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Om Thakur
ककोड़ा या कंटोला एक बहुबर्षीय बेल या लता वाली सब्जी का पौधा है, जिसको एक बार लगा देने के बाद बेल से लगभग 7-8 सालों तक ककोड़ा फल प्राप्त किये जा सकते हैं। ककोड़ा के अन्य नाम कर्कोटकी, काकोरा, कंटोला, वन करेला, खेखसा, खेसका, अगाकारा, स्पाइन गार्ड, मोमोर्डिका डायोइका आदि हैं।
कर्कोटकी या ककोरा स्वादिष्ट होने के साथ-साथ प्रोटीन से भरपूर होते हैं, इसके फाइटोकेमिकल्स आपकी हेल्थ के लिये काफी लाभकारी होते हैं, यह नेत्र रोग, ह्रदय रोग एवं कैंसर जैसी बीमारियों की रोकथाम के लिए सहायक है।
ककोड़ा या कंटोला क्या है?
ककोड़ा या कंटोला लता के रूप में बढ़ने वाली सब्जी का पौधा है। नर्म मुलायम काँटों से युक्त ककोड़ा या कर्कोटकी अन्दर से सफ़ेद, बाहर से हरा एवं पकने पर लाल होता है। इसकी सब्जी खाने में काफी स्वादिस्ट होती है। ककोड़ा की बेल, करेले के बेल के जैसी ही होती है, जिसे बड़ा होने पर सहारे की जरुरत पड़ती है। इसके लिए आप क्रीपर नेट का उपयोग कर सकते हैं
ककोड़ा उगाने की सामग्री !
उत्तम किस्म के बीज
गमला या ग्रो बैग
आर्गेनिक खाद
पानी
मिट्टी
गमला या ग्रो बैग में मिट्टी लें
आप ककोरा या कंटोला के लिए 15x15, 18x18, 24x24 इंच या अपनी सुविधा के अनुसार बड़े गमले या ग्रो बैग को चुन सकते हैं। इसके बाद गमले में उपयोगी मिट्टी भरकर, नमी के लिए पानी का छिड़काव करें। कंटोला के पौधों के लिए मिट्टी का पीएच मान 5.5 से 7.0 के मध्य आदर्श होता है।
ककोड़ा के बीज !
मिट्टी में ककोरे के बीजों को लगभग ¼ से ½ इंच की गहराई में लगाएं और स्प्रे पंप की मदद से पानी का छिड़काव का करें। कंटोला के पौधे के लिए 26 से 35°C का तापमान आदर्श होता है
अंकुरण
ककोड़ा या कंटोला को अंकुरित होने में लगभग 7 से 10 दिन का समय लग सकता है।
कंटोला उगाने के लिए पानी
कंटोला या कर्कोटकी लगे गमले की मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में पानी देना चाहिए। पानी देने के लिए आप वाटरिंग कैन का प्रयोग कर सकते हैं।
आवश्यक खाद
आप ककोड़ा या स्पाइन गार्ड के पौधों में तेजी से विकास के लिए जैविक उर्वरक जैसे- गोबर खाद, वर्मीकम्पोस्ट, नीम केक, प्लांट ग्रोथ प्रमोटर और प्रोम (prom) आदि का उपयोग कर सकते हैं।
उचित धूप
कर्कोटकी या ककोरा के पौधों को अच्छी मात्रा में सूर्य-प्रकाश की आवश्यकता होती है। इसे कम से कम 6 से 8 घंटे की धूप मिलना चाहिए।
कीटों से सुरक्षा
ककोरे में मुख्यतः लीफ स्पॉट, पाउडरी मिल्ड्यू, डाउनी मिल्ड्यू, मोजेक वायरस जैसी बीमारियाँ लग सकती हैं, इन रोगों और कीटों से पौधों को बचाने के लिए पौधों पर नीम तेल या अन्य उपयुक्त दवा का छिड़काव करें।
आप ककोरा या कंटोला को बुवाई से 70 से 80 दिन के बाद हार्वेस्ट कर सकते है एवं इस सेहतमंद सब्जी का लुत्फ़ उठा सकते हैं। आप इसकी हार्वेस्टिंग के लिए गार्डनिंग सीजर का प्रयोग कर सकते हैं।