जानें मानसून के दौरान पौधों को फलने-फूलने के लिए कब और कौन सा खाद दे!

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होम गार्डनिंग का शौक रखने वालों को अपने पौधों का बेहद ही बारीकी के साथ ध्यान रखना होता है। सर्दी, गर्मी व मानसून के अनुरूप पौधों को जरूरी पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इस कारण हमें मौसम के अनुसार खाद का भी चयन करना चाहिए। 

इस खाद का इस्तेमाल मानसून के दौरान सभी प्रकार के पौधों पर किया जा सकता। ऑनलाइन या फिर लोकल मार्केट से जिप्सम (Gypsum) को खरीद कर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

जिप्सम खाद:

मानसून के दौरान वर्मी कंपोस्ट का इस्तेमाल करना भी पौधों के लिए बेहद लाभकारी होता है। इसमें फास्फोरस, नाइट्रोजन, पोटैशियम की मात्रा अच्छी होती है, जो की पौधों को वृद्धि करने में मदद करती है।

वर्मी कंपोस्ट खाद

गोबर का खाद (Cow Dung) भी मानसून में पौधों की वृद्धि के लिए लाभदायक होता है। इसमें फास्फोरस, नाइट्रोजन, पोटेशियम जैसे कई पोषक तत्व होते हैं, जिससे पौधों की वृद्धि तेजी से होती है।

गोबर का खाद

बोन मील का इस्तेमाल भी मानसून में किया जा सकता है। इसके उपयोग से पौधों की जड़ों को मजबूती मिलती है और बीज का अंकुरण भी तेजी से होता है।

बोन मील खाद

बारिश के मौसम में अधिक पानी की वजह से पौधों की जड़ों में फंगस लगने का डर रहता है। ऐसे में आप मिट्टी में नीम की खली का इस्तेमाल करें, जिससे कि मानसून में पौधे फंगस लगने से खराब ना हो पाए।

नीम खली खाद

तेज बारिश के समय खाद देने से बचना चाहिए, क्यूंकि गमले की मिट्टी बहने से पौधों में पोषक तत्वों की कमी आ जाती है। ऐसे में आपको मानसून में बारिश आने से पहले ही पौधों को खाद देना चाहिए।

पौधों को खाद कब देनी चाहिए

हर सीजन में आपको पौधे को एक निश्चित मात्रा में ही खाद देनी चाहिए। मानसून में भी आप उचित मात्रा में ही खाद देवें। ज्यादा खाद के इस्तेमाल से पौधों को नुकसान पहुंचता है।

कितनी खाद देनी चाहिए