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Om Thakur

गर्मी में पौधों को पानी देने के सही नियम क्या हैं?

यदि आप गार्डन में पौधों को उगा रहे हैं और पौधों के सूखने या नष्ट होने की समस्याओं का सामना कर रहें हैं तो हम आपको बता दें कि इसका एक प्रमुख कारण पौधों में सही तरीके से पानी न देना है।

होम गार्डन के पौधों को कम पानी देने से वे मुरझा जाते हैं तथा बहुत अधिक पानी दे देने से भी पौधे नष्ट हो जाते हैं। इसलिए गर्मी के मौसम के दौरान पौधों को मुरझाने से बचाने के लिए गार्डन या गमले की मिट्टी में लगे पौधों में पानी डालने का सही तरीका पता होना चाहिए

यदि आपके मन में भी यह सवाल आता है कि, पौधों को पानी देने का सही समय क्या है? पौधों को कितनी बार पानी देना चाहिए? तथा क्या है पौधों को पानी देने का सही तरीका? हम इन्ही सभी सवालों के जबाव व पौधों को पानी देने से जुड़ी सही जानकारी इस स्टोरी में जानेंगे!

गार्डन में पौधों को पानी देने के रूल!

यदि आप गार्डनर्स हैं और अपने होम गार्डन में लगे पौधों को पानी देने को लेकर चिंतित हैं, तो आइये जानते हैं पौधों को पानी देने के गोल्डन रूल या नियम के बारे में:

पानी देने से पहले पौधों को करें चेक!

पौधों को सही समय पर पानी देने के लिए रेगुलर चेक करते रहें, ताकि पौधे को उसकी जरूरत के अनुसार पानी दिया जा सके। जिन पौधों को कम पानी की जरूरत होती है उन्हें एक साइड व जिन्हें ज्यादा पानी की जरूरत होती है उन्हें दूसरी साइड रख देना चाहिए। 

सही समय पर दें पौधों को पानी!

सुबह और शाम को मौसम ठंडा होता है अतः इस समय पौधे लगे गमले की मिट्टी भी ठंडी होती है, इसीलिए इस समय पौधों को पानी देना उचित होता है। 

जड़ो को दें पानी, पत्तियों को न करें गीला!

पानी देने के दौरान हमेशा यह याद रखना चाहिए कि, पानी पौधे की जड़ों को देना है न कि पत्तियों को। क्योंकि पौधे की पत्तियों के गीले रहने से धूप में उनके जलने की संभावना एवं पत्तियों पर फफूंद रखने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे पत्तियां धीरे धीरे सड़ सकती हैं।

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पानी बचाने वाली सिंचाई पद्धति का करें उपयोग

ड्रिप इरीगेशन प्रणाली एक ऐसी सिंचाई पद्धति है जिसमें पौधे लगे गमले की मिट्टी में बूंद-बूंद करके पानी दिया जाता है, जिससे मिट्टी की नमी को बनाए रखने में मदद मिलती है। इस सिंचाई प्रणाली से पानी का भी बचाव होता है तथा पौधे में ओवर वाटरिंग की समस्या भी समाप्त हो जाती है।

पौधे लगे गमले की मिट्टी में न होने दें जल भराव

पौधे की मिट्टी में जल भराव से पौधे की जड़ों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है, जिससे जड़ों के नष्ट होने की सम्भावना होती है। इसीलिए गमले की मिट्टी में अतिरिक्त जल भराव न होने दें।

मिट्टी सूखी दिखाई देने पर दें पानी!

जिन पौधों को अच्छे से ग्रो करने के लिए लगातार नमी की जरूरत होती है, उनको एक बार पानी देने के बाद दूसरी बार पानी तब दें जब मिट्टी की ऊपरी परत थोड़ी सूख जाये।

गमले में होल ड्रेनेज सिस्टम

यदि आप गमले या ग्रो बैग में पौधों को लगाना चाहते हैं तो यह सुनिश्चित जरूर करें कि गमले या ग्रो बैग की तली में जल निकासी छिद्र जरूर हो। पौधों में पानी देने के बाद जरुर चेक करें की पानी उस होल में से निकल रहा है या नहीं।

घर से बाहर जाते समय कैसे रखें पौधों का ध्यान

एक बेकार खाली बोतल लें और उसमें पानी भरें। अब पौधे लगे गमले की मिट्टी में बोतल को 2 से 3 इंच की गहराई में उल्टा करके गढ़ा दें। इससे पानी बूँद-बूँद करके पौधों की जड़ों में रिसता रहेगा। जिससे आपके पौधे सूखने से बचे रहेगें और मिट्टी में भी नमी बनी रहेगी।

कैसे जाने पौधे में पानी की अधिकता !

गमले या गार्डन की  मिट्टी में लगे पौधों में अधिक पानी देने (ओवरवाटरिंग) से निम्न लक्षण प्रगट होते हैं, जैसे:

मिट्टी दलदली होना

पौधे में फफूंद व कीटों का लगना आदि।

जड़ों की कोशिकाओं के सड़ने से पौधे का सूखना या मुरझाना

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पानी की कमी का पौधों पर प्रभाव !

पत्तियों का मुरझाना

पौधे की मिट्टी का सूख जाना

पत्तियों का रंग हरा न होना

पौधे का तेजी से न बढ़ना

प्रकाश संश्लेषण क्रिया का स्लो होना, इत्यादि।

पौधे की पत्तियों और फूलों का टूटकर गिरना या झड़ जाना

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