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Created By: Om Thakur
घर पर ही आसानी से जैविक खाद कैसे तैयार करें?
पौधे की बढ़िया ग्रोथ के लिए कुछ लोग अलग-अलग तरह के केमिकल फ़र्टिलाइज़र का प्रयोग करते हैं, जिससे प्लांट की ग्रोथ तो हो जाती है, लेकिन इससे मिट्टी पर नेगेटिव इफेक्ट पड़ता है एवं हमारी हेल्थ भी इससे बुरी तरह प्रभावित होती है।
ऑर्गेनिक खाद हमारे पेड़-पौधों के लिए बेहद फायदेमंद होती है। जैविक उर्वरक के प्रयोग से गार्डन की मिट्टी तथा गमले या ग्रो बैग में लगे पौधों को कई प्रकार के फायदे होते हैं। यह पूरी तरह पर्यावरण के अनुकूल होती है, जिससे पौधों को नुकसान भी नहीं होता है। तो आईये घर पर आर्गेनिक खाद तैयार करने की मेथड जानते हैं:
जैविक खाद क्या है?
पशु-पक्षियों के मल-मूत्र, शरीर के अवशेष, उद्योगों से निकले हुए अवशिष्ट, तथा पेड़-पौधों की पत्तियों व शाखाओं इत्यादि अवशिष्ट पदार्थों के विघटन से तैयार खाद को जैविक खाद कहते हैं। जैविक उर्वरक को जीवांश खाद (bio fertilizer) या कार्बनिक खाद के नाम से भी जाना जाता है।
घर पर गोबर की खाद कैसे बनाएं !
गोबर खाद में 0.5-1.5% नाइट्रोजन, 0.4-0.8% फास्फोरस तथा 0.5-1.9% पोटाश की मात्रा पाई जाती है। गोबर खाद बनाने के लिए पशुओं के गोबर, मल-मूत्र, और चारे आदि को कम से कम 8-10 इंच गहरे गड्ढे या इससे बड़े गड्ढे में एकत्रित करें तथा इसे मिट्टी से ढक दें। अब लगभग 6 महीने में आपके द्वारा बनाई हुई गोबर की खाद तैयार हो जाएगी।
कंपोस्ट खाद बनाने की विधि
कम्पोस्ट खाद तैयार करने के लिए कम्पोस्ट बिन या गड्ढे में पेड़-पौधों के अवशिष्ट डालें तथा बीच-बीच में मिट्टी की हल्की परत भी बिछाते जाएँ। कम्पोस्ट बिन पूरा भर जाने के बाद इसमें नमी के लिए थोड़ा पानी डालें और बिन को ढक दें, ताकि खाद बनने की प्रक्रिया तेजी से सम्पन्न हो सके। हर 1-2 सप्ताह में मिश्रण को पलट दें, ताकि अपघटन (Decomposition) तेजी से हो। कम्पोस्ट खाद को बनने में 3-6 महीने का समय लग सकता है।
घर पर केंचुआ खाद कैसे बनाएं?
वर्मीकम्पोस्ट बनाने के लिए एक गड्ढा खोदें, जिसमें परत दर परत मिट्टी, कोकोपीट, गोबर खाद, किचिन वेस्ट, केंचुआ तथा अन्य अवशिष्ट पदार्थ डालकर गड्ढे को छिद्रयुक्त ढक्कन या बोरे से ढक दें। अब इस मिश्रण को समय-समय पर पलटते रहें तथा पर्याप्त नमी का ध्यान रखें। वर्मी कम्पोस्ट खाद लगभग 2 महीने में बनकर तैयार हो जाएगी, जो दिखने में चायपत्ती जैसी गहरे काले रंग की होगी।
घर पर पौधों के लिए हरी खाद कैसे बनाएं
हरी खाद बनाने में प्रयुक्त की जाने वाली फसलों जैसे – बीन्स, मस्टर्ड, अल्फाफा, मैथी इत्यादि को गार्डन के किसी निश्चित स्थान या बड़े आकार के गमले या ग्रो बैग में लगाया जाता है तथा 30-45 दिन के बाद इन कोमल पौधों को मिट्टी में पलट दिया जाता है। मिट्टी में पौधों के अपघटन के लगभग 3-4 महीने बाद आप इस मिट्टी का उपयोग पौधे लगाने के लिए कर सकते हैं।
पौधों के लिए बायो फर्टिलाइजर कैसे बनाएं?
बायो फर्टिलाइजर बनाने के लिए समुद्री शैवाल, पेड़-पौधों के अवशिष्ट, पत्ते, खरपतवार, फल, सब्जियां और अन्य जैविक सामग्री का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे तैयार करने के लिए आपके पास उपलब्ध सामग्री को एक कम्पोस्ट बिन में परत दर परत डालकर, उसमें ऊपर से पानी डालें और अच्छी तरह ढक दें। लगभग 1-2 महीने में जैव उर्वरक बनकर तैयार हो जाएगी तथा इसे अच्छी तरह छानकर लिक्विड फर्टिलाइजर के रूप में उपयोग कर सकते हैं।
जैविक खाद के फायदे!
मिट्टी की उर्वरता क्षमता बढ़ती है।
जैविक खाद, मृदा की जलधारण क्षमता को बढ़ाती है।
पौधों को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व उपलब्ध होते हैं।
ऑर्गेनिक खाद से मिट्टी में लीचिंग तथा कटाव कम होता है।
इससे मिट्टी का तापमान नियंत्रित करने में मदद करती है।
जैविक खाद, मृदा की जलधारण क्षमता को बढ़ाती है।
पौधों में फलों-फूलों का उत्पादन तथा पौधों की ग्रोथ बढ़ाने में जैविक खाद सहायक होती है।
ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर के उपयोग से मिट्टी की भौतिक व रसायनिक स्थिति में सुधार होता है।
जैविक खाद का उपयोग कैसें करें ?
आप गमले की मिट्टी में लगे पौधों में ऑर्गेनिक उर्वरक का उपयोग साइड ड्रेसिंग के रूप में कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त आप अपने होमगार्डन में लगे पौधे की ग्रोथ बढ़ाने के लिए हर 30-45 दिन के अन्तराल में जैविक खाद का उपयोग कर सकते हैं।
गमले या गार्डन की मिट्टी तैयार करते समय मिट्टी में 20-30% जैविक खाद (ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर) मिलाएं।