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Om Thakur
पपीता एक ऐसा फल है, जो हमारे लिए बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। इसका न केवल स्वाद अच्छा होता है, बल्कि यह पाचन में भी सहायक होता है। इस स्टोरी में हम जानेगें ड्वार्फ पपीता को घर पर गमले या ग्रो बैग में कैसे उगाएं?
ड्वार्फ पपीता क्या है?
बौना पपीता के पेड़ की ऊंचाई आमतौर पर 10 फीट से कम होती है। हालांकि इसकी कई किस्मों की ऊंचाई 3 से 5 फीट के बीच हो सकती है। यदि आप उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में नहीं रहते हैं लेकिन कंटेनर या गमले में पपीता उगाना चाहते हैं, तो बौना पपीता आपके लिए एक अच्छा विकल्प है।
बौना पपीता उगाने की सामग्री !
उत्तम किस्म के बीज
गमला या ग्रो बैग
आर्गेनिक खाद
पानी
मिट्टी
गमला या ग्रो बैग में मिट्टी लें
आप ड्वार्फ पपीता को 18 x 18, 18 x 24, 24 x 24 इंच या अपनी सुविधा के अनुसार बड़े गमले या ग्रो बैग को चुन सकते हैं। गमले में उपयोगी मिट्टी भरें। आप इसमें मिट्टी भरकर, नमी के लिए पानी का छिडकाव करें।
ड्वार्फ पपीता के बीज
आप पपीते के बीजों को डायरेक्ट मेथड से सीधे गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में लगा सकते हैं। गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में बीज लगाने के बाद पानी का छिड़काव करें।
अंकुरण
मिट्टी में बीज लगाने के बाद पपीता के बीज अंकुरित होने में लगभग 10 से 21 दिन का समय लग सकता है।
ड्वार्फ पपीते के लिए पानी
पपीते के पौधों को पर्याप्त मात्रा में पानी की जरुरत होती है और जैसे-जैसे पौधे की वृद्धि होती जाती है ,वैसें-वैसें अधिक पानी की जरुरत होती है। इसलिए पपीता के बढ़ते पौधों को पर्याप्त मात्रा में पानी दें।
आवश्यक खाद
आप पपीते के पौधें में तेजी से विकास के लिए जैविक उर्वरक जैसे वर्मीकम्पोस्ट, बोन मील, नाइट्रोजन युक्त उर्वरक, मस्टर्ड केक, नीम केक, पुरानी गोबर की खाद आदि का उपयोग कर सकते हैं।
उचित धूप
पर्याप्त सूर्य प्रकाश की उपस्थिति में पपीता का पौधा अच्छी तरह से ग्रो करता है, इसे कम से कम 6 से 8 घंटे की धूप मिलना चाहिए।
पोषक तत्वों की कमी से होने वाले रोग
पपीते के पौधे की वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्व और उनकी कमी के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं, जैसे:
नाइट्रोजन की कमी से पौधे की ग्रोथ धीमी हो जाती है।
फास्फोरस की कमी से पत्तियां पीली हो जाती हैं।
पोटेशियम की कमी से पत्तों पर भूरे रंग के धब्बे आ जाते हैं।
मैग्नीशियम की कमी से पौधे की ऊंचाई कम रह जाती है।
गमले में बीज लगाने के बाद पौधों की अच्छी देखभाल करते हुए, आपको लगभग 8-10 महीने में पपीता देखने को मिल सकते हैं। फलों को तभी तोड़े जब फल पीले हो जाएं।