क्यों गिर जाते हैं लौकी के फल, जाने कारण व उपाय

Varsha Choudhary

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लौकी की बेल से फलों का गिरना एक आम समस्या है, जो अधिकांश गार्डनर्स को परेशान करती है। यह पोषक तत्वों की कमी, ओवरवाटरिंग या अंडरवाटरिंग जैसे कई अलग-अलग कारणों से हो सकता है। आज की स्टोरी में हम लोकी के फलों को गिरने से रोकने के लिए इसके कारण तथा उपायों के बारे में जानेंगे।

बॉटल गॉर्ड अर्थात् लौकी की बेल से फल गिरने या झड़ने के सम्भावित कारण निम्न हैं:

पोलिनेशन की कमी

पोषक तत्वों की कमी

पानी की कमी या अधिकता

तापमान में अधिक उतार-चढ़ाव

पोलिनेशन की कमी

अगर आपके होम गार्डन में मधुमक्खियां और तितलियां जैसे अन्य पोलिनेटर्स नियमित रूप से नहीं आते हैं, तो आपके लौकी की बेल से फल गिरने का कारण पोलिनेशन की कमी हो सकता है 

पोषक तत्वों की कमी 

अगर आपके गमले की मिट्टी में लौकी के पौधों के लिए पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व उपलब्ध नहीं हैं तो यह पौधों से फल व फूल गिरने का मुख्य कारण हो सकता है, इसमें नाइट्रोजन की मुख्य भूमिका होती है। नाइट्रोजन की अधिकता या कमी से लौकी के पौधे में फलों का उत्पादन प्रभावित होता है।

लौकी के पौधे में कम पानी देने से ये पौधे तनाव महसूस करेंगे, फलस्वरूप वह अपने फल गिरा देंगे। वहीं दूसरी ओर अगर आपके लौकी के पौधे को जरूरत से अधिक पानी दे दिया जाता है तो पौधे की जड़े सड़ने लगती हैं जिसके कारण भी लौकी की बेल से फल व फूल गिर जाते हैं।

पानी की कमी या अधिकता

लौकी के लिए दिन का तापमान 28°C-35°C तथा रात के समय 18°C से 22°C के मध्य का तापमान सबसे बेस्ट होता है इससे कम या ज्यादा तापमान पर लौकी के फल-फूल गिरने लगते हैं।

पर्याप्त तापमान न होना 

लौकी की बेल से फलों का गिरना रोकने के लिए उन्हें उचित तापमान, पर्याप्त पानी व फर्टिलाइजर उपलब्ध करें। लेकिन अगर प्रॉपर केयर के बाद भी लौकी के फल गिर जाते हैं, तो यह पॉलिनेशन या परागन की कमी के कारण हो रहा है, जिसके लिए आप लौकी के फूलों को हैण्ड पोलिनेट कर सकते हैं।

लौकी के फल गिरने से रोकें