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Om Thakur

होम गार्डनिंग में मिटटी के विकल्प "कोकोपीट" का उपयोग कैसें करें?

लगभग सभी लोग गार्डनिंग करने के लिए मिट्टी में बीजों को लगाते हैं, पर कई बार बीज सड़ जाते हैं या उग नही पाते, इसीलिए बीजों को अच्छे से जर्मीनेट करने के लिए आप कोकोपीट का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये कोकोपीट मिटटी का अच्छा विकल्प होता है।

सब्जियों व फूलों के बीज अंकुरित करने के लिए कोको कॉयर या कोकोपीट एक अच्छा माध्यम है, जो लम्बे समय तक पानी को सोखकर रखने की क्षमता के साथ बैक्टीरिया या फंगस न लगने जैसी खासियत रखता है। कोकोपीट को मिट्टी के साथ या मिट्टी के बिना भी सीड जर्मिनेशन के लिए भी उपयोग किया जा सकता है

कोकोपीट क्या है?

कोको कॉयर या कोकोपीट (cocopeat) को नारियल के छिलकों को रगड़ने से प्राप्त धूल से बनाया जाता है, जो कई गुणों से भरपूर होने के कारण पौधों के लिए फायदेमंद होता है।

कोकोपीट में उगाए जाने वाले प्लांट!

आप कोकोपीट में लगभग सभी प्रकार के पौधों को उगा सकते है। इसका पीएच मान 5 से 7 के बीच में होता है, जो सब्जी वाले पौधे ग्रो करने के लिए बेस्ट होता है। विभिन्न प्रकार की सब्जियों, फूल और जड़ी बूटी के बीज खरीदने के लिए यहां क्लिक करें।

कोकोपीट का उपयोग कैसे करें?

यह कोइंस और ब्रिक्स के आकार में आता है, जिसे आप ऑनलाइन खरीद सकते हैं।

होम गार्डन या टेरिस गार्डन में कोकोपीट के कई लाभ होते हैं, आइये जानते हैं पौधों को कोको कॉयर के इस्तेमाल से होने वाले प्रॉफिट के बारे में।

अब सीडलिंग ट्रे में रखे कोकोपीट को नम बनाएं। एवं  जब कोकोपीट पानी को सोख लेती है, तो वह फूलकर आकार में बड़ी हो जाती है।

अब आप कोकोपीट में बीज या पौधे लगा सकते हैं। फिर इस कोकोपीट में अंकुरित पौधों को सही आकार के ग्रो बैग या गमले की मिट्टी में रोपित करें।

पौधों को प्रत्यारोपित करने के बाद पौधे पर पानी डालें एवं पौधे को ऐसी जगह पर रखें, जहाँ सूर्य की पर्याप्त रोशनी मिल सके।

कोकोपीट में बीज कैसे लगाएं?

आप अपने घर पर कोकोपीट के इस्तेमाल से बीजों को आसानी से अंकुरित (Germinate) कर सकते हैं, आइयें जानते हैं बीज को जर्मिनेट करने की प्रोसेस के बारे में।

सीड जर्मीनेट करने के लिए सीडलिंग ट्रे या ग्रो बैग में कोकोपीट भरें, बीज अंकुरित करने के लिए आप कोकोपीट कोइन्स का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

कोकोपीट को नम बनाने के लिए इसमें पानी डालें, पानी डालने के बाद उंगली या अन्य गार्डनिंग टूल्स की मदद से इसमें छिद्र करें। अब इस छिद्र में बीज को उसके डायमीटर (Diameter) से दोगुनी गहराई में लगाएं।

अब इस छिद्र में बीज को उसके डायमीटर से दोगुनी गहराई में लगाएं। एवं बीज लगाने के बाद सीडलिंग को नियमित रूप से पानी देंते रहें।

लगभग एक से दो सप्ताह में बीज अंकुरित हो जाते हैं, पर आस पास के वातावरण व बीज क्वालिटी के आधार पर बीज अंकुरित होने में कम या ज्यादा समय लग सकता है। अब पौधे बड़े होने पर आप इन्हें उचित आकार के पॉट में लगा सकते हैं।

यदि आप मिट्टी के साथ कोकोपीट को मिलाकर पौधे को रोपित करना चाहते हैं, तो कोकोपीट एवं मिट्टी को बराबर मात्रा में मिलाना चाहिए। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि मिट्टी के साथ मिलाने से पहले कोकोपीट को नम बना लें।