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Created By: Om Thakur

पेड़-पौधों में दीमक क्यों लगती है जाने कारण और उनके लक्षण !

दीमक पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचाने वाले सबसे हानिकारक कीटों में से एक माने जाते हैं। बरसात के बाद दीमक का प्रकोप तेजी से फैलता है, एक बार किसी पौधे पर इन हानिकारक कीटों का हमला हो जाने के बाद उस पौधे को बचाना कठिन हो जाता है।

दीमक पौधे की जड़ों से लेकर, तनों, पत्तियों सहित पौधों के अन्य भागों को भी संक्रमित कर पौधे को कमजोर व खोखला बनाती है, जिसके कारण पौधा मर भी सकता है। तो आईये जानते हैं पेड़-पौधों में दीमक लगने के कारण व उनके लक्षण !

पौधों में दीमक क्यों लगती है?

दीमक या टरमाईट नम वातावरण में रहना पसंद करती है तथा इसका प्रिय भोजन सेल्युलोज है जो इसे पौधों से प्राप्त होता है, जिसके कारण दीमक मिट्टी तथा पौधों पर लगती है, लेकिन बरसात के बाद इसका प्रकोप बढ़ जाता है।

पौधों में दीमक लगने के कारण

पेड़-पौधों में दीमक या टरमाईट लगने के निम्न कारण हो सकते हैं:

पौधों के आस-पास अत्याधिक नमी

मिट्टी में अच्छी तरह से तैयार न होने वाली (कच्ची) गोबर खाद का प्रयोग

गार्डन के आस-पास का पौधों की लकड़ी का मलबा या मिट्टी में दबी हुयी पौधे की पत्तियां

मिट्टी में पानी की कमी होना

पौधे तथा मिट्टी को पर्याप्त धूप न मिलना इत्यादि।

पौधों में दीमक लगने के लक्षण !

पौधों पर दीमक या टरमाईट लगने पर निम्न लक्षण दिखाई देते हैं:

अचानक से पत्तियों का मुरझाना

पौधे की ऊपरी शाखाओं का सूखना

पेड़ की टहनियों या शाखाओं पर मिट्टी की नलियाँ दिखाई देना

पॉटेड प्लांट्स में या ग्राउंड गार्डन में पेड़-पौधों के चारों ओर मिट्टी के छोटे-छोटे टीले

अचानक पौधे का सूखना या नष्ट हो जाना, इत्यादि।

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