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Om Thakur

तेंदू है सर्दियों का फल, जाने घर पर कैसे उगाएं?

तेंदू, जिसे शेरोन का फल या अकमोल भी कहा जाता है, यह टमाटर के समान दिखने वाला पीला, नारंगी या लाल रंग का फल होता है, जो स्वाद में मीठा और बेहद स्वादिष्ट होता है। तेंदू जापान का प्रसिद्ध फल है, जो कि भारत के मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में लगाया जाता है।

तेंदू फल क्या है?

विंटर फ्रूट तेंदू एमपी और यूपी में उपस्थित विन्ध्याचल की पहाड़ी में पाये जाने वाला लाल, पीले और नारंगी रंग के गोल आकार का फल है, जिसे शेरोन का फल, अकमोल, जापानी फल, गाभ और केंदू के नाम से भी जाना जाता है। तेंदू पकने पर काफी स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है, वही कच्चा फल स्वाद में कड़वा और कसैला लगता है

सर्दियों का फल तेंदू आपकी सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद है, इसमें मौजूद मिनरल्स एवं विटामिन कई गम्भीर बिमारियों को दूर रखने में काफी ज्यादा लाभकारी है। इसमें फाइबर और एंटी-ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रोल एवं ह्रदय रोगों में काफी लाभकारी सिद्ध होता है।

तेंदू के हेल्थ बेनिफिट

तेंदू उगाने की आवश्यक सामग्री

पॉटिंग मिक्स मिट्टी

थर्मोफॉर्म पॉट एवं ग्रो बैग

फ़र्टिलाइज़र

गार्डनिंग टूल्स

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मिटटी एवं सीडलिंग ट्रे

आप घर पर ही बढ़िया उर्वरता वाली मिट्टी तैयार कर सकते हैं, इसके लिए 50% सामान्य मिट्टी, 30% वर्मी कम्पोस्ट, 10% रेत और 10% कोकोपीट के मिश्रण को अच्छे से मिला कर मिश्रण बनायें, फिर इस पोटिंग साइल को 7 इंच थर्मोफॉर्म पॉट में भर कर, तेंदू के उत्तम क्वालिटी के बीजों को बोयें और नमी के लिए पानी दें।

ग्रो बैग में सीडलिंग को ट्रान्सफर करें

7 इंच थर्मोफॉर्म पॉट में तेंदू के बीज 6 से 8 सप्ताह में अंकुरित हो जाते है, इसके बाद प्लांट में जब दो से चार वास्तविक पत्ते आ जाएँ तब आप इन प्लांट्स को 24x24 इंच के ग्रो बैग में ट्रांसप्लांट कर सकते हैं।

 पानी और धूप

विंटर सीजन में तेंदू को पानी तभी दें जब मिट्टी सूखी दिखाई दे, इस तरह से मिट्टी में नमी बनाये रखने के लिए उचित मात्रा में पानी सुबह और शाम के समय ही दें। इसके अलावा पौधे लगे ग्रो बैग को ऐसे स्थान पर रखें जहाँ कम से कम 6 घंटे की धूप प्राप्त हो सके।

आर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र एवं पेस्टिसाइड

विंटर सीजन में तेंदू के बीजों के अंकुरित होने पर PGP लिक्विड  फ़र्टिलाइज़र, पौधे की ग्रोथ के लिए मस्टर्ड केक एवं तेंदू प्लांट की वृद्धि के लिए आर्गेनिक वर्मी कम्पोस्ट एवं प्रोम फ़र्टिलाइज़र का उपयोग करें। इसके अलावा प्लांट को कीटों से बचाने के लिए नीम तेल का प्रयोग अवश्य करें।

हार्वेस्ट टाइम

बीज से उगाए गये तेंदू के पौधे में फल लगने में 4 से 8 साल तथा उससे अधिक समय भी लग सकता है तथा ग्राफ्टेड विधि से लगाए गये पौधे 3 से 5 सालों में फल देना शुरू कर देते हैं। जब फल पीले नारंगी रंग के होकर पूरी तरह पक जाए, तब आप उन फलों की हार्वेस्टिंग कर सकते हैं।

गार्डनिंग टूल्स

बागवानी करने के लिए गार्डनिंग टूल्स का उपयोग अवश्य करें, इससे बुआई से लेकर हार्वेस्टिंग तक का कार्य आसानी से पूर्ण हो जाता है और गार्डनिंग के दौरान आप पूरी तरह से सुरक्षित भी रहते हैं। बेस्ट क्वालिटी के गार्डनिंग टूल्स खरीदने के लिए नीचे दी गयी लिंक पर क्लिक जरूर करें।

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