मक्के (कॉर्न) के बीज कैसे उगाएं – How to Grow Corn From Seeds in Hindi 

हममें से अधिकतर लोग ठण्ड के समय कॉर्न खाना पसंद करते हैं। यह एक मौसमी सब्जी रूपी फल है, जिसको बरसात शुरू होने के समय उगाया जाता है। अगर आपको भी कॉर्न खाने का शौंक है और पूरी सर्दियों के मौसम आप इसे खाना पसंद करते हैं तो आप बड़ी ही आसानी से अपने घर के गमले में या गार्डन में  कॉर्न के बीज उगा सकते हैं। इस लेख में हम आपको बताएँगे कि आप घर के गार्डन में  मक्के के बीज कैसे लगाएं? मक्के में खाद कब देनी चाहिए और मक्के की फसल कितने दिन में तैयार हो जाती है। आइये जानते हैं गमले या ग्रो बैग में मक्के का बीज कैसे उगाएं?  

मक्के के बीज उगाने की जानकारी – Corn Seeds Growing Conditions in Hindi

बुआई का सही समय  
बरसात (जून से जुलाई)
मिट्टी का तापमान
20°C से 28°C
मिट्टी                      
जैविक खाद युक्त दोमट मिट्टी 
बीज बोने की गहराई                     
1 से इंच (2.5 cm)
अंकुरण का समय    
7 से 14 दिन 
खाद
नाइट्रोजन युक्त जैविक खाद,
हार्वेस्टिंग का टाइम     
3 से 4 महीने 

मक्का उगाने के लिए अच्छी किस्म के बीज – Get good quality seeds for planting corn in Hindi

मक्के (कॉर्न) की अच्छी फसल पाने के लिए आपको स्वस्थ और बेस्ट क्वालिटी के बीजों का उपयोग करना चाहिए। मक्का की अच्छी किस्म के बीज आप मार्केट से या ऑनलाइन स्टोर organicbazar.net के माध्यम से खरीद सकते हैं। ऑनलाइन मक्के के बीज ऑर्डर करने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें-

मक्के का बीज लगाने के लिए मिट्टी – Best Soil for Planting Corn Seeds in Hindi

मक्के का बीज लगाने के लिए मिट्टी - Best Soil for Planting Corn Seeds in Hindi

  • कॉर्न सीड्स की बुआई के लिए आदर्श मिट्टी अच्छी तरह से सूखी और उपजाऊ होनी चाहिए।
  • मक्का के बीज लगाने के लिए आप दोमट मिट्टी (मिट्टी व रेत के मिश्रण) का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • 5.8 से 6.8 PH मान वाली मिट्टी मक्के के बीज लगाने के लिए उचित होती है।

(और पढ़ें: पौधों के लिए गमले की मिट्टी कैसे तैयार करें…)

मक्का उगाने के लिए उचित तापमान – Corn seeds germination temperature in Hindi

  • कॉर्न सीड्स और प्लांट्स के लिए 16°C से 35°C का तापमान आदर्श माना जाता है।
  • अधिक ठन्डे मौसम में कॉर्न सीड्स या प्लांट्स अच्छी तरह से ग्रो नहीं कर पाते हैं और पौधे नष्ट हो सकते हैं।
  • मक्के के बीज व पौधों की बेहतर ग्रोथ के लिए कम ठण्ड वाला मौसम सही माना जाता है।

मक्का के बीज लगाने की विधि – Method of planting corn seeds in Hindi

  • घर पर होम गार्डन में कॉर्न सीड्स लगाने के लिए बड़े आकार के गमले या ग्रो बैग में  तैयार की गई मिट्टी को भरें।
  • मिट्टी में बीजों को 1 से 1½ इंच (2.5 cm) गहराई तथा 6-8 इंच की दूरी पर लगायें।
  • मक्के के बीजों को बहुत करीब लगाने से इनको अधिक पानी और न्यूट्रीशन की आवश्यकता होती है और इससे कम उपज मिल सकती है। अतः बीजों को उचित दूरी पर लगायें।
  • बीजों को मिट्टी से अच्छी तरह से ढंक दें।
  • मिट्टी में नमी बनाये रखें।

(और पढ़ें: सब्जियों के बीजों को अंकुरित करने की सम्पूर्ण जानकारी…)

मक्के के बीज को अंकुरित होने में कितना समय लगता है – Corn seeds germination time in Hindi

कॉर्न सीड्स को अंकुरित (जर्मिनेट) होने में 7-14 दिन का समय लगता है। अंकुरित हुए पौधे लगभग 12 से 15 दिन के बाद 5 से 7 इंच के हो जाते हैं। समय पर खाद देने से इनकी ग्रोथ काफी अच्छी होती है।

मक्के के पौधों को खाद कब-कब दें – When to fertilize to increase growth of corn in Hindi

  • सही समय पर मक्के के पौधों को खाद देने से पौधों की ग्रोथ तेजी से बढ़ती है।
  • आप कोई भी नाइट्रोजन युक्त जैविक खाद या वर्मीकम्पोस्ट खाद का उपयोग कर सकते हैं।
  • कॉर्न सीड्स की ग्रोथ को तेजी से बढ़ाने के लिए आप अपनी इक्छानुसार पौधों को नाइट्रोजन युक्त जैविक खाद दे सकते हैं।
  • आप मक्के के पौधों को 6 से 7 इंच बड़ा होने के बाद 15 से 20 दिन के अन्तराल से खाद दे सकते हैं।

(और पढ़ें: किचन वेस्ट से खाद कैसे बनायें?….)

मक्के से खरपतवार अलग करें – Separate weeds from corn in Hindi

मक्के के पौधों के आसपास उगने वाली खरपतवार आपके गार्डन में लगे हुए कॉर्न प्लांट्स की ग्रोथ को कम कर सकती है। क्योंकि खरपतवार फैलने पर ज्यादा जगह घेर लेती है और आसपास की मिट्टी से उन जरूरी न्यूट्रिशन को भी ले लेती है जिन्हें कॉर्न प्लांट्स ले सकते थे। न्यूट्रिशन की कमी हो जाने के कारण पौधे सही तरह से बढ़ नहीं पाते और मक्के के पौधों को नुकसान होता है। हमें समय पर खरपतवार रोकने के लिए उपाय करना चाहिए। इनकी रोकथाम के लिए हमें खरपतवार नाशक दवा का छिड़काव करना चाहिए।

मक्के के पौधों में होने वाले रोग व बचाव – Corn plant diseases and prevention in Hindi

मक्के के पौधों में होने वाले रोग व बचाव - Corn plant diseases and prevention in Hindi

अधिक नमी व टेम्प्रेचर होने के कारण कॉर्न प्लांट्स की पत्तियों व तनों में कई प्रकार के रोग पनप जाते हैं, जो पौधे को क्षति पहुंचा सकते हैं। कुछ मुख्य रोग जो मक्के के पौधे की पत्तियों व तनों में देखने को मिलते हैं, निम्न हैं:

  • लीफ स्पॉट ऑफ़ कॉर्न (Leaf Spot of Corn)
  • ग्रे लीफ स्पॉट (Gray Leaf Spot)
  • हेल्मिन्थोस्पोरियम लीफ स्पॉट (Helminthosporium Leaf Spot)
  • स्मट रोग (smut fungus disease)
  • स्टीवर्ट विल्ट (Stewart’s wilt)।

मक्के के इन रोगों का सही समय पर उपचार न किये जाने पर ये मक्के की उपज को कम कर सकते हैं अथवा इनके प्रभाव से पौधे पूरी तरह ख़राब हो सकते हैं। इन रोगों के उपचार के लिए समय पर उचित दवा का छिड़काव करें।

(और पढ़ें: पौधों को मरने से कैसे बचाएं…)

मक्के की कटाई कब करें – When to harvest corn in Hindi

कॉर्न सीड्स को अंकुरित होने में 7 से 14 दिन का समय लगता है। 12-15 दिन के बाद ये पौधे 5-7 इंच के हो जाते हैं। समय पर खाद देने से इनकी ग्रोथ काफी अच्छी हो जाती है। मक्का के पौधे 3 से 4 महीने में कटाई (हार्वेस्टिंग) के लिए तैयार हो जाता है।

मक्के के पौधे की देखभाल कैसे करें – How to care for corn plant in Hindi

मक्के के पौधे की उचित देखभाल करने से पौधे समय पर कटाई (हार्वेस्टिंग) के लिए तैयार हो जाते हैं। तथा पौधों पर फल भी अच्छी तरह विकसित हो जाते हैं। मक्के को बीज से उगाना बेहद ही आसान है केवल इसकी सही देखभाल से हमें अच्छे किस्म के मक्के प्राप्त हो सकते हैं। मक्के की देखभाल के लिए निम्न बातों का रखें विशेष ध्यान:

  • अच्छी किस्म के बीज लगाएं।
  • बीज को उचित गहराई पर लगाएं।
  • उचित मिट्टी व पर्याप्त तापमान वाली जगह का चुनाव करें।
  • मिट्टी को सूखने न दें, नमी बनाएँ रखें।
  • ओवर वाटरिंग से जड़ें सड़ सकती हैं, अतः अधिक पानी देने से बचें।
  • खरपतवार को तुरंत ही हटा दें।
  • रोग ग्रस्त पाए जाने पर सही उपचार करें।

(और पढ़ें: आउटडोर प्लांट्स की देखभाल कैसे करें…)

निष्कर्ष – Conclusion

इस लेख में हमने जाना कि घर के गार्डन में मक्का का बीज कैसे उगाएं। मक्का लगाने के कितने दिन बाद यह हमें हार्वेस्टिंग के लिए तैयार मिलेगा। साथ ही यह भी जाना कि मक्के की देखभाल कैसे करें। आशा है हमारी यह जानकारी आपके लिए उपयोगी है।   

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