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Om Thakur
सौंफ को मीठी सौंफ या फेनेल नाम से भी जाना जाता है, यह एक हर्ब प्लांट है जिसकी उंचाई 4-6 फीट तक होती है। सौंफ के बल्ब (कंद) को सब्जी के रूप में तथा इसकी पत्तियों व बीज के समान फलों को खाने में स्वाद बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है।
किचिन गार्डन में सौंफ का पौधा लगाने के कई फायदे हो सकते हैं, जो खाने में स्वाद बढ़ाने के लिए किचिन में उपयोग किया जाता है। इस स्टोरी में हम जानेंगे सौंफ उगाने की विधि के बारे में :
सौंफ उगाने की सामग्री !
उत्तम किस्म के बीज
गमला या ग्रो बैग
आर्गेनिक खाद
पानी
मिट्टी
गमला या ग्रो बैग में मिट्टी लें
आप सौंफ के लिए अपनी सुविधा के अनुसार बड़े गमले या ग्रो बैग का चयन कर सकते हैं। इसके बाद गमले में उपयोगी मिट्टी भरकर, नमी के लिए पानी का छिड़काव करें।
सौंफ के पौधे तैयार करने के लिए आप सबसे पहले उत्तम क्वालिटी के बीज लें। इसके बाद तैयार की गई मिट्टी को ग्रो बैग या गमले में भरें और लगभग 1/2 इंच की गहराई में बीज बोयें।
अंकुरण
सौंफ के बीज 10 से 25 दिन के भीतर अंकुरित हो सकते हैं ।
सौंफ उगाने के लिए पानी
सौंफ लगे गमले की मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में पानी देना चाहिए, लेकिन जलभराव से बचें। पानी देने के लिए आप वाटरिंग कैन का प्रयोग कर सकते हैं।
आवश्यक खाद
आप सौंफ के पौधों में तेजी से विकास के लिए जैविक उर्वरक जैसे नाइट्रोजन युक्त खाद, वर्मीकम्पोस्ट, मस्टर्ड केक, नीम केक, पुरानी गोबर की खाद आदि का उपयोग कर सकते हैं।
उचित धूप
पर्याप्त सूर्य प्रकाश की उपस्थिति में सौंफ का पौधा अच्छी तरह से ग्रो करता है, इसे कम से कम 6 से 7 घंटे की धूप मिलना चाहिए।
कीटों से सुरक्षा
आमतौर पर एफिड्स और सफ़ेद मक्खी (वाइटफ्लाई) जैसे कीड़े आपके सौंफ के पौधे को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इनसे अपने पौधों को बचाने के लिए आप जैविक कीटनाशक के रूप में पेस्टीसाइड साबुन या नीम तेल के घोल का छिड़काव कर सकते हैं।