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Om Thakur
नीम तेल के फायदे और गुण जो बनाते हैं पौधों को बेहतर !
नीम का तेल एक अच्छा प्राकृतिक कीटनाशक होता है। नीम ऑयल पौधों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों, माइट्स, कवक को मारता है, उन्हें पास आने से रोकता है और पौधों को स्वस्थ रखता है।
आर्गेनिक गार्डनिंग के लिए नीम तेल का उपयोग काफी अधिक किया जा रहा है। आज इस स्टोरी में हम हानिकारक कीट पतंगों जैसी समस्याओं के समाधान के लिए एक नॉन-टॉक्सिक पेस्टिसाइड नीम तेल के बारे में जानेगें।
नीम ऑयल क्या है?
नीम तेल को नीम के बीजों और पत्तियों से प्राप्त किया जाता है। यह तेल न केवल पौधों को नुकसान पहुंचाने वाले विशिष्ट कीटों को नष्ट करते हैं, बल्कि यह हानिकारक कीटों को पौधे के पास आने से भी रोकता है। यह किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं फैलाता है तथा नॉन टॉक्सिक होता है।
क्या नीम का तेल सुरक्षित है?
यह पूर्ण तरीके से सुरक्षित होता है, जब इसका ठीक से उपयोग किया जाता है। नीम का तेल मधुमक्खियों, तितलियों और लेडीबग्स जैसे अधिकांश लाभकारी कीटों के लिए कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है। यह मिट्टी के अन्दर पाए जाने वाले केंचुओं के लिए भी हानिकारक नहीं होता है।
नीम तेल का कीटनाशक प्रभाव
यह तेल एक जैविक कीटनाशक के रूप में काम करता है, इसे पौधों पर स्प्रे करने पर पौधे द्वारा आसानी से अवशोषित कर, सम्पूर्ण ऊतक में वितरित हो जाता है। यह घुन को प्रतिकर्षित करता है और चबाने या चूसने वाले कीड़ों की लगभग 200 से अधिक प्रजातियों पर भी बेहद असरदार होता है, जिनमें शामिल एफिड्स, मिलीबग, लीफ हॉपर, स्केल इंसेक्ट्स, व्हाइट फ्लाई, इत्यादि।
नीम तेल का कवकनाशी प्रभाव
नीम तेल एक बेहतर कवकनाशी (fungicide) के रूप में कार्य करता है। 1 प्रतिशत नीम ऑयल सलूशन का पौधों पर स्प्रे करने पर यह पौधे को कवक (fungi), फफूंदी (mildew) और रस्ट (rusts fungus) से सुरक्षित रखता है। यह रूट रोट, ब्लैक स्पॉट, सूटी मोल्ड जैसी बीमारियों से रक्षा करता है।
नीम तेल का उपयोग है नॉन टॉक्सिक
यंग प्लांट की ग्रोथ के लिए नीम के तेल का पत्तियों पर स्प्रे सबसे अधिक लाभदायक होता है। यह पक्षियों, मछलियों, मधुमक्खियों और पशु जीवों के लिए भी नॉन टॉक्सिक होता है।
इसका उपयोग कैसे करें?
कीट के प्रकोप के आधार पर 1 लीटर पानी में 1 चम्मच लिक्विड साबुन को अच्छी तरह घोल कर, 3-4 ml नीम ऑयल को मिलाएँ। अब इस घोल को स्प्रे पंप में लेकर पौधों की पत्तियों के दोनों तरफ और कीट प्रभावित क्षेत्र में स्प्रे करें। पौधों की सभी सतहों को पूरी तरह से गीला होने तक इसका छिड़काव करें। अधिक गर्म या अधिक ठंडे पानी में नीम का घोल बनाकर स्प्रे न करें।
नीम तेल का NPK कितना होता है?
पूरी तरह से आर्गेनिक नीम तेल में एनपीके (NPK) अनुपात अर्थात नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम का अनुपात सामान्यतः 20:10:10 होता है।
नीम का तेल कैसे बनाया जाता है?
नीम के तेल को नीम पेड़ के बीजों से प्राप्त किया जाता है, जिसमें अज़ादिरेक्टिन की अधिक मात्रा पाई जाती है। अज़ादिरेक्टिन नीम के बीज और पेड़ के अन्य भागों से प्राप्त होने वाला सबसे आम कीटनाशक यौगिक है।
तेल निकालने के लिए कोल्ड-प्रेस्ड प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया में कोल्ड-प्रेस्ड में कम ताप विधियों का उपयोग करके नट्स या बीजों को कुचला जाता है। प्राप्त होने वाला तेल 100% शुद्ध होता है, जिसे उपयोग करने से पहले पानी के साथ मिश्रित कर पतला किया जाता है।
नीम तेल का उपयोग कब करें?
नीम के तेल का छिड़काव सुबह या शाम के समय ही करना चाहिए, क्योंकि इस समय लाभकारी कीड़े निष्क्रिय होते हैं। इसके अलावा दोपहर और अधिक धूप में नीम तेल को स्प्रे करने से बचें, क्योंकि धूप और गर्मी में छिड़काव करने से पत्ते जल सकते हैं। शाम के समय नीम ऑयल का छिडकाव बेहद फायदेमंद होता है।
नीम का तेल छोटे पौधे से लेकर बड़े पौधे में लगने वाले कीड़ों को नियंत्रित करने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।
यह एक प्रभावी कीटनाशक है, जो कीटों की सैकड़ों प्रजातियाँ जो पौधों के लिए हानिकारक होती है, को प्रभावी ढंग से नियंत्रित कर सकता है।
मिट्टी में पाए जाने वाले लाभकारी केंचुओं को नीम ऑयल से कोई नुकसान नहीं पहुँचता है।
चूँकि नीम ऑयल बायोडिग्रेडेबल और नॉन-टॉक्सिक होता है, अतः यह भूजल को प्रदूषित नहीं करता है।