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Om Thakur

जानें अच्छे अंकुरण के लिए बीज बोने की उचित गहराई!

सही गहराई पर बीज बोने से अंकुरण दर में वृद्धि होती है तथा अंकुरण मजबूत और किसी भी परिस्थिति को सहन करने योग्य होते हैं। बीजों के आकार और प्रकार के आधार पर मिट्टी में बोये जाने की सटीक गहराई भिन्न होती है। 

यदि बीज को उचित गहराई पर नहीं बोया जाता है तो बीज ठीक तरह से अंकुरित नहीं हो पाते हैं तथा कुछ बीज नष्ट हो जाते हैं। इसलिए पौधे को ग्रो करने के लिए उनके सीड को उचित गहराई में बोना चाहिए, तो आईये जानते हैं अच्छे अंकुरण के लिए पौधों की उचित गहराई क्या होना चाहिए।

बीजों को उचित गहराई पर बोना क्यों आवश्यक है?

मिट्टी के संपर्क में बीजों को अंकुरित होने के लिए उचित मात्रा में पानी, गर्मी, ऑक्सीजन और कभी-कभी प्रकाश की आवश्यकता होती है और इन सभी आवश्यकताओं को रोपण गहराई प्रभावित कर सकती है। आपके द्वारा बीजों को बहुत गहराई पर या बहुत उथला बोना, आपके अंकुरण एवं मिट्टी से बाहर आने वाले अंकुर के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है।

रोपण गहराई क्या होनी चाहिए?

हालाँकि इस पर बहुत सारी राय है, कुछ सामान्य गार्डनिंग सलाहकार का मानना है कि किसी भी बीज को उसके व्यास के दोगुने से अधिक गहराई पर नहीं बोया जाना चाहिए। लेकिन कई छोटे बीजों के लिए 1/4 इंच (6mm) रोपण गहराई उनके आकार की अपेक्षा बहुत अधिक होती है। बीज बोने की गहराई मिट्टी की संरचना पर भी निर्भर करती है।

¼ इंच की गहराई में बोने वाले बीज

कुछ बीजों के रोपण की गहराई ¼ इंच होती है जैंसे- टमाटर, लेट्यूस, मिर्च, बैंगन, प्‍याज, फूलगोभी, ब्रोकली, पत्‍ता गोभी, शिमला मिर्च, पाक चोई, गाजर,केल, इत्यादि

½ इंच की गहराई में बोने वाले बीज

कुछ बीजों के रोपण की गहराई ½ इंच होती है जैंसे- धनिया, बैंगन, पालक, पाक चोई, गाजर, केल, जुकिनी, खीरा, खरबूजा, स्विस चार्ड, इत्यादि

1 इंच की गहराई में बोने वाले बीज

कुछ बीजों के रोपण की गहराई ½ इंच होती है जैंसे- चुकंदर, स्क्वैश, कददू, धनिया, मटर, बीन्स, मक्का, जुकिनी, इत्यादि

2  इंच की गहराई में बोने वाले बीज!

कुछ बीजों के रोपण की गहराई 2 इंच होती है जैंसे- मक्का (corn), बीन्स (beans), मटर (Peas) इत्यादि

3 से 4  इंच की गहराई में बोने वाले बीज!

कुछ बीजों के रोपण की गहराई 3-4 इंच होती है जैंसे- आलू (potato), शकरकंद (sweet potato), अदरक (ginger) , हल्दी (turmeric) इत्यादि !

बीज गहराई के लिए सामान्य दिशानिर्देश

यदि कुछ विशिष्ट बीजों को खरीदने के बाद अनुशंसित रोपण गहराई का पता नहीं चल पाता है, तो आप बीज बोने के लिए अगली स्लाइड में दिए गए दिशानिर्देश का पालन कर सकते हैं, जैसे:

बीज बोते समय ऊपर की मिट्टी को दबाएँ नही। मिट्टी नम और हवा युक्त होनी चाहिए लेकिन संकुचित (ठोस) नहीं होनी चाहिए।

सामान्य तौर पर, किसी भी प्रकार के बीजों को बीज के व्यास या चौड़ाई से दो गुना गहराई पर मिट्टी में बोया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि बीज लगभग 1/16 इंच मोटा है, तो इसे लगभग 1/8 इंच गहरा लगाया जाना चाहिए। बीन्स के बड़े बीज, जो कि लगभग 1/2 इंच या 1 सेंटीमीटर तक चौड़े हो सकते हैं, उनको 1 इंच या लगभग 2 सेंटीमीटर गहरा बोने की आवश्यकता होती है।

बहुत छोटे बीजों को बोने के लिए, उन्हें मिट्टी की सतह पर रखें और हो सके तो बहुत मिट्टी या वर्मीक्यूलाइट (vermiculite) से ढक दें।

मिट्टी से ढके जाने वाले बीज !

अधिकांश सब्जियों और फलों के बीजों को मिट्टी से ढकने की आवश्यकता होती है, अर्थात मिट्टी के अन्दर बोये जाते हैं। जैसें- ब्रोकोली, पत्तागोभी, फूलगोभी, चार्ड, टमाटर, पालक, मटर, बीन्स, खरबूजा, काली मिर्च, इत्यादि।

मिट्टी से न ढके जाने वाले बीज !

कुछ बीजों को अंकुरित होने के लिए धूप या सूर्य प्रकाश की आवश्यकता होती है। ऐसे बीजों को मिट्टी की सतह पर रखें और मिट्टी के साथ अच्छा संपर्क बनाने के लिए उन्हें धीरे से दबाएं एवं बीजों को मिट्टी से न ढंके। जैंसे: डिल, लेट्यूस, ऑर्नामेंटल पीपर, कोलियस, पेटुनिया, स्वीट, एलिस्सुम, एग्रेटम, क्लियोम इत्यादि।

अधिक गहराई पर बीज रोपण से उत्पन्न समस्या!

जब बीज को मिट्टी के अन्दर अधिक गहराई पर बोया जाता है, तो बीज को अंकुरित होने के लिए आवश्यक प्रकाश नहीं मिल पाता है। बहुत अधिक गहरे रोपण से होने वाली समस्याएँ:

कमजोर अंकुरण या कमजोर पौधे का निर्माण होना

सीमित अंकुरण या अंकुरण दर में कमी

बीज अंकुरित न होना या बीज नष्ट हो जाना

बीज अंकुरित होने में अधिक समय लेना

रोपण गहराई का बीज अंकुरण पर प्रभाव !

बीजों को बहुत गहराई पर लगाने से या तो वे अंकुरित नहीं हो पाएंगे, या फिर अंकुरित होने के बाद मिट्टी के नीचे रहेंगे और देर से निकलेंगे या मिट्टी से बाहर निकलने के बाद पौधा खराब तरीके से विकसित होगा। अतः बीज अंकुरण से उत्पन्न होने वाली समस्या को दूर करने के लिए बीज की रोपण गहराई ज्ञात न होने पर, बीजों को उनके व्यास के 2 गुना गहराई पर लगाएं।