जानिए गमलों में कैसे लगाया जाता है ड्रैगन फ्रूट का पौधा!  

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ड्रैगन फ्रूट को कमलम, पिताया, पिथाया व स्ट्रॉबेरी नाशपाती भी कहा जाता है।

यह गुलाबी रंग का फल स्वाद में मीठा और फायदेमंद होता है।

ड्रेगन फ्रूट का पौधा कैक्टस के समान दिखता है, जिसे बढ़ने के लिए पानी की कम आवश्यकता होती है।

गर्म जलवायु में उगने वाला फ्रूट प्लांट आपके गार्डन में लगाने के लिए एक बेहतर विकल्प है।

ड्रैगन फ्रूट प्लांट के बीज लगाने का सही समय फरवरी से अप्रैल और सितंबर से नवंबर का है।

ड्रैगन फ्रूट कब लगाएं:

पौधे को उगाने के लिए आपको 15-24 इंच व्यास और 10-12 इंच गहराई वाला पॉट लेना चाहिए।

ग्रो बेग या पॉट का साइज:

कमलम का पौधा अच्छी जल निकासी वाली कार्बनिक पदार्थों से युक्त रेतीली दोमट में अच्छी तरह से उगता है।

मिट्टी कैसे तैयार करें:

ड्रैगन फ्रूट के पौधे बीज की अपेक्षा कटिंग से लगाने पर जल्दी फल देने लगते हैं।

कटिंग द्वारा:

– अब मिट्टी की ऊपरी सतह पर ड्रेगन फ्रूट के बीजों को बिछाकर खाद की हल्की परत से ढक दें।

बीजों को बिछाएं:

ड्रेगन फ्रूट का पौधा कम पानी मिलने पर भी उग सकता है.

पानी:

ड्रैगन फ्रूट की अच्छी ग्रोथ और फूल व फल लगने के लिए 10 से 32 डिग्री जरुरत होती है। 

तापमान:

ड्रैगन प्लांट में अधिक से अधिक फूल व फल लगने के लिए प्रतिदिन 5 से 6 घंटे की धूप की जरूरत होती है। 

सूर्य प्रकाश:

ड्रेगन फ्रूट के पौधों को महीने में 1-2 बार वर्मीकम्पोस्ट, पुरानी गोबर खाद, प्रोम खाद  जरूर दें।

खाद: