मानसून में पौधों को सड़ने का कारण और उनको बचाने के उपाय!

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मानसून का मौसम पौधों के लिए बहुत फायदेमंद होता है, लेकिन कभी-कभी अधिक बारिश और नमी के कारण पौधों के सड़ने की समस्या हो जाती है। आइए जानते हैं मानसून के दौरान पौधों के सड़ने के कारण और उन्हें बचाने के उपाय:

मानसून के दौरान अत्यधिक बारिश के कारण मिट्टी में पानी भर जाता है, जिससे पौधों की जड़ें सड़ने लगती हैं। यदि गमलों या बगीचों में जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था न हो तो पानी जमा हो जाता है, जो पौधों के सड़ने का मुख्य कारण बनता है।

मानसून के दौरान पौधे सड़ने के कारण

आर्द्रता और आर्द्र मौसम कवक और बैक्टीरिया के तेजी से विकास की अनुमति देता है जो पौधों को संक्रमित कर सकते हैं। बादल सूरज की रोशनी को कम कर देते हैं, जिससे पौधों की वृद्धि प्रभावित होती है और वे सड़ सकते हैं।

फंगल संक्रमण और अत्यधिक छाया: 

अच्छी जल निकासी सुनिश्चित करें: गमलों और बगीचों में अच्छी जल निकासी के लिए पर्याप्त छेद और पर्याप्त ढलान होनी चाहिए ताकि पानी जमा न हो।

पौधों को सड़न से बचाने के उपाय:

 रोपण के लिए ऐसी मिट्टी चुनें जो हल्की और अच्छी जल निकासी वाली हो, जैसे रेतीली मिट्टी या पॉटिंग मिक्स का उपयोग करें।

सही मिट्टी का चयन: 

बारिश के दौरान फंगस और बैक्टीरिया से बचाव बहुत जरूरी है। पौधों पर नियमित रूप से नीम के तेल या फफूंदनाशक का छिड़काव करें।

फफूंद नियंत्रण:

मानसून के दौरान पौधों को आवश्यकता से अधिक पानी न दें। पानी तभी दें जब मिट्टी की सतह सूख जाए।

पानी संतुलन बनाए रखें:

प्रभावित पत्तियों और शाखाओं को हटा दें संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए समय-समय पर सड़ी हुई पत्तियों और शाखाओं को हटा दें।

कटाई छंटाई करें

पौधों को समय-समय पर धूप मिलने दें। हो सके तो बारिश होने के बाद पौधों को कुछ देर के लिए धूप में बाहर रखें।

सूरज की रोशनी: