-अंकुरण के लिए आवश्यक परिस्थितियों के कारण होता है। सफलतापूर्वक सीड जर्मिनेशन के लिए सीड ग्रोइंग मीडियम, हवा और नमी के साथ सॉइल टेम्प्रेचर और प्रकाश भी आवश्यक होते हैं, लेकिन इन सभी की कमी या अधिकता बीज-अंकुरण की प्रक्रिया को प्रभावित करती है जिसमें सॉइल टेम्प्रेचर और लाइट की उपस्थिति सीड जर्मिनेशन की प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि मिट्टी का तापमान व सूर्यप्रकाश बीज अंकुरण को कैसे प्रभावित करते हैं। बीजों को अंकुरित होने के लिए प्रकाश की आवश्यकता होती है या नहीं? जानने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
बीज अंकुरण में प्रकाश का महत्व – Importance of Light in Seed Germination In Hindi
बीज अंकुरण के लिए प्रकाश की उपस्थिति महत्वपूर्ण है, लेकिन यह हर प्रकार के बीजों के लिए आवश्यक नहीं है। कुछ बीज प्रकाश (लाइट) की उपस्थिति में ही उगना पसंद करते हैं, तो कुछ केवल अँधेरे वाले स्थान पर। इसके अलावा कुछ बीजों को अंकुरण के दौरान प्रकाश की उपस्थिति या अनुपस्थिति से कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर लाइट में जर्मिनेट होने वाले बीजों को प्रकाश नहीं मिलता तो वे मिट्टी की नमी के कारण सड़ सकते हैं, फलस्वरूप आपके द्वारा लगाए गये बीज अंकुरित नहीं होंगे। ठीक ऐसा तब भी हो सकता है जब लगाये गये बीजों को आवश्यकता से अधिक लाइट मिलती है। अंकुरण पर प्रकाश का प्रभाव बड़े बीजों की तुलना में छोटे बीजों में अधिक होता है, अर्थात अंकुरण के लिए प्रकाश की आवश्यकता वाले बीज आमतौर पर छोटे होते हैं।
प्रकाश की उपस्थिति में जर्मिनेट होने वाले पौधे को अक्सर सीधे मिट्टी की सतह पर हल्का सा दबाकर लगाया जा सकता है या उनके ऊपर मिट्टी की हल्की परत (0.3 cm) भी बिछाई जा सकती है, क्योंकि सनलाइट मिट्टी में कुछ गहराई तक जा सकता है। लेकिन कई बार बीज को अधिक गहराई पर लगाने से उस तक पर्याप्त प्रकाश या रोशनी नहीं पहुँच पाती और बीज अंकुरित नहीं हो पाता, इसीलिए ध्यान रखें प्रकाश की उपस्थिति में जर्मिनेट होने वाले बीजों को ⅛ इंच से अधिक की गहराई पर नहीं लगाया जाना चाहिए।
नोट – प्रकाश नमी को जल्दी सोखने में मदद कर सकता है, इसीलिए सन लाइट में सीड जर्मिनेशन की प्रक्रिया सम्पन्न कराते समय मिट्टी में पर्याप्त नमी बनाए रखना सुनिश्चित करें।
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प्रकाश बीज के अंकुरण को कैसे प्रभावित करता है – How does light affect seed germination In Hindi
अधिकांश पौधों को बढ़ने और उन्हें स्वस्थ रखने के लिए प्रकाश की आवश्यकता होती है, लेकिन सभी पौधों के बीजों को अंकुरित होने के लिए प्रकाश की आवश्यकता नहीं होती है। लाइट की उपस्थिति में अंकुरित होने वाले बीजों को उचित मात्रा में लाइट या धूप न मिलने पर बीज अंकुरण होना संभव (Possible) नहीं है। विभिन्न प्रकार के बीजों को अंकुरण के लिए लाइट की आवश्यक मात्रा अलग-अलग हो सकती है, कुछ बीज सूर्य की अप्रत्यक्ष धूप में उगना पसंद करते हैं, तो कुछ बीजों को जर्मिनेट होने के लिए रोजाना केवल 1-2 घंटे की सीधी धूप की जरूरत होती है और कुछ बीज तो पूर्ण सूर्य प्रकाश की उपस्थिति में भी अच्छी तरह जर्मिनेट हो सकते हैं। यह बीज की किस्मों के आधार पर निर्भर होता है।
जर्मिनेशन के समय सूर्यप्रकाश का प्रभाव बीज के अन्दर पाए जाने वाले रंगद्रव्य फाइटोक्रोम पर पड़ता है जो बीज अंकुरण प्रक्रिया को बढ़ावा देता है या बीज अंकुरण में बाधा डालता है। अंकुरण के लिए बीजों में बायोएक्टिव जिबरेलिन (gibberellins) की मात्रा बढ़ाने में भी लाइट की प्रमुख भूमिका होती हैं। विज्ञान के अनुसार प्रकाश का लाल रंग आमतौर पर बीज अंकुरण की प्रक्रिया को तेजी से संपन्न कराता है और नीला प्रकाश अंकुरण प्रक्रिया को रोकता है या बहुत ही धीमी गति से संपन्न कराता है।
नोट – अगर आप इनडोर सीड जर्मिनेशन के लिए आर्टिफीशियल लाइट लैंप का इस्तेमाल करते हैं तो नीले प्रकाश वाले लाइट का उपयोग न करें।
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सीड जर्मिनेशन में तापमान का महत्व – Importance of temperature in Seed Germination In Hindi
सीड जर्मिनेशन की प्रक्रिया में मिट्टी के तापमान का उचित होना सबसे महत्वपूर्ण होता है अन्यथा बीज अंकुरित नहीं होते। एक बीज को किसी दिए गए तापमान पर अंकुरित होने के लिए प्रकाश की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन अन्य तापमान पर नहीं। कुछ किस्म के बीजों के लिए, तापमान में उतार-चढ़ाव कर प्रकाश की आवश्यकता को पूरी तरह या आंशिक रूप से दूर कर सकता है।
अधिकांश बीज 18℃-30℃ के मध्यम मिट्टी के तापमान में बेहतर तरीके से अंकुरित हो जाते हैं, लेकिन कुछ लीफी (Leafy) और रूट वेजिटेबल (Rooty Vegetable) के साथ अन्य पौधों के बीज ऐसे भी हैं, जो 5℃-40℃ के बीच कम या उच्च तापमान में भी जर्मिनेट हो सकते हैं। अगर बीजों को जर्मिनेट होने के लिए उचित तापमान नहीं मिलता, तो बीज अंकुरण प्रक्रिया धीमी हो सकती है या बीज नष्ट हो सकते हैं।
तापमान बीज के अंकुरण को कैसे प्रभावित करता है – How does temperature affect seed germination In Hindi
प्रत्येक बीज अंकुरण के लिए तापमान की एक निश्चित सीमा होती है, जिसके अन्दर बीज अंकुरित होता है। सीड जर्मिनेशन के दौरान मिट्टी का कम या अधिक तापमान अंकुरण की गति को निर्धारित करता है। बीजों को अंकुरण के समय मिलने वाला तापमान, निश्चित तापमान सीमा के जितने करीब होगा, अंकुरण प्रक्रिया उतनी ही तेजी से संपन्न होती है और कम तापमान मिलने पर बीज अंकुरित होने में अधिक समय लग सकता है।
तापमान तीन प्राथमिक तरीकों से अंकुरण की क्रिया को प्रभावित करता है: नमी, हार्मोन उत्पादन और एंजाइम गतिविधि। एक संतुलित तापमान नमी को नियंत्रित कर अंकुरण प्रक्रिया में मुख्य भूमिका निभाता हैं। गर्म जलवायु या ज्यादा तापमान वाष्पीकरण को बढ़ाकर नमी को कम कर सकता है, जो बीज अंकुरण पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा।
नोट – बीज की आवश्यकता अनुसार तापमान न मिलने पर तथा मिट्टी का तापमान अत्यधिक ठण्डा या अधिक गर्म होने पर बीज अंकुरित नहीं होते।
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उपरोक्त आर्टिकल में आपने जाना कि बीज अंकुरण के समय सफलतापूर्वक अंकुरण प्रक्रिया सम्पन्न कराने वाले कारक कौन-कौन से हैं तथा प्रकाश (लाइट) और तापमान का सीड जर्मिनेशन के समय बीज पर क्या प्रभाव पड़ता है।