जानिए कैसे कर सकते हैं, बैंगन में लगने वाले रोगों की रोकथाम!

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बैंगन या ब्रिंजल एक कॉमन सब्जी है, जिसे सभी लोग उगाना व खाना पसंद करते हैं और इसे बीज से उगाना तो बहुत आसान है।

 लेकिन कई बार इसकी देखभाल करना कुछ मुश्किल हो सकता है, क्योंकि यह पौधा रोगों के प्रति अतिसंवेदनशील होता है

जिससे इसे लगाने से लेकर हार्वेस्टिंग तक कई रोगों का खतरा बना रहता है इसलिए  बैंगन की अच्छी पैदावार के लिए रोगों की रोकथाम के उपाय अपनाने होंगे। 

डैम्पिंग ऑफ बैंगन की एक गंभीर बीमारी है, जिसमे अंकुर आधार से गल या सड़ जाते हैं इसे नचाव के लिए स्वस्थ बीज चुने, और बीजों को अधिक पास-पास न लगायें।

डंपिंग ऑफ रोग

इस रोग से बैंगन के पुरानी पत्तियों पर ब्राउन और काले रंग के धब्बे दिखाई देने लगते हैं बचाव के लिए पौधे की घास, लकड़ी की छीलन आदि से मल्चिंग करें।

अर्ली ब्लाइट रोग

बिल्ट रोग से पत्तियां ,शाखाएं पीली और ब्राउन रंग की होकर मुरझाने लगती हैं, ऐसे में आप ओवरवाटरिंग से बचें और एक ही स्थान पर बार-बार बैंगन के पौधे न लगाएं।

विल्ट रोग 

अल्टरनेरिया लीफ स्पॉट के संक्रमण से पत्तियों पर धब्बे बन जाते हैं इसे फल पीले होकर समय से पहले गिर जाते हैं  बचाव के लिए नीम तेल या कवकनाशी का स्प्रे करें। 

अल्टरनेरिया लीफ स्पॉट 

यह बैंगन के पौधे का एक वायरल रोग है, जो एफिड्स के माध्यम से फैलता है एफिड्स से संक्रमित पौधों को गार्डन से हटाएं और नीम ऑयल का स्प्रे करें।

मोजेक रोग

ब्लॉसम एंड रॉट रोग बैंगन के फल को प्रभावित करता है, इसके कारण फल पर हल्के काले रंग के धब्बे दिखाई देते हैं,बचाव के लिए बैंगन की रोग प्रतिरोधी किस्म चुने।

ब्लॉसम-एंड रॉट