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Om Thakur

जानिए गार्डनिंग में पोटाश उर्वरक के उपयोग व फायदे !

अगर आपके गार्डन में लगे हुए पेड़-पौधों की उचित देखभाल करने के बाद भी उनकी ग्रोथ नहीं बढ़ रही है या फल वाले पौधे में फूल और फल नहीं आ रहे हैं,  इत्यादि जैसी अनेक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं तो यह पौधों में आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व पोटेशियम की कमी का संकेत हो सकता है।

जैविक पोटाश उर्वरक आपके पौधों को बड़े फल और सब्जियां उगाने के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। प्राकृतिक आर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र जैविक पोटाश के बारे में जानना चाहते हैं तो इस स्टोरी को पूरा देखें।

जैविक पोटाश उर्वरक क्या होता है?

पोटाश जमीन में उपलब्ध खनिज पत्थरों का स्ट्रक्चरल कंपोनेंट है, यह मिट्टी में कोम्प्लेक्स रूप में पाया जाता है, लेकिन यह पौधों के लिए उपलब्ध नहीं होता। पौधों में पोटेशियम पोषक तत्व की कमी को दूर करने के लिए तथा अच्छी ग्रोथ देने के लिए ऑर्गेनिक तरीके से बनाया गया पोटाश फर्टिलाइजर का उपयोग किया जाता है।

इसका उपयोग कैसे करें?

पोटाश खाद तरल पदार्थ (लिक्विड), पाउडर एवं दानेदार उर्वरक के रूप में आता है। होम गार्डन में आप इस उर्वरक का उपयोग निम्न तरीके से कर सकते हैं:

लिक्विड पोटाश का उपयोग आप पौधों पर स्प्रे करके कर सकते हैं।

पोटाश उर्वरक के पाउडर का उपयोग किसी अन्य उर्वरक या मिट्टी के साथ मिलाकर करें।

दानेदार पोटाश का उपयोग गार्डन की मिट्टी में हाथ से बिखेर कर किया जा सकता है।

फूलों के पौधों के लिए पोटाश उर्वरक का उपयोग कैसे करें

फूल वाले पौधों के लिए लिक्विड पोटाश उर्वरक का उपयोग करने पर आपको अधिक विकसित व स्वस्थ फूल प्राप्त होंगे, इसके लिए आप अपने पौधों की आवश्यकता के अनुसार ½ या 1 चम्मच पोटाश उर्वरक को 1 लीटर पानी में घोलकर लिक्विड तैयार कर सकते हैं, फूल वाले पौधे पर कलियाँ खिलने पर आप हर 15 से 20 दिन के अन्तराल में पौधों को यह खाद दे सकते हैं।

पोटाश उर्वरक का NPK कितना होता है?

पोटाश उर्वरक पाउडर में एनपीके (NPK) अनुपात अर्थात नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम का अनुपात पोटेशियम नाइट्रेट के लिए 13:0:45, पोटेशियम क्लोराइड के लिए 0:0:60, पोटेशियम सल्फेट के लिए 0:0:50 एवं पोटेशियम शोनाईट के लिए 0:0:20 होता है।

पोटेशियम से भरपूर पोटाश उर्वरक पाउडर!

पौधे में फूल आने की क्रिया से लेकर फल लगने तक के समय के दौरान पोटेशियम की सबसे अधिक आवश्यकता होती है। पोटाश उर्वरक में मौजूद पोटेशियम आपके गमले की मिट्टी में लगे हुए पौधों को बीमारी से लड़ने तथा मजबूत और स्वस्थ जड़ें विकसित करने में मदद करता है।

पोटाश उर्वरक का उपयोग कब करें?

अगर आपको अपने गमले में लगे हुए पौधों में पोटेशियम की कमी के लक्षण दिखाई देते हैं तो आप पोटाश उर्वरक का उपयोग कर सकते हैं:

पोटाश की कमी से पौधों की पत्तियां किनारों पर सूखने लगती हैं।

पोटेशियम की कमी से फलदार पौधों में अधिक फल व फूल नहीं आ पाते।

इसकी कमी से पौधा कमजोर होने लगता है जिससे पौधों में कीट और रोग लगने की समस्या काफी हद तक बढ़ जाती है।

पोटाश खाद के फायदे!

जैविक पोटाश पौधों को बड़े फल और सब्जियाँ उगाने के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है।

फलदार पौधों में अधिक फलों के उत्पादन को प्रोत्साहित करता है।

यह पौधे की फलियों के दाने भरने, फल का आकार बढ़ाने व फलों को चमकदार बनाने में सहायक होता है।

यह जड़ स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

यह आपके पौधों को स्वस्थ रखने व पौधे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।

यह मिट्टी के पीएच मान को बढ़ाता है, अर्थात् मिट्टी की अम्लीयता को कम करके क्षारीयता को बढ़ाता है।