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Om Thakur
पौधों को पानी देते समय न करें ये 7 गलतियां !
क्या आपके पौधे सूखे व बेजान नजर आते हैं? यदि हाँ, तो यह पौधों में सही तरीके से पानी न देने का नतीजा हो सकता है। पानी, पौधों की बेहतर ग्रोथ के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है। यह पौधे को हरा-भरा तथा स्वस्थ रखने के लिए महत्वपूर्ण होता है।
लेकिन प्लांट्स को पानी देते समय इस बात का भी ध्यान रखना होता है, कि उसे पानी सही तरीके से दिया जा रहा है या नहीं। पौधों को पानी देना सबसे आसान लग सकता है लेकिन यह बहुत ही सावधानीपूर्वक किया जाने वाला काम है। तो आइये जानते हैं वो 7 गलतियाँ जो पानी देते समय हमें नहीं करना चाहिए।
अंडरवाटरिंग
पौधों को स्वस्थ रखने व उनकी जरूरतों के अनुसार पर्याप्त मात्रा में पानी न मिलने या कम पानी मिलने की स्थिति को अंडरवाटरिंग कहते हैं। इसमें पौधे को उथला या कम पानी देने पर मिट्टी बार-बार सूख जाती है, जिसके कारण पानी जड़ों तक नहीं पहुँच पाता और पौधों को मिट्टी में मौजूद पोषक तत्व भी नहीं मिल पाते।
अंडरवाटरिंग के लक्षण !
पत्तियों का मुरझाना
पत्तियों का गिरना
पौधे की वृद्धि रुकना
मिट्टी का बार-बार सूखना
पत्तों का रंग फीका होना इत्यादि।
उपाय- इस नुकसान से पौधों को बचाने के लिए पौधों को बार-बार पानी देने की बजाय गहराई से पानी दिया जाना चाहिए, ताकि पानी पौधों की जड़ों तक पहुंच जाये और पौधों को आवश्यक पानी व पोषक तत्व प्राप्त हो सके।
ओवर वाटरिंग (Over Watering)
कई बार पौधों को स्वस्थ व हरा-भरा रखने की चाह में हम पौधों को उनकी जरूरत से ज्यादा पानी दे देते हैं, अधिक पानी की इस स्थिति को ओवरवाटरिंग कहते हैं और जाने-अनजाने में की गई हमारी यह गलती पेड़-पौधों को काफी नुकसान पहुंचाती है।
ओवरवाटरिंग के लक्षण!
पौधे की जड़ें सड़ जाती हैं, फलस्वरूप पौधा सूखने या मुरझाने लगता है।
पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं।
पौधे में फफूंदी रोग व कीट लगने लगते हैं।
पत्तियों में ब्राउन रंग के किनारे व धब्बे दिखाई देते हैं।
उपाय- पौधों को स्वस्थ व हरा-भरा बनाए रखने के लिए तथा ओवरवाटरिंग से बचाने के लिए उनकी आवश्यकता के अनुसार ही पानी देना चाहिए।
पौधों को समय पर पानी न देना!
गमले की मिट्टी में लगे हुए पौधों को उनकी जरूरत के अनुसार व सही समय पर पानी न देने से पौधे तनाव में आ सकते हैं, जिसके कारण उन्हें काफी नुकसान भी होता है, फलस्वरूप आपके पौधे मर भी सकते हैं, इस नुकसान से पौधों को बचाने के लिए उचित समय पर पानी देना चाहिए।
पानी देते समय नमी चेक न करना!
प्रत्येक पौधे के लिए पानी की आवश्यकताएं अलग-अलग होती हैं, लेकिन सभी पौधों को एकसमान रूप से पानी देने पर गमले में लगे पौधे खराब हो सकते हैं हैं। इसलिए पानी देते समय हाथ की उंगली की मदद से 1-2 इंच गहराई तक मिट्टी की नमी चेक करें, अगर मिट्टी सूखी है तब ही पौधों में पानी डालें अन्यथा कुछ समय के लिए रुक जाएं, बाद में अपने पौधों को पानी दें।
पानी देते समय पत्तियों को गीला करना
पौधे अपनी जड़ों से नमी प्राप्त करते हैं न कि पत्तियों से, इसीलिए पौधों में पानी डालते समय पत्तियों को गीला करने से बचना चाहिए, क्योंकि गीली पत्तियां कुछ पौधों में फफूंदी रोग को फैलाने का कारण बन सकता है, इस नुकसान से पौधों को बचाने के लिए सीधा पौधों की जड़ों पर पानी डालें, ताकि पत्तियां गीली न हों।
ड्रेनेज होल की कमी !
गमले के तल में ड्रेनेज होल या जल निकासी छिद्र की कमी के कारण, आपके द्वारा पौधों को दिया गया अतिरिक्त पानी बाहर नहीं निकल पाता, जिससे मिट्टी में जलभराव की अधिक सम्भावना हो जाती है और पानी की अधिकता के कारण पौधे की जड़ें सड़ने लगती हैं, फलस्वरूप पौधा मर सकता है। इसीलिए गमले में ड्रेनेज होल का होना सुनिश्चित करें।
सही तरीके से पानी न देना!
पौधों को ऊपर से या तेज धार से पानी देने पर गमले की मिट्टी बह जाती है तथा पौधे की जड़ें भी दिखाई देने लगती हैं, जिससे आपके पौधे को काफी नुकसान होता है। इसके अतिरिक्त अगर पानी देते समय पत्तियों पर मिट्टी के छींटे पड़ते हैं, तो यह पौधे में कई रोग व बीमारियों को फैला सकता है, इसीलिए पौधों को एक समान व धीमी गति से पानी देना उचित होता है।