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Om Thakur
होम गार्डन में ऐसें लगाये ड्रिप इरीगेशन सिस्टम और करें जल संरक्षण !
आप अपने होम गार्डन में लगे हुए पौधों को नियमित रूप से और कम समय में सभी पौधों को एक समान रूप से पानी ऐना चाहते हैं, तो अपने होम गार्डन में टपक या ड्रिप सिंचाई सिस्टम या ड्रिप इरिगेशन सिस्टम का उपयोग कर सकते हैं।
गार्डनिंग में ड्रिप सिंचाई का उपयोग करके हम न केवल पौधों को उचित मात्रा और सही समय पर पानी दे सकते हैं, बल्कि जल को संरक्षित कर बर्बाद होने से बचा भी सकते हैं। तो आईये जानते हैं ड्रिप इरीगेशन के विषय में-
ड्रिप इरिगेशन क्या है?
ड्रिप सिंचाई में गार्डन के सभी पेड़-पौधों को एक साथ धीमी गति से बूंद-बूंद करके पानी दिया जाता है। सर्वप्रथम इस विधि का अविष्कार इजराइल में हुआ था। इस विधि के द्वारा जल का व्यय बहुत ही कम हो जाता है, जिससे भूमि रिसाव एवं वाष्पन से जल की हानि बहुत ही कम हो जाती है।
ड्रिप सिंचाई में प्रयुक्त उपकरण!
ड्रिप सिंचाई स्थापित करने के लिए ड्रिप इरिगेशन किट के साथ आने वाली सामग्री निम्न हैं:
मुख्य सप्लाई पाइप लाइन
फीडर पाइप लाइन
ड्रिप एमिटर्स
टी कनेक्टर
पिन कनेक्टर्स
नल के साथ मुख्य सप्लाई कनेक्टर
एमिटर स्टेक्स
सीधे कनेक्टर
डमी
ड्रिप होल पंच
एल्बो कनेक्टर
एंड कैप
ड्रिप इरिगेशन सिस्टम कैसे लगाएं?
गार्डन की मिट्टी व पेड़-पौधों को ड्रिप सिंचाई सिस्टम के माध्यम से पानी देने के लिए मुख्य सप्लाई पाइप के साथ ड्रिप एमिटर्स (ड्रीपर्स), फीडर पाइप लाइन और अन्य कनेक्टर्स लगाकर प्रत्येक पौधे की जड़ों तक पानी को बूंद-बूंद करके पहुंचाया जाता है।
ड्रिप सिंचाई किट लगाने की स्टेप्स!
गार्डन में ड्रिप इरिगेशन सिस्टम लगाने के लिए हम सबसे पहले मुख्य सप्लाई पाइप लाइन बिछायेगें और अपने पौधों की संख्या के अनुसार फीडर पाइप लाइन तैयार करेंगे।
Step-1
फीडर पाइप लाइन तैयार करने के लिए मुख्य पाइप लाइन से प्रत्येक गमले के बीच की दूरी के आधार पर फीडर पाइप को उचित लम्बाई का काटते हैं।
Step-2
अब काटे गए फीडर पाइप के एक सिरे पर पिन कनेक्टर तथा दूसरी ओर एमिटर स्टेक्स लगाकर ड्रिप एमिटर लगाया जाता है। इस प्रकार सभी काटी गई फीडर पाइप लाइन को तैयार करें।
Step-3
अपने गार्डन की मुख्य सप्लाई पाइप लाइन के एक सिरे को नल कनेक्टर की मदद से पानी वाले नल से जोड़ दें, ताकि पाइप में पानी का आदान-प्रदान हो सके।
Step-4
अब मुख्य सप्लाई पाइप लाइन में सभी तैयार की गई फीडर पाइप लाइन्स को जोड़ने के लिए ड्रिप होल पंच की मदद से छेद कर फीडर पाइप लाइन के पिन कनेक्टर वाले हिस्से को लगाएं और प्रत्येक फीडर पाइप लाइन में लगे हुए एमिटर स्टेक्स को गमले की मिट्टी में लगा दें।
Step-5
इसके बाद मुख्य सप्लाई पाइप लाइन के दूसरे खुले हुए सिरे को लगभग 6 इंच की दूरी से मोड़कर बेल्टनुमा आकार के एंड केप से बंद कर दें, ताकि अतिरिक्त पानी बाहर न निकले।
Step-6
इस विधि से ड्रिप इरिगेशन सिस्टम गार्डन में इंस्टाल करने के बाद अब आपके गार्डन में पेड़-पौधों को पानी देने के लिए ड्रिप सिंचाई सिस्टम तैयार है। अब आप मुख्य सप्लाई पाईप लाइन के साथ जुड़े नल के टैप को खोलकर अपने पौधों को आसानी से एकसमान व कम प्रेशर से पानी दे सकते हैं।
Step-7
गार्डन में ड्रिप सिंचाई के क्या लाभ हैं?
गार्डन के सभी पौधों को एक साथ उनकी जरूरत के अनुसार लगातार पानी देने के लिए ड्रिप सिंचाई प्रणाली बेहद फायदेमंद हैं।
लाभ-1
ड्रिप सिंचाई सिस्टम पौधों की जड़ों व मिट्टी में नमी बनाए रखता है जिससे पौधों में पानी का अभाव नहीं होता, फलस्वरूप पौधे बिना किसी तनाव के तेजी से बढ़ते हैं।
लाभ-2
यह सीधा पौधों की जड़ों में पानी प्रदान करके पत्तियों व तनों को गीला होने से बचाता है जिससे पेड़ पौधों को बीमारी होने तथा कीट लगने की संभावना कम होती है।
लाभ-3
टपक सिंचाई सिस्टम पौधे के आस-पास की मिट्टी को गीला होने से रोक कर खरपतवार की वृद्धि को कम करता है।
लाभ-4
ड्रिप इरिगेशन सिस्टम के उपयोग से आपके समय और पानी की बचत होती है।
लाभ-5
गमले में लगे पौधों के जड़ क्षेत्र के नीचे पानी और पोषक तत्वों के बहाव को कम करता है, जिससे आपके पौधे स्वस्थ व तेजी से बढ़ते हैं।
लाभ-6
अन्य सिंचाई विधियों की तुलना में ड्रिप सिंचाई 90% पानी को मिट्टी में भेजता है, जिसमें बहुत कम वाष्पीकरण होता है तथा आपके पौधों को बढ़ने के लिए पर्याप्त पानी मिलता है।
लाभ-7
यह प्रणाली किन पौधों के लिए जरूरी है?
सब्ज़ियाँ- टमाटर, मिर्च, शिमला मिर्च, पत्ता गोभी इत्यादि।
फूल वाले पौधे – गुलाब, कार्नेशन, जरबेरा, एन्थ्यूरियम इत्यादि।
पेड़ – चाय, रबड़, कॉफी, नारियल आदि।
मसाले – हल्दी, लौंग, पुदीना आदि।
गार्डन में लगे हुए निम्न पौधों के लिए ड्रिप सिंचाई सिस्टम से पानी देना बेहद फायदेमंद होता हैं:
ड्रिप सिंचाई प्रणाली के नुकसान !
इसे सावधानी पूर्वक इंस्टाल करना होता है तथा इंस्टालेशन प्रक्रिया में समय लगता है।
कई बार फीडर पाइप लाइन पानी के सही तरीके से फ़िल्टर न हो पाने के कारण अवरुद्ध हो जाती है।
सूर्य की गर्मी ट्यूबों को प्रभावित करती है, कभी-कभी वे अत्यधिक गर्मी के कारण टूट जाती हैं।
यदि ड्रिप इरीगेशन को ठीक से स्थापित नहीं किया जाता है, तो यह समय, पानी और मेहनत की बर्बादी है।
जब शीर्ष ड्रेसिंग उर्वरकों को सक्रीय करने के लिए पानी के छिड़काव की आवश्यकता होती है तब इस स्थिति में ड्रिप सिंचाई असंतोषजनक हो सकती है।
ड्रिप सिंचाई प्रणाली कब उपयोगी है?
गार्डन में लगे हुए पेड़-पौधों तथा विभिन्न प्रकार के फल-फूल, सब्जियों व जड़ी-बूटी वाले पौधों को कम दबाव व धीमी गति से पर्याप्त मात्रा में पानी देने के लिए इस सिस्टम का उपयोग किया जाता है।
आउटडोर पौधों के लिए मिट्टी में नमी बनाए रखने के लिए सर्वश्रेष्ठ स्वचालित जल प्रणाली के रूप में ड्रिप इरिगेशन सिस्टम का उपयोग किया जाता है।
रूफ टॉप गार्डनिंग या टेरेस गार्डनिंग में सभी पौधों को पानी देने के लिए जब आपके पास समय की कमी हो तब यह बेहद उपयोगी है।