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Om Thakur

टमाटर की अधिक उपज के लिए प्रूनिंग करने का सही तरीका !

यदि आप किचन गार्डनिंग में लगे टमाटर के पौधे की अच्छी ग्रोथ तथा ढेरों टमाटर प्राप्त करना चाहते हैं, तो इसके लिए टमाटर के पौधे की कटाई-छटाई या प्रूनिंग करना बहुत ही जरूरी है, क्योंकि टमाटर प्लांट्स की प्रूनिंग करने से उनमें बहुत ज्यादा टमाटर उगने लगते हैं और ये टमाटर बहुत पौष्टिक और हेल्दी होते हैं।

यदि टमाटर के पौधों की उचित तरीके से ट्रिमिंग की जाए तो टमाटर का एक पौधा बड़ी मात्रा में टमाटर का उत्पादन करने में सक्षम हो जाता है। तो आईये जानते हैं टमाटर के पौधों की सही तरीके से प्रूनिंग करके, बम्पर पैदावार कैसें कर सकते हैं:

टमाटर की इस किस्म की करें प्रूनिंग!

इससे पहले कि हम टमाटर प्लांट को ट्रिम करने के बारे में जानें, उससे पहले यह समझना महत्वपूर्ण है कि टमाटर की कितनी तरह की वैराइटी होती हैं। टमाटर के पौधे की मुख्यतः दो प्रकार की वैराइटी होती हैं- डिटरमिनेट टमाटर तथा इंडिटरमिनेट टमाटर। इन दोनों वैरायटी को अलग अलग तरह की प्रूनिंग की जरूरत होती है।

डिटरमिनेट एवं इंडिटरमिनेट टमाटर की पहचान कैसे करें!

टमाटर की डिटरमिनेट एवं इंडिटरमिनेट वैराइटी में अंतर जानना महत्वपूर्ण है, क्योंकि उन्हें समान मात्रा में छंटाई की आवश्यकता नहीं होती है। तो आईये जानते हैं अगली स्लाइड में दोनों वैरायटी में अंतर:

डिटरमिनेट टमाटर

इन टमाटर के पौधे मौसमी होते हैं और इनकी ग्रोथ की अवधि कम होती है।

एक निश्चित हाइट तक पहुंचने के बाद इसके पौधे में फल लगने लगते हैं और फिर पौधा बढ़ना बंद कर देता है।

ये पौधे गमलों में उगने के लिए आदर्श होते हैं, क्योंकि ये एक छोटी झाड़ी का रूप लेते हैं और ज्यादा जगह नहीं घेरते हैं।

डिटरमिनेट टमाटर के पौधे झाड़ी जैसे होते हैं और आमतौर पर केवल 5 से 6 फीट लम्बे होते हैं। जैसे ही वे फूलना शुरू करते हैं, वे अपनी शूट्स को बढ़ाना भी बंद कर देते हैं।

 इंडिटरमिनेट टमाटर

ये पौधे पूरे वर्ष ग्रोथ करते हैं और फल देते हैं। ये पौधे थोड़ी ज्यादा जगह वाले गार्डन में उगने के लिए आदर्श होते हैं, क्योंकि ये डिटरमिनेट टमाटर के पौधों की तुलना में काफी बड़े हो सकते हैं।

इनडिटरमिनेटपौधे बेल जैसे होते है जो 8 से 12 फीट तक या और अधिक ऊंचाई तक पहुंच सकते हैं।

इंडिटरमिनेट टमाटर के पौधों की छटाई करना आवश्यक हो जाता है, क्योंकि इनडिटरमिनेट टमाटर की प्रूनिंग न की जाए, तो वे काफी तेजी से फैलते हैं और बहुत अधिक जगह लेते हैं।

आप टमाटर के पौधे लगाने के लिए पॉटिंग मिक्स का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, पर सीधे गार्डन से खोदी गई मिट्टी का उपयोग करने से बचें।

प्रूनिंग करने का सही समय

जब पौधा लगभग 2 फीट की ऊँचाई तक पहुंच जाये, तब छंटाई कर सकते हैं। टमाटर के पौधों की सुबह के समय छंटाई करना सही रहता है क्योंकि इससे पौधे को दिन में सूखने और ठीक होने का समय मिल जाता है। इससे पौधों में संक्रमण नहीं हो पाता है।

डिटरमिनेट टमाटर की प्रूनिंग

इनमें ज्यादा कटाई-छंटाई की आवश्यकता नहीं होती है। इन टमाटर के पौधों की सिर्फ निचली पत्तियों की प्रूनिंग की जाती है, ताकि वे पत्तियां जमीन के संपर्क में न रहें। जमीन के संपर्क में रहने से पत्तियों में अर्ली ब्लाइट व फंगस जैसे रोग लग सकते हैं। ध्यान रहे कि टमाटर प्लांट की ऊपर की टहनियों को न काटें, इससे टमाटर के उत्पादन में नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

इनडिटरमिनेट टमाटर की प्रूनिंग !

ये टमाटर के पौधे ज्यादा लम्बे होते हैं और तेजी से फैलते हैं, इसीलिए इनकी प्रूनिंग अनिवार्य रूप से करनी होती है, जिसके बाद टमाटर का पौधा हेल्दी भी रहता है और टमाटर के पौधे में ज्यादा फल भी लगते हैं। इसकी प्रूनिंग की स्टेप्स अगली स्लाइड में दी गयी है।

टोमेटो प्लांट की पीली पड़ रही पत्तियों की करें छंटाई

पौधे की किसी भी सूख चुकी या पीली पड़ चुकी पत्तियों को हटा दें, क्योंकि टमाटर के पौधे की पीली पड़ चुकी पत्तियाँ शुगर का उत्पादन तो कम करती हैं लेकिन उपयोग अधिक मात्रा में करती हैं। टोमेटो की पत्तियों की संख्या कम करने से आपके लिए कीटों को नियंत्रित करना भी आसान हो जाता है।

टमाटर के पौधे की निचली पत्तियों की प्रूनिंग!

टमाटर प्लांट में जमीन को छूने वाली सभी निचली पत्तियों और शाखाओं को हटाना महत्वपूर्ण है, क्योंकि मिट्टी को छूने वाली पत्तियाँ टमाटर के पौधे में ब्लाइट जैसे रोग फैला सकती हैं।

टमाटर के पौधे से सकर्स को दूर करें

पौधे के मुख्य तने और पत्ती के बीच उपस्थित नोड से कुछ शूट्स (छोटे पौधे) निकलते हैं जिन्हें सकर्स कहते हैं। Iइनके हटाने से पौधे में ज्यादा टमाटर लगते हैं। सकर्स की प्रूनिंग करते समय जितना हो सके उतना करीब से काटें, ताकि उस नोड से दोबारा सकर्स न निकलें।

साइड शूट्स की प्रूनिंग क्यों आवश्यक है

साइड शूट्स को मुख्य तने पर लगा रहने दिया जाये, तो पौधा अपनी ऊर्जा को फूलों और फलों को बढाने के बजाय, टहनियों को उगाने पर केंद्रित करने लगता है। अतः इस अनावश्यक ऊर्जा को खर्च करने से रोकने के लिए मुख्य तने से निकलने वाली नीचे की टहनियों या साइड शूट्स को काट दिया जाता है।

टमाटर के पौधे की कटिंग के फायदे!

आपको अपने टमाटर के पौधे में कटाई छटाई करने की आवश्यकता तब है, जब आपका टमाटर का पौधा अधिक घना हो गया है लेकिन फिर भी ज्यादा टमाटर का उत्पादन नहीं कर रहा हो। घने टमाटर के पौधे की प्रूनिंग करने से पौधा बहुत अधिक ऊर्जा बचाता है और अपनी उस ऊर्जा का उपयोग फूलों की ग्रोथ के लिए करता है। प्रूनिंग के फायदे अगली स्लाइड में दिए गए हैं:

अधिक टमाटर प्राप्त होना !

यदि आप टमाटर के पौधों की प्रूनिंग करते हैं, तो इससे पौधे अपनी ऊर्जा को फल उत्पादन में खर्च करने लग जाते हैं, जिससे टमाटर के पौधे में अधिक फल लगने लगते हैं।

पौधे का अच्छा दिखना !

टमाटर के पौधे की कटाई छटाई कर देने से वे देखने में काफी सुन्दर लगने लगते हैं।

अधिक पके और बड़े टमाटर लगना !

यदि टमाटर के पौधे की समय पर छटाई या प्रूनिंग कर दी जाती है, तो इससे फल को बड़ा होने और तेजी से पकने में मदद मिलती है।

टोमेटो प्लांट का रोगों तथा कीटों से बचाव!

टमाटर को ट्रिम या प्रून करने से पौधे में वायु प्रवाह में सुधार होता है। अच्छे वायु प्रवाह से पानी देने के बाद पत्ते आसानी से जल्दी सूख जाते हैं, और कवक तथा अन्य कीटों के लगने की संभावना भी कम हो जाती है।

प्रूनिंग करते समय सावधानियां

टमाटर की प्रूनिंग से ज्यादा फल प्राप्त होते हैं, लेकिन यदि प्रूनिंग सही से न की जाए तो पौधे को नुकसान भी पहुँच सकता है, आइए जानते हैं टमाटर प्लांट की ट्रिमिंग करते समय किन बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए:

टोमेटो प्लांट के मुख्य तने को कभी भी न काटें।

सकर्स आदि को काटने के लिए चाकू या कैंची को इस्तेमाल करने से पहले अच्छे से सैनिटाइज कर लेना चाहिए।