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Om Thakur
हरी मिर्च खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ साथ हमारी सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। हरी मिर्च में विटामिन ए, B6, सी, आयरन, कॉपर, पोटेशियम, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट आदि पोषक तत्व पाए जाता हैं।
हरी मिर्च के सेवन से पाचन तंत्र को स्वस्थ, हड्डियों और दांतों को मजबूत और आँखों की रोशनी को तेज़ कर सकते हैं।
हरी मिर्च उगाने की सामग्री !
उत्तम किस्म के बीज
गमला या ग्रो बैग
आर्गेनिक खाद
पानी
मिट्टी
गमला या ग्रो बैग में मिट्टी लें
आप मिर्च को 12 x 12 इंच या अपनी सुविधा के अनुसार गमले या ग्रो बैग को चुन सकते हैं। गमले में उपयोगी मिट्टी भरें। आप इसमें मिट्टी भरकर, नमी के लिए पानी का छिडकाव करें।
मिर्च के बीज
इसे डायरेक्ट मेथर्ड और ट्रांसप्लांट मेथर्ड के द्वारा ग्रो किया जा सकता है। मिर्च के पौधे तैयार करने के लिए आप सबसे पहले अच्छी क्वालिटी के सीड लें। इसके बाद तैयार की गई मिट्टी से भरी सीड, सीडलिंग ट्रे या छोटे गमले में रखें।
अंकुरण
मिर्च के बीजों को जर्मिनेट होने में 7-10 दिनों का समय लग जाता है। 2 से 3 हफ्ते में मिर्च के पौधे की साइज़ लगभग 5-6 इंच हो जाती है और यह बड़े ग्रो बैग या गमले में ट्रांसफर करने के लिए तैयार हो जाते हैं।
हरी मिर्च उगाने के लिए पानी
पानी देते समय पौधे की पत्तियों को गीला न करें, क्योंकि गीली पत्तियों में रोग विकसित होने की सम्भावना बढ़ सकती हैं। मिर्च लगे गमले की मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में पानी देना चाहिए।
आवश्यक खाद
आप मिर्च के पौधों में तेजी से विकास के लिए जैविक उर्वरक जैसे वर्मीकम्पोस्ट, पुरानी गोबर की खाद आदि का उपयोग कर सकते हैं।
उचित धूप
पर्याप्त सूर्य प्रकाश की उपस्थिति में मिर्च का पौधा अच्छी तरह ग्रो करता है।
मिर्च में होने वाले रोग
मिर्च के पौधे में कई प्रकार के रोग लगते है जैसें- पत्ती मरोड़ रोग, पौधे का गलना, पत्तियों में धब्बा बनना, मिर्च का गलना, फफूंदी रोग, सफेद मक्खियां इत्यादि। रोगों के उपचार के लिए, पानी के साथ नीम के तेल का छिड़काव करें।
मिर्च के पौधे लगाने के 60 से 70 दिन बाद आप हरी मिर्च को हार्वेस्ट कर सकते हैं।