Growing Flowering Plants in Poor Soil: एक बगीचे को हमेशा ही हरा-भरा व खिले हुए फूलों से सुंदर बनाये रखना काफी मुश्किल होता है। समय पर पानी देना, मिट्टी में उसके पोषक तत्वों को बनाए रखना, पेड़-पौधों की कटिंग करना, ऐसे कई सारे कारक हैं। गार्डन को आकर्षक बनाये रखने के लिए मिट्टी काफी अहम होती है। एक समय के बाद इसके पोषक तत्व में कमी आने लगती है, जिसका प्रभाव पेड़-पौधों पर भी साफ झलकता है।
हालंकि कुछ पेड़-पौधे ऐसे होते हैं जो कम पोषक तत्व या कहें कि ख़राब मिट्टी पनप जाते हैं। यदि हम गार्डनिंग करते हैं, तो हमें यह भलीभांति पता होना चाहिए कि मृदा की खराब अवस्था क्या है और कौन-कौन से फूल देने वाले पौधे मिट्टी की इस अवस्था ले साथ फल-फूल सकते हैं। आपको थोड़ी बागवानी की समझ होनी चाहिए। आपको ख़ास रणनीति बनानी होगी साथ ही कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ेगा। इस ब्लॉग पोस्ट में हम बताएँगे कि खराब मिट्टी में फूल वाले पौधे कैसे उगा सकते हैं और इसमें आने वाली चुनौतियाँ और उनके समाधान के बारे में बात करेंगे, जिससे कि आप हमेशा अपने गार्डन को स्वर्ग की तरह बनाए रख सकते हैं।
खराब मिट्टी को समझें
सबसे पहले आपको समझना होगा कि खराब मिट्टी क्या होती है। जिन मिट्टियों में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी, अपर्याप्त जल निकासी और पीएच लेवल कम होता है। मिट्टी की इन स्थितियों की वजह से पौधों का विकास सही तरीके से नहीं हो पाता। साथ ही फूल खिलने में भी कमी आ जाती है। लेकिन सही योजना व ऑर्गेनिक खाद की मदद से फूलों वाले पौधों के लिए खराब मिट्टी को उपजाऊ बनाया जा सकता है।
फूलों के पौधे उगाने के लिए खराब मिट्टी को कैसे सुधारें- How to improve Poor soil for growing flower plants in Hindi
लचीले पौधे का करें चयन- Choose a flexible plant in Hindi
प्रकृति में कई ऐसे फूल वाले पौधे हैं, जो कम पोषक तत्वों के साथ भी अच्छी तरह पनप जाते हैं। आपको गार्डन के लिए ऐसे ही पौधों का चयन करना है। उन प्रजातियों का चयन करें जो अपने लचीलेपन और अनुकूलन क्षमता के लिए पहचानी जाती हैं। गेंदा, झिननिया और सूरजमुखी ऐसे फूलों के पौधे हैं, जो कम पोषक तत्वों वाली मिट्टी में भी पनपने में सक्षम हैं। इन पौधों को अपने गार्डन में स्थान दें, जिससे की आपका गार्डन या बागीचा हमेशा सुंदर दिखाई देगा।
ऑर्गेनिक पदार्थों से मिट्टी को सुधारने की कोशिश करें- Try to improve the soil with organic matter in Hindi
फूलों वाले पौधों के लिए अनुकूल वातावरण बनाना सबसे महत्वपूर्ण है। इसके लिए सबसे जरूरी कदम है कि आप निरंतर मिट्टी में बदलाव करने की कोशिश करते रहें। गार्डन की मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ जैसे ऑर्गेनिक कम्पोस्, वर्मीकम्पोस्ट, कोकोपीट, बोनमील, पर्लाईट व गोबर की खाद या अच्छी तरह सड़ी हुई खाद शामिल करें। ऐसा करने से मिट्टी में पोषक तत्वों की वृद्धि होगी। साथ ही मिट्टी की संरचना और जल निकास में भी सुधार होगा। आज कल बाज़ार में आपको अच्छी ऑर्गेनिक खाद मिल जाएगी। आप इसे ऑनलाइन वेबसाइट से भी खरीद सकते हैं।
मिट्टी को उचित मात्रा में पौषक तत्व प्रदान करें- Provide proper amount of nutrients to the soil in Hindi
ख़राब मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी होती है, जिसे कुछ हद तक योजना बनाकर सुधारा जा सकता है। मिट्टी में लम्बी अवधि तक पोषक तत्वों को स्थिर बनाए रखने के लिए धीमी गति से निकलने वाले उर्वरकों का उपयोग करें। मिट्टी में अत्यधिक उर्वरक ना डालें, क्योंकि इससे पोषक तत्वों का संतुलन बिगड जायेगा, जो कि आपके पौधों पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा। आपको कितनी और कौनसी खाद का इस्तेमाल करना चाहिए यह जानकारी आप अपने नजदीकी कृषि विभाग से भी हासिल कर सकते हैं।
जल निकासी में सुधार करें- improve drainage
मिट्टी की गुणवत्ता में जल निकासी भी अहम होती है। खराब मिट्टी व निम्न स्तर की मिट्टी में अक्सर यह सम्स्या देखने को मिलती है। यदि मिट्टी की निकासी अच्छी नहीं होगी तो आपको जलभराव की स्थिति का सामना करना पड़ेगा। इससे पौधों की जड़ों को नुकसान पहुंचेगा। ऐसे में आपको जल निकास में वृद्धि होगी। इस समस्या को सुलझाने के लिए आप मिट्टी में पर्लाइट या मोटे रेत जैसी सामग्री को मिलाएं। इससे आसानी से जल निकास होगा। पौधों की जडें कमजोर होती हैं, यदि ज्यादा जल भराव होता है तो इनके सड़ने का भी खतरा बढ़ जाता है। ऐसा बारिश व सर्दी में अधिक होता है।
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मिट्टी पीएच स्तर का परीक्षण करें- Test soil pH level in Hindi
मिट्टी का पीएच स्तर भी पौधों के लिए महत्वपूर्ण होता है। समय-समय पर आप अपनी मिट्टी के पीएच की माप करते रहे। पेड़-पौधों के लिए मिट्टी का जरूरी पीएच 6 से 7 होना चाहिए। यदि आप इसे बढ़ाने या कम करने के लिए कृषि चूने या सल्फर का उपयोग कर सकते हैं। अपने नजदीकी कृषि परिक्षण केंद्र पर जाकर आप मिट्टी का पीएच स्तर चैक करवा सकते हैं।
मिट्टी में नमी बरकरार रखें- keep soil moist in Hindi
खराब मिट्टी में नमी को बरकरार रखना चाहिए। आपको अपने फूल वाले पौधों के आसपास चारों ओर जैविक गीली घास की एक परत बिछानी होगी। इससे पौधों में नमी बनी रहेगी। अत्यधिक तापमान का प्रभाव भी नहीं दिखाई देगा। ध्यानपूर्वक खरपतवारों अलग करना होगा, जिससे की फूल वाले पौधों की गुणवत्ता पर असर ना पड़े। साथ ही आपको नियमित और सही मात्रा में पानी प्रदान करना होगा। पौधों की आवश्यकतानुसार पानी दें, ध्यान रहे कि पानी मिट्टी में समा जाए, इससे मिट्टी में नमी बनी रहेगी।
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मिट्टी का तापमान चेक करें- check soil temperature in Hindi
पौधों के लिए सही मिट्टी तापमान भी महत्वपूर्ण होता है। मिट्टी का तापमान ना तो ज्यादा कम होना चाहिए और ना ही ज्यादा अधिक। यदि मिट्टी का तापमान कम होता है तो पौधे की सभी प्रक्रिया धीमी गति से होती है। इसके विकास में काफी ज्यादा समय लग जाता है। वहीँ यदि मिट्टी का तापमान ज्यादा होता है तो रोगजनक और कीट तेजी के साथ प्रजनन करते हैं, जिस वजह से पौधे सूख जाते हैं। ऐसे में मिट्टी का आदर्श तापमान 18 से 24 सेलसियस निर्धारित किया गया है। फूलों के उच्चतम मिट्टी तापमान आमतौर पर 20-30 डिग्री सेल्सियस के बीच बताया गया है। वहीँ 15-25 डिग्री सेल्सियस के बीच का न्यूनतम तापमान फूलों के लिए उपयुक्त होता है।
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जब भी आप ख़राब मिट्टी से परेशान हैं तो अपके सामने इसे जुड़ी यह सभी चुनौतियाँ आ सकती हैं। आपको सावधानीपूर्वक व योजना बनाकर मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार संभव है। यह उपाय अपनाकर व मिट्टी की देखरेख कर आप फूलों के पौधों से एक सुंदर बगीचा विकसित कर सकते हैं। ध्यान रहे कि आप मिट्टी को अधिक उपजाऊ बनाने के चक्कर में केमिकल युक्त फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करने से बचें।