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Om Thakur
पौधों को ट्रांसप्लांट करने के टिप्स !
इस प्रक्रिया में अक्सर आपने देखा होगा कि आपके द्वारा रोपित पौधे पनप नहीं पाते, ऐसा होने का मुख्य कारण ठीक से पौधे को प्रत्यारोपित न करना हो सकता है। इस स्टोरी में आप जानेंगे, कि पौधों की रोपाई या प्रत्यारोपण कैसे करें, तैयार की हुई सीडलिंग को ट्रांसप्लांट कैसे किया जाता है?
पौधों को ट्रांसप्लांट कब करें?
अनुकूल वातावरण न होने पर कुछ पौधों की सीडलिंग इनडोर तैयार की जाती है ताकि आवश्यक वातावरण हो जाने पर उनकी आउटडोर ट्रांसप्लांट की जा सके। गर्मी पसंद करने वाले पौधों को तब तक बाहर नहीं लगाना चाहिए, जब तक रात का तापमान 15°C से ज्यादा न हो जाए।
पौधे का प्रत्यारोपण कैसे करें?
जब बाहरी मौसम आपके द्वारा तैयार पौधे को ट्रांसप्लांट करने के लिए बेहतर हो गया हो, तब आप सीडलिंग को अपने गार्डन या गमले की मिट्टी में रोपें। इसके लिए आप अगली स्लाइड में दिए गए सीडलिंग ट्रांसप्लांट टिप्स फॉलो कर सकते हैं :
रोपाई से पहले अंकुर मजबूत करें– इनडोर सीडलिंग से तैयार किये हुए पौधों को अगर मजबूत किये बिना घर के बाहर गार्डन या गमले की मिट्टी में प्रत्यारोपित किया जाता है तो वे अचानक हुए इस बदलाव से मुरझा सकते हैं या मर सकते हैं, इसीलिए रोपण से लगभग 1-2 सप्ताह पहले पौधों को बाहरी स्थितियों के लिए तैयार किया जाना या सीडलिंग हार्डनिंग आवश्यक है,
पौधे लगाने वाले स्थान को तैयार करें– रोपण से पहले गार्डन फोर्क के उपयोग से मिट्टी को ढीला और हवादार करें। कल्टीवेटर 3 फिंगर, हैंड वीडर या किसी अन्य गार्डनिंग टूल्स के उपयोग से यदि खरपतवार है, तो उसे हटा दें। हैंड ट्रोवेल के उपयोग से खुदाई कर मिट्टी में जैविक खाद इत्यादि मिलाकर मिट्टी को उपजाऊ बनाए।
अंकुरित पौधे लगाने के लिए गड्ढा करें– अब गार्डन में तैयार किये गए स्थान या ग्रो बैग में किसी फावड़े या हैंड ट्रोवेल की मदद से सीडलिंग लगाने के लिए रूटबॉल से थोड़ा बड़ा और लगभग उतना ही गहरा गड्ढा बनाएं, ताकि पौधों को गड्ढे में अच्छी तरह से लगाया जा सके।
सीडलिंग ट्रे या पॉट से पौधे सावधानीपूर्वक निकालें– जब आप अपने नन्हे पौधों को लगाने के लिए नई जगह तैयार कर लें, तब सीडलिंग ट्रे या गमले में लगे हुए पौधों को सावधानीपूर्वक बाहर निकालें ताकि जड़ों को कोई नुकसान न हो, सीडलिंग आसानी से निकालने के लिए 1 दिन पहले पौधों को गहराई से पानी दें। पौधों को झटके से खींचकर निकालने पर जड़ें टूट सकती हैं, अतः पौधों को आराम से निकालें।
गार्डन की मिट्टी में अंकुरित पौधे लगाएं– सीडलिंग ट्रे में तैयार किये गए पौधों को गमले या ग्रो बैग के गड्ढे में लगभग इतनी गहराई पर लगाएं, ताकि उसकी जड़ें मिट्टी से अच्छी तरह ढक जाएं, लेकिन ध्यान रखें सीडलिंग के पत्ते मिट्टी की सतह को स्पर्श न करे। अब पौधों की जड़ों को चारों ओर से मिट्टी से ढककर हल्के से दबाएं ताकि पौधे मिट्टी में अच्छी तरह स्थापित हो जाएं।
ट्रांसप्लांट करने के बाद पौधों को दें पानी– गार्डन या गमले की मिट्टी में सीडलिंग लगाने के तुरंत बाद पौधों को धीमी गति से फब्बारे के रूप में पानी दें, ताकि आस-पास की मिट्टी नम हो जाये तथा पौधों को हवा या प्रत्यारोपण के झटके से बचाया जा सके, पौधों को पानी देने के लिए आप वॉटरिंग केन या स्प्रे पंप का इस्तेमाल कर सकते हैं।
अंकुरित पौधे लगाने के बाद उर्वरक दें–प्रत्यारोपण के कुछ दिनों बाद, प्रत्येक अंकुर को आवश्यकतानुसार उर्वरक दें, ताकि पौधों की मजबूत जड़ विकास को बढ़ावा मिल सके। इसके लिए आप उच्च फास्फोरस युक्त आर्गेनिक फर्टिलाइजर या 15-30-15 (NPK) उर्वरक के दो बड़े चम्मच को पानी में मिलाकर लिक्विड खाद के रूप में पौधों को दे सकते हैं।
तापमान नियंत्रित करें–अगर आपके आस-पास का मौसम या वातावरण विशेष रूप से शुष्क है, तो तापमान नियंत्रण के लिए पौधों के आस-पास मल्चिंग करें, ताकि नमीं बरकरार रहे और पौधों को मुरझाने या नष्ट होने से बचाया जा सके।
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सीडलिंग लगी हुई मिट्टी में नमी बनाए रखें।
पौधों को आंशिक छाया में रखना चाहिए।
पौधों को तेज हवाओं व गर्म वातावरण से बचाना चाहिए।
प्रत्यारोपण के बाद पौधे की देखभाल कैसे करें
सीडलिंग ट्रांसप्लांटेशन के बाद पौधे बहुत ही नाजुक स्थिति में होते हैं, इसीलिए लगभग 1 महीना तक पौधों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है, जैंसे
जलभराव से बचना चाहिए।
सीडलिंग लगी हुई मिट्टी में नमी बनाए रखें।
पौधों को तेज हवाओं व गर्म वातावरण से बचाना चाहिए।
पौधों को आंशिक छाया में रखना चाहिए।