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Om Thakur
गुलाब के पौधे को सूखने से कैंसे बचाएँ?
फूलों का राजा कहा जाने वाला आकर्षक गुलाब का पौधा यदि होम गार्डन में लगा हो तो गार्डन की सुन्दरता कई गुना बढ जाती है, लेकिन कई बार अच्छे से ध्यान न रख पाने के कारण गुलाब का पौधा सूख जाता है।
यदि गुलाब के पौधों की अच्छे से देखभाल न कर पाने के कारण आपका गुलाब का पौधा भी सूख रहा है, तो निश्चित ही आप जानना चाहते होंगे, कि गुलाब के पौधे को सूखने से कैसे बचाएं?
गुलाब का पौधा सूखने के कारण !
खराब जल धारण क्षमता वाली मिट्टी में गुलाब लगना
गुलाब के पौधे में पानी की कमी
उर्वरकों का अधिक इस्तेमाल
ज्यादा छाया में रखने से सूख सकता है गुलाब का पौधा
गुलाब के पौधे में कीटों का प्रकोप होना
गुलाब को सूखने से बचाने के तरीके
घर पर लगे गुलाब के पौधे को फिर से हरा भरा बनाने और सुगन्धित गुलाब के फूलों की ग्रोथ को बढ़ाने के लिए अगली स्लाइड में दिए गए तरीके अपना सकते हैं, जैसे:
मिट्टी की जल धारण क्षमता में करें सुधार
मिट्टी की जल धारण क्षमता बढाने के लिए उसमें ह्यूमस, कोकोपीट या गोबर खाद मिलाएं। गोबर खाद को मिट्टी में मिलाने से मिट्टी की जल धारण क्षमता बढ़ जाती है, जिससे गुलाब के पौधे की मिट्टी में पानी की मात्रा बनी रहती है, फलस्वरूप गुलाब का पौधा सूखने से बच जाता है और हरा भरा बना रहता है।
गुलाब के पौधे को दें पर्याप्त पानी !
गुलाब के पौधे की मिट्टी को सूखने से बचाने के लिए पौधों में गर्मियों के दिन कम से कम दो बार और ठण्ड में जब पौधे की ऊपरी मिट्टी सूखने लगे, तब पानी देना चाहिए। पौधे को पानी देने के लिए वाटरिंग कैन का प्रयोग करें।
उचित मात्रा में करें उर्वरकों का प्रयोग !
यदि गुलाब का पौधा ग्रोइंग स्टेज में है और आप उसमें अधिक मात्रा में उर्वरक डाल देते हैं, तो इससे पौधे की जड़ों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंच सकता है, जिससे गुलाब का पौधा सूख सकता है। अतः उचित समय और निश्चित मात्रा में ही गुलाब के लिए हमेशा जैविक उर्वरकों का उपयोग करें।
गुलाब के पौधे को दें उचित प्रकाश !
गुलाब के पौधे को सूखने तथा मरने से बचाने के लिए उसे ऐसी जगह रखना चाहिए, जहां पौधे को अधिकतम धूप मिल सके। क्योंकि गुलाब के पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए प्रतिदिन 6 से 8 घंटे की सीधी धूप आवश्यक होती है।
गुलाब के पौधों का करें रोगों से बचाव
गुलाब के पौधे के सूखने के मुख्य कारण हैं पाउडरी मिल्ड्यू और काला धब्बा रोग। पाउडरी मिल्ड्यू रोग से बचने के लिए पौधे को ऐसी जगह पर रखें, जहाँ सूर्य प्रकाश पर्याप्त मात्रा में प्राप्त होता हो एवं ब्लैक स्पॉट रोग से बचने के लिए फंगीसाइड का इस्तेमाल करें।
गुलाब का कीटों से करें बचाव
गुलाब के पौधे में एफिड्स कीट छोटे गुलाबी, हरे रंग या काले रंग के होते हैं, जो पत्तियों, कलियों और फूलों पर गुच्छों में चिपके रहते हैं तथा पौधों का रस चूसते रहते हैं, इससे पौधों की पत्तियाँ स्पर्श करने पर चिपचिपी लगती हैं। कीटों से बचाव के लिए आप नीम तेल का यूज़ कर सकते हैं।
सूखे गुलाब को हरा-भरा कैसे करें?
सबसे पहले गमले में लगे सूखे हुए गुलाब के पौधे की सूख चुकी टहनियों की प्रूनिंग कर दें और जो टहनियां हरी-भरी और स्वस्थ हैं उन्हें बचा रहने दें।
सूखे हुए गुलाब को हरा-भरा बनाने के लिए निम्न टिप्स को फॉलो किया जा सकता है:
प्रूनिंग करने के बाद गमले में लगे गुलाब के पौधे की चारो तरफ की मिट्टी को खुरपी या चाकू की मदद से ढीला कर लें। अब रोज प्लांट को आराम से गमले में से बाहर निकाल लें तथा जितनी मिट्टी आसानी से निकल रही हो उसे निकाल दें।
अब शेष मिट्टी लगे गुलाब के पौधे को एक बड़े बर्तन में रखें और उस बर्तन में पानी भर दें। 30 से 40 मिनट बाद पौधे की जड़ों को नुकसान पहुंचाए बिना पुरानी मिट्टी अपने आप निकल जाएगी, पौधे का मिटटी को हटाने का यह बेस्ट तरीका है
अब गुलाब को रिपोट (Repot) करने के लिए आप चाहें तो पुराने गमले को साफ़ करके उपयोग में ले सकते हैं या दूसरा गमला भी ले सकते हैं। पौधे को फिर से लगाने के लिए फ्रेश पॉटिंग मिक्स लें।
रोज फ्लावर प्लांट हेतु बेस्ट पॉटिंग मिक्स बनाने के लिए 50% गार्डन की काली मिट्टी में, 40% गोबर खाद तथा 10% वर्मी कम्पोस्ट खाद मिला लें। अब पॉटिंग मिश्रण को गमले में भरकर गुलाब के पौधे को ट्रांसप्लांट कर दें और पानी डालें।
कुछ दिन बाद गुलाब के पौधे पर कवकनाशी का छिडकाव करें। दो सप्ताह में गुलाब के पौधे में कुछ पत्तियां आ जायेंगी एवं लगभग एक से दो महीने में पौधे की लगभग सभी टहनियों में पत्ते और फूल आ जाएंगे।
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गुलाब के पौधे में अच्छे फूल खिलने के लिए एप्सम साल्ट, बोन मील या फिश मील जैसे फर्टिलाइजर का उपयोग कर सकते हैं।
गुलाब की देखभाल कैसे करें?
ग्रो बैग या गमले की मिट्टी में लगे गुलाब के पौधे को ऐसी जगह रखें, जहाँ उस पर सुबह-शाम की धूप पड़ें लेकिन दोपहर की तेज धूप न पड़ें।
जब गुलाब के पौधे की मिट्टी सूखी नजर आये तब पानी दें।
समय समय पर पौधे की मिट्टी की निंदाई-गुड़ाई करते रहें।
पौधे से मरे, मुरझाए, सूखे या खराब पत्तों-फूलों की प्रूनिंग समय पर करें।