गमले में ड्वार्फ पपीता कैसे उगाएं – How to Grow Dwarf Papaya in Pot in Hindi

बौनी किस्में जिन्हें हम ड्वार्फ पपीता के नाम से जानते हैंपपीता का वानस्पतिक नाम कैरिका (Carica) है, जो कि कैरिकेसी (Caricaceae) परिवार से संबधित पौधा है। पपीता एक ऐसा फल है, जो हमारे लिए बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। इसका न केवल स्वाद अच्छा होता है, बल्कि यह पाचन में भी सहायक होता है। ड्वार्फ पपीता को घर पर गमले या ग्रो बैग में कैसे लगाएं? और पौधे की देखभाल करने के तरीके क्या हैं? के बारे में जानने के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

ड्वार्फ पपीता क्या है – What is Dwarf Papaya in Hindi

बौना पपीता (Dwarf Papaya) के पेड़ की ऊंचाई (height) आमतौर पर 10 फीट से कम होती है। हालांकि इसकी कई किस्मों की ऊंचाई 3 से 5 फीट के बीच हो सकती है। यदि आप उष्णकटिबंधीय (tropical) और उपोष्णकटिबंधीय (subtropical) क्षेत्रों में नहीं रहते हैं लेकिन कंटेनर या गमले में पपीता उगाना चाहते हैं, तो बौना पपीता आपके लिए एक अच्छा विकल्प है। इससे आपको हर मौसम में फल मिलेगा।

ड्वार्फ पपीता उगाने का अच्छा समय – Best Time to Grow Dwarf Papaya Tree in Hindi

  • आप गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में पपीता के बीजों को जून से जुलाई, बसंत ऋतु में फरवरी से मार्च और शरद ऋतु में अक्टूबर से नवंबर के महीने में लगा सकते हैं। बौना पपीता (ड्वार्फ पपीता) उगाने के लिए अधिकतम 25 – 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 16 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत होती है।

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ड्वार्फ पपीता के बीज लगाने की गहराई – Planting Depth of Dwarf Papaya Seeds in Hindi

  • आप गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में पपीता के बीजों को लगभग 0.5 इंच की गहराई में लगा सकते हैं।

ड्वार्फ पपीता के बीज अंकुरित होने में कितना समय लगता है – Germination time of Papaya Seeds in Hindi

  • मिट्टी में बीज लगाने के बाद पपीता के बीज अंकुरित होने में लगभग 10 से 21 दिन का समय लग सकता है।

ड्वार्फ पपीते के लिए पानी – Water for Dwarf Papaya in Hindi

पपीते के बीज लगे गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में आवश्यकता अनुसार नमी बनाए रखें, क्योंकि पपीते के पौधों को पर्याप्त मात्रा में पानी की जरुरत होती है। और जैसे-जैसे पौधे की वृद्धि होती जाती है तो इसे और अधिक पानी की जरुरत होती है, इसलिए पपीता के बढ़ते पौधों को पर्याप्त मात्रा में पानी दें।

ड्वार्फ पपीते के उन्नत किस्म के बीज – Best seeds of Dwarf Papaya in Hindi

पपीता के अच्छे पौधे प्राप्त करने के लिए जरुरी होता है, अच्छे बीजों का चयन करना। पपीता के बीज आप अपने नजदीकी बीज की दुकान या ऑनलाइन Organicbazar.net से ऑर्डर करके खरीद सकते हैं या ऑनलाइन पपीता के बीज खरीदने के लिए यहां क्लिक करें।

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घर पर ड्वार्फ पपीता उगाने के लिए गमले का साइज़ – Pot Size for Growing Dwarf Papaya in Hindi

घर पर ड्वार्फ पपीता उगाने के लिए गमले का साइज़ - Pot Size for Growing Dwarf Papaya in Hindi

ड्वार्फ पपीते की किस्में आकार, स्वाद, लम्बाई में बढ़ने और फलने के समय के आधार पर अलग-अलग प्रकार की होती हैं। बौनी किस्में जिन्हें हम ड्वार्फ पपीते के नाम से जानते हैं। इसके पौधे उगाने के लिए आपको लगभग 15-20 इंच के बड़े गमले या ग्रो बैग का उपयोग करना चाहिए। इन गमले या ग्रो बैग में जल निकासी की उत्तम व्यवस्था होनी चाहिए। आप निम्न साइज़ के गमले या ग्रो बैग में पपीते के पेड़ को उगा सकते हैं, जैसे:

गमले में ड्वार्फ पपीता लगाने की विधि – How to plant Dwarf Papaya in Pot in Hindi

आप पपीते के बीजों को डायरेक्ट मेथर्ड से सीधे गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में लगा सकते हैं। मिट्टी में बीजों को लगाने के लिए निम्न टिप्स को फॉलो करें –

  • ड्वार्फ पपीता लगाने के लिए उचित साइज़ के गमले या ग्रो बैग को चुनें।
  • गमले में अतिरिक्त जल निकासी की उचित व्यवस्था हो।
  • गमले में तैयार की हुई पॉटिंग मिट्टी (potting soil) भर लें।
  • मिट्टी भरते समय पॉट को ऊपर से 2 से 3 इंच खाली रखें।
  • पॉट की मिट्टी में बीज लगाने के बाद पानी का छिड़काव करें।

ड्वार्फ पपीते के लिए आवश्यक उर्वरक – Essential Fertilizers for Dwarf Papaya in Hindi

ड्वार्फ पपीते के पौधे की तेजी से वृद्धि और विकास सुनिश्चित करने के लिए बेहतर खाद की आवश्यकता होती है। जिसमें पर्याप्त मात्रा में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम पाया जाता हो। इसके लिए आप निम्न जैविक खाद दे सकते हैं जैसे :

पपीते में पोषक तत्वों की कमी से होने वाले रोग – Nutrient Deficiency Diseases in Papaya in Hindi

पपीते के पौधे की वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्व और उनकी कमी के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं, जैसे:

  • नाइट्रोजन (Nitrogen) – पौधे की ग्रोथ धीमी हो जाती है।
  • फास्फोरस (Phosphorus) – पतियाँ पीली रंग की हो जाती हैं।
  • पोटेशियम (Potassium) – पत्तों पर भूरे रंग के धब्बे आ जाते हैं।
  • मैग्नीशियम (Magnesium) – पौधे की ऊंचाई कम रह जाती है।

ड्वार्फ पपीते के पोधे की देखभाल – Dwarf Papaya plants Care in Hindi

ड्वार्फ पपीते के पोधे की देखभाल - Dwarf Papaya plants Care in Hindi

  • गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में उचित मात्रा में नमी बनाए रखें।
  • पपीते के पौधे के विकास के लिए आप मिट्टी में जैविक खाद जैसे पुरानी गोबर की खाद, बोनमील, मस्टर्ड केक और वर्मीकम्पोस्ट आदि मिला सकते हैं।
  • पौधों को प्रतिदिन लगभग 6 से 8 घंटे की धूप मिलनी चाहिए।
  • पपीते के पौधों को सुबह या शाम को 4 से 5 बजे के बीच पानी दें।
  • पौधे से क्षतिग्रस्त भागों को प्रूनर (pruner) की मदद से अलग कर दें।
  • पपीते के फल जैसे ही हल्के पीले रंग के होते हैं तो उन्हें जाली से ढक दें, जिससे कि फलों को मच्छर और पक्षियों से सुरक्षित रखा जा सके।

पपीता तोड़ने का समय – Harvesting time of Dwarf Papaya in Hindi 

गमले में बीज लगाने के बाद पौधों की अच्छी देखभाल करते हुए, आपको लगभग 8-10 महीने में पपीता देखने को मिल सकते हैं। फलों को तभी तोड़े जब फल पीले हो जाएं।

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निष्कर्ष – Conclusion

इस लेख में आपने जाना कि, गमले में पपीता कैसे लगाएं?, पौधों को पानी कैसे दें? और पपीता के पौधे में होने वाले रोग कौन से है? उम्मीद है कि, आपको यह पोस्ट अच्छी लगी होगी। हमारी और भी उपयोगी पोस्ट पढ़ने के लिए Organicbazar.net पर विजिट करें।

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