www.organicbazar.net

 Om Thakur

सर्दियों में इन रंग-बिरंगे फूलों से महक उठेगा आपका गार्डन !

ठंड का समय एक ऐसा समय होता है, जब गार्डन के अधिकतर फ्लावर प्लांट्स फूल देना बंद कर देते हैं, इसका कारण यह है कि आपने, अपने गार्डन में जो फूल के पौधे उगाए हैं वह ठंड को सहन नहीं कर पा रहे हैं। तो हम आपको कुछ ऐसे फूलों के बारे में बतायेंगे, जिन्हें हल्की ठंड में उगाकर आप अपने गार्डन को विंटर में तरोताजा और खुशबूदार बना सकते हैं।

कॉर्नफ्लॉवर

कॉर्नफ्लॉवर, जिसे बैचलर बटन के नाम से भी जाना जाता है, इस पौधे के बीज को आप सीधे गमले की मिट्टी में 1 सेंटीमीटर या ½ इंच गहराई में लगा सकते हैं, इन्हें ट्रांसप्लांट करने की आवश्यकता नहीं होती है।

स्नैपड्रैगन फ्लावर

स्नैपड्रैगन या एंटीरहिनुम फूल के बीज लगाने की दो प्रमुख विधियाँ हैं डायरेक्ट या ट्रांसप्लांट। ट्रांसप्लांट विधि में ठंड के 8 से 10 सप्ताह पहले इनडोर सीडलिंग तैयार की जाती है, जब पौधे उचित लम्बाई के हो जाते हैं, तब उन्हें गार्डन की मिट्टी में ट्रांसप्लांट किया जाता है।

कैलेंडुला

कैलेंडुला, जिसे पॉट मैरीगोल्ड भी कहा जाता है, इस पौधे के बीजों को सीधे गमले या ग्रो बैग में उगाना काफी आसान है, लेकिन अधिक ठंड के समय आप घर के अन्दर इसकी सीडलिंग तैयार कर, जब पौधे 4-6 इंच लम्बाई के हो जाएँ, तब आप इन्हें गार्डन की मिट्टी में ट्रांसप्लांट कर सकते हैं।

नास्टर्टियम का फूल

नास्टर्टियम के बीजों को ट्रांसप्लांटिंग विधि से लगाना सबसे अच्छा होता हैं, इस विधि में आप बीज को छोटे ग्रो बैग में लगभग 1 इंच (2.5 सेमी) गहराई तथा 3 इंच की दूरी पर लगायें, जब पौधे 4-6 इंच लम्बाई वाले हो जाते हैं, तब आप इन्हें गार्डन की मिट्टी में ट्रांसप्लांट कर सकते हैं या फिर आप बीज को सीधे गमले में भी लगाकर उगा सकते हैं।

फॉक्सग्लोव

फॉक्सग्लोव एक द्विवार्षिक फूल का पौधा है। इस पौधे के बीज आप पूर्ण सूर्य प्रकाश और आंशिक छाया में सीधे पॉट या ग्रो बैग में लगा सकते हैं, इन्हें ट्रांसप्लांट करने की आवश्यकता नहीं होती है।

पॉपी (खसखस) फ्लावर

पॉपी फ्लावर प्लांट के बीज आप पूर्ण सूर्य के प्रकाश में सीधे पॉट या ग्रो बैग में लगायें। इस पौधे की जड़ें ट्रांसप्लांटिंग या रिपॉटिंग को पसंद नहीं करती हैं, इसलिए इन्हें ट्रांसप्लांट नहीं किया जाता है।

डेल्फीनियम फ्लावर

डेल्फीनियम, जिसे लार्कसपुर फूल भी कहा जाता है, इस फूल के पौधे को उगाने के दो तरीके हैं, बीज द्वारा तथा तने की कटिंग द्वारा। बीज द्वारा उगाने के लिए पॉट में बीज को ¼ इंच या 0.5 सेमी गहराई में लगाया जाता है।

स्वीट पी फ्लावर

स्वीट पी फ्लावर प्लांट के बीज को आप सीधे पॉट या गमले में बीजों को लगभग 1 सेंटीमीटर की गहराई तथा 6 इंच की दूरी पर लगाएं, इन्हें ट्रांसप्लांट करने की आवश्यकता नहीं होती है।

लोबेलिआ

लोबेलिआ के बीज को ट्रांसप्लांटिंग विधि से उगाया जाता है, इस विधि में बीजों से सीडलिंग तैयार करके जब पौधे 4-6 इंच के हो जाएं, तब आप इन्हें ट्रांसप्लांट कर सकते हैं या फिर आप नर्सरी से छोटा पौधा लाकर भी उगा सकते हैं।

रैननकुलस

रैननकुलस का पौधा उगाने की प्रमुख दो विधियां हैं, बल्व या कंद से तथा सीडलिंग ट्रांसप्लांट विधि द्व्रारा। ट्रांसप्लांटिंग विधि में पौधे की सीडलिंग तैयार करके कुछ समय बाद गार्डन की मिट्टी में ट्रांसप्लांट किया जाता हैं।