इंसुलिन प्लांट अर्थात कोस्टस पिक्टस (Costus pictus) जड़ी-बूटी में इस्तेमाल होने वाला पौधा है जिसे स्पाइरल फ्लैग (spiral flag) के नाम से जाना जाता है। यह एक बारहमासी सदाबहार पौधा है जो शुगर के मरीजों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। भारत में कोस्टस पिक्टस को इन्सुलिन का पौधा भी कहा जाता है, क्योंकि इसके सेवन से शरीर में शुगर या ग्लूकोज (glucose) की मात्रा नियंत्रित होती है। यह पौधा दिखने में बेहद आकर्षक होता है क्योंकि, इसके पत्ते स्पाइरल (Spiral) रूप में इसकी शाखाओं पर लिपटे होते हैं। इन्सुलिन के पौधे को बहुत से लोग सजावटी पौधे के रूप में भी अपने घरों में लगाते हैं। अगर आप भी इंसुलिन के पौधे को अपने घर के गमले में लगाने का विचार कर रहें हैं और जानना चाहते हैं कि इन्सुलिन का पौधा घर पर कैसे लगाएं, इसकी देखभाल कैसे करें, तो इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।
इन्सुलिन का पौधा क्या है – what is insulin plant in Hindi
कोस्टस पिकटस (इंसुलिन) का पौधा डायबिटीज के लिए रामबाण है। इसकी पत्ती का स्वाद खट्टा होता है और कंद का आकार अदरक की तरह होता है। इसके कंद का सूप बनाकर पीने से कई बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है। इस पौधे की ताजा पत्ती चबाने से ब्लड में ग्लूकोज लेवल नियंत्रित करने में मदद मिलती है। यह पौधा ‘जिंजर फैमिली’ से संबंध रखता है इसलिए आप इसे राइजोम (प्रकंद) और कटिंग से लगा सकते हैं।
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इन्सुलिन का पौधा लगाने का मौसम – Insulin planting season in Hindi
बारिश का मौसम किसी भी पौधे को लगाने का उत्तम समय है। इन्सुलिन के पौधे को आप गमले या ग्रो बैग में आसानी से लगा सकते हैं। बस आपको इसके लगाने के सही समय के बारे में पता होना चाहिए। आपको बता दें कि, इंसुलिन प्लांट को लगाने का सबसे अच्छा समय बारिश का मौसम होता है क्योंकि, बारिश के मौसम में यह पौधा तेजी से ग्रो करता है।
इन्सुलिन का पौधा गमले में कैसे लगाएं – How to Plant Insulin plant in Pot in Hindi
अगर आप इन्सुलिन का पौधा अपने घर पर गमले या ग्रो बैग में लगाना चाहते हैं तो, इसे लगाने से पहले आपको लगाने के सही तरीके का पता होना जरूरी है। इंसुलिन प्लांट लगाने के लिए आप नर्सरी से पौधे ला सकते हैं या पौधे की कटिंग से भी इसे लगा सकते हैं।
- उचित आकर के गमले या ग्रो बैग को चुनें और गमले में पॉटिंग मिश्रण भर लें।
- अगर आप कटिंग से इन्सुलिन के पौधे को लगा रहे हैं तो इसके लिए एक अच्छी टहनी को चुनें और इसे थोड़ा तिरछा काट लें। लेकिन ध्यान रखें कि, कटिंग ज्यादा सख्त न हो।
- अब टहनी पर लगी सभी पत्तियों को साफ कर दें और इसे पॉट की मिट्टी में लगा दें।
- मिट्टी में कटिंग लगाने के बाद, वाटरिंग केन (water can) की मदद से पानी डालें।
- जब 2 से 3 हफ्तों में कटिंग में नए पत्ते विकसित होने लगे, तब इसे धूप में रखें।
- आप महीने में 1-2 बार जैविक खाद का प्रयोग कर सकते हैं।
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इंसुलिन का पौधा लगाने के लिए गमले का साइज – Size of Pot to plant Insulin plant in Hindi
कोस्टस पिक्टस का पौधा लगाने के लिए आप निम्न आकार के गमले या ग्रो बैग का उपयोग कर सकते हैं:
- 12 x 12 इंच (चौड़ाई x ऊँचाई)
- 15 x 12 इंच (चौड़ाई x ऊँचाई)
- 24 x 12 इंच (चौड़ाई x ऊँचाई)
नोट – आप अपनी सुविधा के अनुसार गमले का साइज चुन सकते हैं।
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इंसुलिन के पौधे की देखभाल – Insulin plant Care in Hindi
वैसे तो इन्सुलिन के पौधे को कोई खास देखभाल करने की जरूरत नहीं होती है लेकिन, फिर भी आप पौधे के विकास के लिए निम्न तरीके से देखभाल कर सकते हैं।
इंसुलिन का पौधा लगाने के लिए बेस्ट मिट्टी – Best soil for planting Insulin plants in Hindi
- आप कोस्टस पिक्टस (इन्सुलिन) के पौधे लगाने के लिए पॉटिंग मिश्रण का उपयोग कर सकते हैं।
- पौधों के विकास के लिए अतिरिक्त जल निकासी वाली मिट्टी का चयन करें।
- गीली या चिपचिपी मिट्टी में पौधे न लगाएं।
इंसुलिन के पौधे को पानी देना – Watering the Insulin Plant in Hindi
- गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में पानी भराव से बचें, क्योंकि इससे आपके पौधे की जड़ें सड़ सकती हैं और पौधा नष्ट हो सकता है। पौधे की वृद्धि के दौरान नियमित रूप से पानी दें।
- मिट्टी में उचित मात्रा में नमी बनाए रखें।
- सर्दी के मौसम में बहुत अधिक पानी देने से बचें।
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इंसुलिन के पौधों के विकास के लिए धूप – Sunlight for Grow Insulin plant in Hindi
- कोस्टस पिक्टस (इन्सुलिन) का पौधा पूर्ण धूप और आंशिक छाया में अच्छी तरह से ग्रो करता है।
- इन्सुलिन के पौधे को रोजाना 5 से 6 घंटे की धूप प्राप्त होनी चाहिए।
- आप पौधे को ऐसे स्थान पर लगाएं, जहां इन्हें उचित मात्रा में धूप मिल सके।
इंसुलिन के पौधे की वृद्धि के लिए तापमान – Temperature for Plant Grow of Insulin in Hindi
- कोस्टस पिक्टस (इन्सुलिन) का पौधा 30-45°C के बीच वाले तापमान में अच्छी तरह से विकसित होता है।
इन्सुलिन का पौधा ग्रो करने के लिए उर्वरक – Fertilizer to Grow Insulin plant in Hindi
कोस्टस पिक्टस (इन्सुलिन) के पौधे उगाने के लिए जैविक उर्वरक सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। इंसुलिन प्लांट के लिए फास्फोरस और पोटेशियम से युक्त खाद उपयुक्त होती है। इस पर कम नाइट्रोजन वाले उर्वरक का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि, बहुत अधिक नाइट्रोजन पौधों में अत्यधिक पत्ते उगाने का कारण बनती है और पैदावार भी कम होती है। इन्सुलिन के लिए आवश्यक उर्वरक निम्न है:
- बोनमील
- रॉक फास्फेट
- मस्टर्ड केक
- नीम केक
इसके साथ-साथ आप पुरानी गोबर की खाद का उपयोग भी कर सकते हैं।
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इंसुलिन के पौधों की कीटों से सुरक्षा – Insulin plant protection Against Pests in Hindi
गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में लगे इन्सुलिन के पौधों को कीटों और रोगों से बचाने के लिए आप पौधों पर नीम तेल (Neem oil) का छिड़काव कर सकते हैं।
इंसुलिन प्लांट के फायदे – Benefits of Insulin plant in Hindi
कोस्टस पिक्टस (इन्सुलिन) के पौधे का सबसे बड़ा फायदा शुगर (Sugar) के मरीजों के लिए होता है। बता दें कि, जिन लोगो को शुगर (Sugar) की प्रॉब्लम होती है वे लोग इस पौधे की पत्ती चबाकर चूंसे तो इससे उनकी समस्या कम हो जाती है। इन्सुलिन के पौधे की रोज एक पत्ती चबाकर खाने से खून में ग्लूकोज का लेवल कम होता है। इसके अलावा आप इस पौधे के पत्तियों का सूखा चूर्ण ½-1 ग्राम दिन में दो बार ले सकते हैं।
निष्कर्ष – Conclusion
इस लेख में आपने जाना कि, इन्सुलिन के पौधे के फायदे और इसे गमले की मिट्टी में लगाने के तरीके और भी बहुत कुछ जाना। उम्मीद है कि, आपको यह लेख पढ़कर इस पौधे को उगाने में काफी मदद मिलेगी। हमारी और भी उपयोगी पोस्ट पढ़ने के लिए Organicbazar.net पर विजिट करें।