Seeds germination in Hindi: अंकुरण (Germination) बीज से पौधा बनने का सबसे महत्वपूर्ण चरण होता है। लेकिन अक्सर हम देखते हैं कि सभी बीज सही तरीके से अंकुरित नहीं हो पाते। कई बार तो मौसम में अचानक बदलाव भी बीज के जर्मिनेशन (seeds germination) पर बुरा असर डालता है। बीजों के सही तरीके से अंकुरित (sprouted) न होने से न केवल समय और मेहनत का नुकसान होता है, बल्कि निराशी भी खूब होती है। इसलिए यह जानना बेहद जरूरी है कि किन-किन कारणों से बीज अंकुरण में बाधा आती है और समय रहते किन सावधानियों से बीज अंकुरित ना होने की इस समस्या से बचा जा सकता है। इस आर्टिकल में हम आपको सीड जर्मिनेशन न होने के 15 कारण के बारे में बताएंगे।
बीज न उगने के कारण – Reasons for seeds not germinating in Hindi
अगर आपके बीज बार-बार फेल हो रहे हैं तो हो सकता है आप कर रहे हों ये आम गलतियाँ।
👉 जानिए बीज न उगने के 15 मुख्य कारण और उनके समाधान इस लेख में। 👇
सीड की क्वालिटी खराब होना – Poor quality of seeds in Hindi
बीज का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। पुराने, फफूंदी लगे या संक्रमित बीजों में अंकुरण क्षमता कम हो जाती है। यदि बीज का भंडारण गलत तरीके से हुआ हो, जैसे ज्यादा नमी या गर्मी में रखा गया हो, तो उसके अंदर जीवन शक्ति घट जाती है। खराब बीज बोने से न तो पौधा निकलता है और न ही सही विकास होता है। इसलिए हमेशा प्रमाणित स्रोत से ताजा और अच्छे किस्म के बीज खरीदें।
बीज का बहुत पुराना होना – Seeds being too old in Hindi
अधिक समय तक रखे बीजों की अंकुरण क्षमता धीरे-धीरे घटती जाती है। यदि बीज दो-तीन सालों से पुराने हैं, तो उनमें से अधिकांश अंकुरित नहीं होते। अलग-अलग पौधों के बीजों की जीवन अवधि अलग होती है, जिसे ध्यान में रखना चाहिए। यदि बीज पुराने हैं, तो पहले एक छोटी सी परीक्षण विधि जैसे पानी में भिगोकर देखने से उनकी एक्टिवनेस जांची सकती है।
अधिक या कम नमी – Excessive or insufficient moisture in Hindi
अंकुरण के लिए नमी का सही संतुलन जरूरी है। अगर मिट्टी में नमी बहुत कम होगी तो बीज सूख जाएगा और अंकुरण नहीं हो पाएगा। पानी का सही मात्रा में उपयोग बीज को सक्रिय बनाता है और उसे अंकुरण के लिए जरूरी ऊर्जा प्रदान करता है। बीज बोने के बाद मिट्टी को नम बनाए रखना चाहिए, लेकिन पानी जमा न होने दें।
खराब तापमान के कारण बीजों का न उगना – Improper temperature in Hindi
बीजों के अंकुरण के लिए सही तापमान का होना जरूरी है। बहुत ठंडा मौसम बीज को निष्क्रिय बना सकता है, जबकि अधिक गर्मी बीज को नुकसान पहुँचा सकती है। प्रत्येक पौधे के बीज को एक सही तापमान की जरूरत होती है, जिसमें वे सबसे अच्छा अंकुरण करते हैं।
मिट्टी की खराब गुणवत्ता के कारण बीज का अंकुरित न होना- Poor quality of soil in Hindi
यदि मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी है, मिट्टी बहुत कठोर है, अधिक अम्लीय या क्षारीय है, तो बीज अंकुरित नहीं हो पाएंगे। मिट्टी में सही नमी बनाए रखने, जड़ को फैलने देने और पोषक तत्व उपलब्ध कराने की क्षमता होनी चाहिए। बीज बोने से पहले मिट्टी को अच्छी तरह भुरभुरी करें, जरूरत हो तो जैविक खाद मिलाएं।
बीज को बहुत गहराई में बोना – Planting seeds too deep in Hindi
बीज को सही गहराई पर बोना या लगाना बहुत जरूरी है। यदि बीज बहुत गहराई में बोया जाएगा तो वह सतह तक पहुँचने में कठिनाई महसूस करेगा और अंकुरित नहीं हो पाएगा। बीज का आकार इस बात को तय करता है कि उसे कितनी गहराई पर बोना चाहिए। सामान्यतः बीज के आकार से 2 से 3 गुना गहराई बेहतर होती है।
बीजों का सही तरह से भिगोकर न लगाना – Not soaking the seeds properly before planting in Hindi
कुछ बीजों की बाहरी परत इतनी कठोर होती है कि सीधे बोने पर अंकुरण कठिन हो जाता है। ऐसे बीजों को बोने से पहले कुछ घंटे या रातभर पानी में भिगोने की जरूरत होती है। इससे बीज की बाहरी परत नरम हो जाती है और बीज आसानी से पानी अवशोषित कर सक्रिय हो जाता है।
गलत समय पर बीज बोना या लगाना – Planting seeds at the wrong time in Hindi
हर बीज को बोने या लगाने का एक सही समय होता है। यदि मौसम का ध्यान न रखते हुए बीज बो दिए जाएं तो अंकुरण की संभावना कम हो जाती है। उदाहरण के लिए, गर्मी के मौसम के बीज ठंड में बोने से वे निष्क्रिय रह सकते हैं। इसी तरह बारिश में अधिक नमी के कारण बीज सड़ भी सकते हैं।
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बीजों का संक्रमण या रोगग्रस्त होना – Seeds being infected or diseased in Hindi
कई बार बीजों में पहले से ही फफूंद, बैक्टीरिया या वायरस का संक्रमण होता है। ऐसे बीज अंकुरित नहीं हो पाते या फिर अंकुरण के बाद कमजोर पौधे बनते हैं। संक्रमण से बचने के लिए बीजों का ट्रीटमेंट किया जाता है, जैसे नीम के घोल में भिगोना या फफूंदनाशी दवा से ट्रीट करना।
मिट्टी में संक्रमण होने के कारण बीज का अंकुरित न होना – Contamination in the soil in Hindi
यदि मिट्टी में फफूंद, हानिकारक बैक्टीरिया या अन्य रोगजनक जीवाणु मौजूद हों, तो वे अंकुरण प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं। संक्रमित मिट्टी में बीज सड़ सकते हैं या बीज फफूंदी पकड़ सकते हैं। मिट्टी को बीज बोने से पहले अच्छी तरह धूप में सुखाना, जैविक उपचार करना या पुराने संक्रमित मिट्टी का न उपयोग करना सुरक्षित उपाय हैं।
हवा या ऑक्सीजन की कमी के कारण बीज का न उगना – Lack of air or oxygen in Hindi
बीजों को अंकुरण के लिए केवल पानी और तापमान ही नहीं, बल्कि पर्याप्त ऑक्सीजन भी चाहिए होती है। यदि मिट्टी बहुत सख्त है या पानी जमा हो गया है, तो उसमें हवा का प्रवाह रुक जाता है और बीज “दम घुटने” जैसी स्थिति में आ जाता है। नतीजतन बीज मर सकता है।
अधिक खाद या रसायनों का प्रयोग – Excessive use of fertilizers or chemicals in Hindi
बीज बोते समय अधिक उर्वरक या रसायनों का प्रयोग करना नुकसानदायक हो सकता है। अधिक मात्रा में खाद मिट्टी में लवणता (salinity) बढ़ा देती है, जिससे बीज सूख सकते हैं या उनका अंकुरण रुक सकता है।
अधिक या कम प्रकाश – Excessive or insufficient light in Hindi
कुछ बीजों को अंकुरण के लिए हल्की रोशनी चाहिए, जबकि कुछ बीज अंधेरे में ही अच्छे से अंकुरित होते हैं। यदि सही प्रकाश व्यवस्था का ध्यान न रखा जाए, तो बीज का अंकुरण प्रभावित हो सकता है।
जानवरों या कीड़ों द्वारा बीज नष्ट होना – Seeds being destroyed by animals or insects in Hindi
कई बार बीज बोने के बाद वे चूहों, पक्षियों या कीड़ों द्वारा खा लिए जाते हैं या नष्ट कर दिए जाते हैं। इससे अंकुरण रुक जाता है। बीजों को सुरक्षित रखने के लिए खेत या बाग की अच्छे से घेराबंदी करना, बीजों को ढककर रखना और प्राकृतिक प्रतिरक्षा उपाय अपनाना जरूरी होता है।
बीज का प्राकृतिक निष्क्रिय होना – Natural dormancy of seeds in Hindi
कुछ बीज प्राकृतिक रूप से निष्क्रिय अवस्था में होते हैं और सामान्य स्थितियों में भी तुरंत अंकुरित नहीं होते। ऐसे बीजों को “डॉर्मेंट” कहा जाता है। इन्हें अंकुरित करने के लिए विशेष प्रक्रिया अपनानी पड़ती है, जैसे स्कारिफिकेशन (बीज की बाहरी परत को खुरचना) या स्ट्रेटिफिकेशन (ठंडे वातावरण में रखना)।
बीज कितने दिनों में अंकुरित होते हैं – In how many days do seeds germinate in Hindi
अधिकांश बीज 3 से 14 दिनों के भीतर अंकुरित हो जाते हैं, लेकिन यह समय बीज की प्रजाति, गुणवत्ता और बोने की परिस्थितियों पर निर्भर करता है। कुछ बीज, जैसे मूली या पालक, 3–5 दिनों में अंकुरित हो जाते हैं, जबकि टमाटर या मिर्च के बीजों को 10–14 दिन भी लग सकते हैं। तापमान, नमी और मिट्टी की स्थिति अगर अनुकूल हो, तो अंकुरण जल्दी होता है। सही देखभाल से बीजों का अंकुरण समय पर और अच्छा होता है।
नोट – कुछ बीजों को उगने में 20-28 दिन तक का समय लग सकता है इसलिए आपको 28 दिन तक बीजों के उगने का इंतजार करना चाहिए।
बीज अंकुरण के लिए सबसे अधिक आवश्यक क्या है – What is most essential for seed germination in Hindi
बीज अंकुरण के लिए सबसे महत्वपूर्ण तत्व हैं नमी, तापमान और ऑक्सीजन। नमी के बिना बीज में जीवन शक्ति नहीं आती है और अधिक नमी से सड़न भी हो सकती है। उचित तापमान, जो आमतौर पर 20–30°C होता है, बीजों के सक्रिय होने के लिए जरूरी है। इसके साथ ही, मिट्टी में ऑक्सीजन का सही प्रवाह होना चाहिए, ताकि बीज की कोशिकाएँ सही तरीके से कार्य कर सकें।
निष्कर्ष:
बीज अंकुरण एक संवेदनशील प्रक्रिया है, जो छोटे-छोटे कारकों पर निर्भर करती है। कभी बीज की गुणवत्ता खराब होती है, तो कभी नमी, तापमान, मिट्टी या बोने के तरीके में गलती के कारण अंकुरण रुक जाता है। ऊपर दिए गए बातों का ध्यान रखें और सीड जर्मिनेशन के लिए जरुरी वातावरण तैयार करें तो हमारे बीज बहुत आसानी से अंकुरित हो सकते हैँ।