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 Om Thakur

घर में उगायें किचन में उपयोग होने वाले ये मसाले के पौधे !

भारत को मसालों का देश कहा जाता है, जहाँ कोई भी व्यंजन मसालों के बिना अधूरा है। यदि आप तीखा, चटपटा और मसालेदार खाना पसंद करते हैं, तो मसाले वाले पौधे आपके किचन गार्डन या घर पर लगाने के लिए एक बेहतर विकल्प है। तो आईये जानते हैं भारत में लगाये जाने वाले स्पाइस पौधों के विषय में:

जीरा (Cumin)

जीरा भारत में उगाया जाने वाला सर्वश्रेठ मसाले का पौधा है, जिसका उपयोग अधिकतर व्यंजनों में किया जाता है। आमतौर पर जीरे के पौधे को को डायरेक्ट और प्रत्यारोपण दोनों विधियों से लगाया जा सकता है, लेकिन सर्वोत्तम परिणामों के लिए आप इसके बीज सीधे ग्रो बैग या गमले की मिट्टी में ¼ इंच गहराई में 3 से 4 बीजों को एक साथ लगा सकते हैं।

मेथी (Fenugreek)

मैथी के कड़वे बीज विटामिन और मिनरल से भरपूर होते हैं। इसका इस्तेमाल न सिर्फ भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है बल्कि, स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होता है। मैथी के बीजों को डायरेक्ट मेथड द्वारा गमले में लगाया जाता है। सब्जी के लिए पत्तियाँ 30 से 40 दिन में तथा मसलों के लिए बीज ९० से १२५ दिनों में हार्वेस्ट कर सकते हैं।

सरसों के बीज (Mustard Seeds)

यह भारत के सर्वश्रेठ मसाले में से एक है। भारतीय व्यंजनों में इनका उपयोग तड़का लगाने के लिए किया जाता है। सरसों के बीज को डायरेक्ट मेथड द्वारा लगाया जाता है, और इन्हें ट्रांसप्लांट करने की आवश्यकता नहीं होती है। आप इन्हें 110 से 140 दिनों में हार्वेस्ट कर सकते हैं।

हल्दी (Turmeric)

हल्दी, एक ऐसा मसाला है, जिसे खाने के स्वाद और रंग को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। इसको आप डायरेक्ट मेथड से 15x15 इंच के ग्रो बैग में आसानी से ग्रो कर सकते हैं। हल्दी को आप 8 से 10 महीने में हार्वेस्ट कर सकते हैं।

काली मिर्च (Black Pepper)

काली मिर्च, चटपटे और तीखे स्वाद के लिए बहुत ही प्रसिद्ध मसाला है। यह न केवल स्वाद बढ़ाने के लिए, बल्कि हर्ब के रूप में भी उपयोग की जाती है। इसको आप डायरेक्ट मेथड से 18x15 इंच के ग्रो बैग में आसानी से ग्रो कर सकते हैं एवं इसका हार्वेस्टिंग टाइम 7 से 8 महीने का होता है।

दालचीनी (Cinnamon)

गरम मसालों में उपयोग की जाने वाली दालचीनी का स्वाद हल्का मीठा होता है। दालचीनी के पौधे को बीज द्वारा या फिर नर्सरी से पौधा लाकर 24x24 इंच के ग्रो बैग में सरलता से लगाया जाता है। इसकी हार्वेस्टिंग में 2 से 3 साल या इससे अधिक समय भी लग सकता है।

लौंग (Clove)

तीक्ष्ण स्वाद वाली लौंग का उपयोग अक्सर मसाले के तौर पर किया जाता है। स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद इस पौधे को बीज द्वारा, ट्रांसप्लांट मेथड द्वारा या फिर नर्सरी से पौधा लाकर 18x२४ इंच के ग्रो बेग में आसानी से लगाया जा सकता है। इसका हार्वेस्टिंग टाइम 6 से 8 साल का होता है।

सौंफ (Fennel)

सौंफ के हरे रंग के बीजों का उपयोग मसाले के रूप में तो किया ही जाता है, साथ ही इसे माउथ फ्रेशनर के रूप में भी खाया जाता है। स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद इस पौधे को डायरेक्ट सीड सोइंग मेथड और रूट डिवीज़न मेथड से 12x15 इंच के ग्रो बेग में आसानी से लगाया जा सकता है। इसका हार्वेस्टिंग टाइम बल्व (जड़) से 12-14 सप्ताह तथा बीज से 185-190 दिन का होता है।

जायफल (Nutmeg)

भारतीय व्यंजनों में मसाले के रूप से उपयोग किए जाने वाले जायफल में कई औषधीय गुण पाये जाते हैं। जायफल के पौधे को डायरेक्ट सीड सोइंग मेथड और ग्राफ्टिंग मेथड से 18x15 इंच के ग्रो बेग में उगाया जा सकता है। इसका हार्वेस्टिंग टाइम ग्राफ्टिंग से 4-6 साल तथा बीज से 5-8 साल का होता है।

तेजपत्ता (Bay Leaves)

तेज पत्ता के ताज़ा या सूखे पत्तों को उनके विशिष्ट स्वाद और खुशबू के लिए खाद्य व्यंजनों में तड़का लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। तेज पत्ते के पौधे को डायरेक्ट सीड सोइंग मेथड और एयर लेयरिंग मेथड से 18x24 इंच के ग्रो बैग में लगाया जाता है। इसका हार्वेस्टिंग टाइम लगभग 2 साल का होता है।

तिल के बीज (Sesame)

भारतीय व्यंजनों को स्वादिष्ट बनाने के लिए तिल के बीजों का मसाले के तौर पर उपयोग किया जाता है। इस पौधे को ट्रांसप्लांटिंग मेथड के द्वारा 12x१5 इंच के ग्रो बेग में आसानी से लगाया जा सकता है। इसका हार्वेस्टिंग टाइम 3 से 5 महीने का होता है।