www.organicbazar.net
नारियल छीलते समय उसके रेशों से जो धूल झड़ती है, उसे ही कोको पीट कहा जाता है।
कोकोपीट में पानी को सोखने की क्षमता काफी अधिक होती है, यह काफी हल्का होता है।
कोकोपीट में अच्छा ड्रेनेज और हवा का प्रवाह बनाए रखने के कारण पौधों की जड़ों को फैलने में हेल्प करता है।
जब आप बाजार से या ऑनलाइन कोको पीट खरीदते हैं तो वह ईंटों के रूप में आता है, जिसका उपयोग आज हम आपको बताएंगे।
सबसे पहले एक बड़ा टब, ट्रे या बाल्टी लें। इसके बाद कोकोपीट ईंट (ब्रिक) को उस बर्तन में रख दें।
अब वाटरिंग कैन में पानी भर लें और पानी को कोकोपीट ईंट के ऊपर से डालना शुरू करें। ऐसा करने से कोकोपीट फूलने लगती है।
वाटरिंग कैन से पानी दें:
जब कोकोपीट अच्छे से पानी को सोख ले, तब ब्लॉक (ईंट) को हाथ से तोड़कर टब में अच्छे से फैला लें।
कोकोपीट अच्छे से फैला लें:
अब कोकोपीट को हाथ में लेकर अच्छे से निचोड़ें, और कुछ घंटो के लिए धूप में रख दें, सूखने के बाद यह यूज़ के लिए तैयार है।
धूप में रख दें:
बीज से सीडलिंग तैयार करने के लिए ग्रोइंग मीडिया के रूप में कोकोपीट का उपयोग किया जाता है।
ग्रोइंग मीडिया :
आप पोटिंग मिक्स तैयार करने के लिए कोकोपीट और वर्मीकम्पोस्ट और 10% पर्लाइट को बराबर मात्रा (लगभग 40-40%) में मिला लें।
मिट्टी रहित पॉटिंग मिक्स:
1पेड़-पौधों की मल्चिंग करने के लिए भी कोकोपीट का इस्तेमाल किया जाता है।
मल्चिंग करें: